Bihar: खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही खाद आपूर्ति को लेकर सरकार सतर्क, कालाबाजारी पर नजर

Bihar: खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही खाद आपूर्ति को लेकर सरकार सतर्क, कालाबाजारी पर नजर

बिहार के कृषि मंत्री ने कहा कि खरीफ सीजन में उर्वरकों की नहीं होगी कमी. हाल के समय में राज्य के पास 3.74 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 0.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.33 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.69 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.92 लाख मीट्रिक टन एसएसपी उपलब्ध है.

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अंक‍ित कुमार स‍िंह
  • Patna,
  • Jun 19, 2025,
  • Updated Jun 19, 2025, 5:11 PM IST

खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है. अप्रैल और मई के विराम के बाद किसान एक बार फिर खेतों की ओर रुख करने लगे हैं. इसके साथ ही आगामी दिनों में उर्वरकों के लिए दुकानों के बाहर किसानों की लंबी कतारें लगने की संभावना है. हालांकि, सरकार की मंशा है कि उर्वरकों को लेकर बाजारों में भीड़ न लगे. इसी उद्देश्य से राज्य सरकार ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. बिहार के कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने उर्वरकों की उपलब्धता से लेकर इसकी कालाबाजारी को रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया है.

इतने उर्वरकों की मिली स्वीकृति 

बिहार के उपमुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि खरीफ 2025 के लिए भारत सरकार द्वारा बिहार को 10.32 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 2.20 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.50 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.50 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.75 लाख मीट्रिक टन एसएसपी उर्वरकों की आवश्यकता के रूप में स्वीकृति दी गई है. 

खादों की नहीं होगी कमी-कृषि मंत्री 

कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य में उर्वरकों की आपूर्ति और भंडारण की स्थिति संतोषजनक है और किसी भी जिले में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने जानकारी दी कि 18 जून 2025 तक राज्य में 3.74 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 0.93 लाख मीट्रिक टन डीएपी, 2.33 लाख मीट्रिक टन एनपीके, 0.69 लाख मीट्रिक टन एमओपी और 0.92 लाख मीट्रिक टन एसएसपी का भंडार उपलब्ध है.

रद्द हुए इतने खाद विक्रेताओं के लाइसेंस 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उर्वरकों की कालाबाजारी, अवैध भंडारण और अधिक मूल्य पर बिक्री को रोकने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क और सक्रिय है. खरीफ 2025 के दौरान अब तक एक उर्वरक प्रतिष्ठान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है, वहीं 42 उर्वरक विक्रेताओं के प्राधिकार पत्र रद्द किए गए हैं. उन्होंने सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे जिला और प्रखंड स्तरीय उर्वरक निगरानी समितियों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित करें और क्षेत्रवार आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों का उप-आवंटन सुनिश्चित करें.

उर्वरकों का फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य 

कृषि मंत्री ने निर्देश दिया कि उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों में पीओएस मशीन में दर्शाई गई मात्रा और भौतिक रूप से उपलब्ध मात्रा का वेरिफिकेशन अवश्य किया जाए. किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर विधिसम्मत त्वरित कार्रवाई की जाए. इसके अतिरिक्त, कालाबाजारी रोकने और अधिक मूल्य पर विक्रय को नियंत्रित करने के लिए नियमित छापेमारी और निरीक्षण के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों की विशेष जांच टीम का गठन किया जाएगा.

अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में होगी सघन जांच 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे जिलों में उर्वरकों की तस्करी रोकने के लिए सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के साथ समन्वय स्थापित कर सघन निगरानी की जाए. उन्होंने किसानों से अपील की है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता की सूचना तुरंत जिला कृषि कार्यालय को दें ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके. आगे उन्होंने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार किसानों को समय पर, पर्याप्त मात्रा में और उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

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