सर्दी के आगमन के साथ ही लगभग पूरे देश में मूली की खेती शुरू हो गई है. लेकिन बहुत से किसान अभी भी मूली की बेहतर किस्मों को लेकर असमंजस में हैं. वे फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि मूली की किन उन्नत वैरायटी की खेती करें, ताकि उससे बंपर पैदावार मिले. लेकिन अब ऐसे किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है. आज हम मूली की एक ऐसी उन्नत किस्म के बारे में बातएंगे, जिसकी खेती करने पर किसानों को ज्यादा उत्पादन मिलेगा. खास बात यह है कि इस किस्म को आप घर बैठ ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं. यानी बीज खरीदने के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा.
मूली की छवि किस्म की खेती सबसे अधिक पहाड़ी क्षेत्रों में की जाती है. लेकिन मैदानी क्षेत्र वाले किसान भी इस किस्म की बुवाई कर सकते हैं. यह किस्म एक हेक्टेयर में औसत 32 से 35 टन उपज दे सकती है. इस किस्म से उगने वाली मूली का स्वाद हल्का तीखा और मीठा होता है. वहीं, ये किस्म बुवाई के केवल 50 से 60 दिन में तैयार हो जाती है.
अगर आप भी छवि किस्म की खेती करना चाहते हैं, तो इस बीज का 25 ग्राम का पैकेट फिलहाल 33 फीसदी की छूट के साथ मात्र 14 रुपये में राष्ट्रीय बीज निगम की वेबसाइट पर मिल जाएगा. इसे खरीद कर आप आसानी से मूली की खेती कर बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं.
राष्ट्रीय बीज निगम (National Seeds Corporation) आपकी सुविधा के लिए ऑनलाइन मूली का बीज बेच रहा है. इस बीज को आप ओएनडीसी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं. यहां आपको कई अन्य प्रकार की फसलों के बीज और पौधे आसानी से मिल जाएंगे. आप इसे ऑनलाइन ऑर्डर करके अपने घर पर डिलीवरी करवा सकते हैं.
मूली की खेती के लिए ठंडी जलवायु अच्छी रहती है. मूली की बुवाई से पहले खेत को अच्छे से तैयार कर लेना चाहिए. इसमें खेत की पांच से छह बार जुताई करनी चाहिए. वहीं, मूली की फसल के लिए गहरी जुताई की आवश्यकता होती है क्योंकि इसकी जड़ें जमीन में गहरी जाती हैं. साथ ही गहरी जुताई के लिए ट्रैक्टर या मिट्टी पलटने वाले हल से जुताई की जानी चाहिए. उसके बाद मूली के बीजों को तीन से चार सेंटीमीटर की गहराई पर बोना चाहिए ताकि बीजों का जमाव ठीक से हो सके.
घर के बगीचे में मूली उगाने के लिए उपजाऊ, ढीली, और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का इस्तेमाल करें. मिट्टी में पत्थर नहीं होने चाहिए और उसमें पानी अच्छी तरह से रिसना चाहिए. वहीं, मूली को धूप और थोड़ी छाया वाली जगह पर बोएं. ध्यान रखें कि आस-पास कोई भी पौधा मूली को छाया न दे. फिर बीजों को आधा इंच गहराई में और एक इंच की दूरी पर बोएं. पंक्तियों के बीच एक फ़ुट की दूरी रखें.