बिहार में खाद कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई, 86 प्रतिष्ठानों पर FIR, RJD के आरोपों पर सरकार का पलटवार

बिहार में खाद कालाबाजारी पर सख्त कार्रवाई, 86 प्रतिष्ठानों पर FIR, RJD के आरोपों पर सरकार का पलटवार

बिहार सरकार ने रबी 2025-26 में खाद की कमी के आरोपों को खारिज किया है. कृषि विभाग के अनुसार राज्य में यूरिया, डीएपी समेत सभी उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं. कालाबाजारी और तस्करी पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत 86 प्रतिष्ठानों पर FIR दर्ज की गई है, जबकि खाद को लेकर सियासत तेज हो गई है.

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क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Dec 26, 2025,
  • Updated Dec 26, 2025, 2:00 PM IST

राज्य में खादों की कोई कमी नहीं है. बिहार सरकार के कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार ने बताया कि 24 दिसंबर 2025 की स्थिति के अनुसार राज्य में रबी फसलों की जरूरत को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं. कृषि विभाग के मुताबिक वर्तमान भंडार में 2.37 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 1.23 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.10 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.40 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 1.11 लाख मीट्रिक टन एसएसपी शामिल है और किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है.

प्रधान सचिव ने कहा कि उर्वरकों की कालाबाजारी, तस्करी और अधिक मूल्य पर बिक्री रोकने के लिए कृषि विभाग द्वारा सख्त निगरानी की जा रही है.

रबी मौसम 2025-26 के दौरान 24 दिसंबर तक अनियमितताओं के मामलों में 31 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, जबकि 83 प्रतिष्ठानों के उर्वरक लाइसेंस पत्र रद्द किए गए हैं. शिकायतों के आधार पर कार्रवाई के लिए मुख्यालय स्तर पर उड़नदस्ता दल का गठन किया गया है, जो लगातार छापेमारी कर रहा है.

जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कड़ी कार्रवाई

प्रधान सचिव के निर्देश पर 25 और 26 दिसंबर 2025 को राज्यभर के उर्वरक प्रतिष्ठानों में पॉस मशीन में दर्शाए गए स्टॉक और भौतिक रूप से उपलब्ध उर्वरक की मात्रा का विशेष वेरिफिकेशन किया जा रहा है, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को तुरंत चिन्हित किया जा सके.

जिला स्तर पर कृषि पदाधिकारी ‘जीरो ऑफिस डे’ के तहत उर्वरक प्रतिष्ठानों की जांच के साथ किसानों से भी बातचीत कर रहे हैं.

उन्होंने निर्देश दिया कि जहां जिला और प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समितियों की बैठकें अब तक नहीं हुई हैं, वहां जल्द बैठक आयोजित की जाए. प्रखंडवार उर्वरक का उप-आवंटन वास्तविक जरूरत के आधार पर सुनिश्चित करने को कहा गया है. पॉस मशीन में दिखाए गए स्टॉक और वास्तविक स्टॉक में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में विशेष छापामारी दल गठित कर सशस्त्र सीमा बल के साथ तालमेल बनाते हुए उर्वरक तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं. प्रधान सचिव ने दोहराया कि किसानों को उचित मूल्य पर समय पर उर्वरक उपलब्ध कराना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

खाद की कमी पर राजनीति शुरू

आपको बता दें कि बिहार में खाद की कमी का मामला राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. अभी हाल में राष्ट्रीय जनता दल के सांसद सुधाकर सिंह ने इस मुद्दे को संसद में उठाया था. संसद में उन्होंने कहा, बिहार में गेहूं की बुआई चरम पर है, लेकिन यूरिया, डीएपी, फास्फेट और पोटाश जैसे खाद बाजार से गायब हैं.

महंगे दामों पर कालाबाजारी खुलेआम चल रही है. धान की खरीद लगभग ठप है, जो हो रही है उसमें भी 300–400 रुपये प्रति क्विंटल अवैध उगाही हो रही है. चुनाव से पहले एनडीए ने एमएसपी गारंटी का वादा किया था, लेकिन आज किसानों को अपनी फसल का पूरा दाम तक नहीं मिल रहा. किसानों के साथ यह सीधा छल है.

प्रदेश स्तर पर राष्ट्रीय जनता दल ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है. पार्टी ने सरकार को खाद की किल्लत का जिम्मेदार बताया है. इस पर कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल खुद चोर और भ्रष्टाचारी है और वे ही इस मुद्दे पर शोर मचा रहे हैं. रामकृपाल यादव ने चुनौती दी कि अगर राजद इस आरोप को साबित कर सके तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे.

उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग उन्हें मुख्यमंत्री ने सौंपा है, और वे पूरी जिम्मेदारी से अपना काम कर रहे हैं. मंत्री ने अधिकारियों को छापेमारी करने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिसका परिणाम यह है कि 86 स्थानों पर गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है.

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