बीते कुछ दिनों से मध्य प्रदेश के रीवा जिले में खाद वितरण खासकर यूरिया की सप्लाई में समस्या की खबरे सामने आई हैं. किसान कई दिनों से यूरिया न मिलने की बात कह रहे हैं. खाद बिक्री केंद्रों पर और गोदामों पर किसानों की लंबी कतार देखने को मिल रही हैं. इस बीच, यह मामला अब राजधानी भोपाल जा पहुंचा है. उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने गुरुवार को मंत्रालय में रीवा जिले में खाद वितरण व्यवस्था की समीक्षा की. बैठक में बताया गया कि आगामी तीन दिनों में रीवा जिले में 2 फुल रैक और 1 हाफ रैक यूरिया पहुंचेगी. एनएफएल की 1,900 मीट्रिक टन की रैक के रात तक पहुंचने की संभावना है.
वहीं, इफको के फूलपुर प्लांट से 2,700 मीट्रिक टन की रैक रवाना की जा चुकी है और इसके शुक्रवार शाम तक रीवा पहुचने की संभावना है. इसके अलावा चंबल फर्टिलाइजर की आधी रैक शुक्रवार को लोड होगी और 6 सितंबर की शाम तक जिले में पहुंचने का अनुमान है.
बैठक के दौरान उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा और पूरे विंध्य क्षेत्र में लगातार सिंचाई साधनों की व्यवस्था बढ़ी है, जिसके चलते खाद की मांग लगातार बढ़ रही है. क्षेत्र में कई किसान अब तीनों सीजन में खेती कर रहे हैं. इसलिए अब यहां किसानों को समय पर खाद उपलब्ध होनी चाहिए. डिप्टी सीएम ने अफसरों को खाद के स्टॉक और वितरण की व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए और केंद्रों पर सुचारू रूप से टोकन वितरण व्यवस्था चलाने और किसानों के लिए अन्य जरूरी सुविधाओं की व्यवस्थाओं को पूरा करने के लिए कहा.
बैठक में एमपी मार्कफेड के एमडी आलोक कुमार सिंह ने रीवा जिले में विभिन्न खादों की आवक और बिक्री की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रीवा जिले में 1 अप्रैल 2024 से 1 सितम्बर 2024 के बीच 23 हजार मीट्रिक टन यूरिया की बिक्री हुई थी. वहीं, इस साल 1 सितम्बर तक 26 हजार 860 मीट्रक टन यूरिया उपलब्ध रही, जिसमें से 23,360 मीट्रक टन यूरिया की बिक्री हो चुकी है और 500 मीट्रिक टन यूरिया बची हुई है. आलोक कुमार सिंह ने बताया कि जिले में 1300 मीट्रिक टन की आधी रैक 31 अगस्त की रात को पहुंची थी.
उन्होंने आगे जानकारी दी कि इस साल डीएपी और एनपीके का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने के लिए एडवांस प्लानिंग की गई है. पिछले साल 30 सितम्बर तक 18,674 मीट्रिक टन डीएपी और एनपीके की बिक्री हुई थी, जबकि इस साल 23 हजार मीट्रिक टन उपलब्धता रही और इसमें से 16, 544 मीट्रक टन की बिक्री हो चुकी है. वहीं, 6 463 मीट्रिक टन स्टॉक में मौजूद है.
बैठक में संचालक कृषि अजय गुप्ता और विभाग के सीनियर अफसर मौजूद थे. इससे पहले बुधवार को सीएम मोहन यादव ने भी सभी जिला कलेक्टरों को चेतावनी दी थी कि अगर जिले में खाद बांटने में कोई अव्यवस्था दिखी तो उसके लिए कलेक्टर जिम्मेदार होंगे.