Tomato Crop: मॉनसून के बाद टमाटर पर बढ़ जाता है इस कीट के हमले का खतरा, जानें बचाव के उपाय 

Tomato Crop: मॉनसून के बाद टमाटर पर बढ़ जाता है इस कीट के हमले का खतरा, जानें बचाव के उपाय 

Tomato Crop: व्हाइट फ्लाई का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि यह कीट टोमैटो लीफ कर्ल वायरस (TLCV) जैसी घातक बीमारी को फैलाता है. इस बीमारी से टमाटर की पत्तियां सिकुड़ जाती हैं और पौधे की नई वृद्धि रुक जाती है. संक्रमित पौधों पर फल या तो बहुत कम लगते हैं या फिर उनकी क्वालिटी बाजार योग्य नहीं रहती. कई बार पूरा खेत इस वायरस की चपेट में आकर किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा देता है. 

Tomato Plantation (Photo: Meta AI)Tomato Plantation (Photo: Meta AI)
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 07, 2025,
  • Updated Sep 07, 2025, 7:23 AM IST

क्‍यों खतरनाक है व्हाइट फ्लाई 

व्हाइट फ्लाई टमाटर के पौधों की पत्तियों का रस चूसती है, जिससे पौधों की वृद्धि रुक जाती है और पत्तियां पीली होकर झड़ने लगती हैं. यह कीट न केवल पौधे की ताकत छीन लेता है, बल्कि कई तरह की वायरस जनित बीमारियों को भी फैलाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि व्हाइट फ्लाई के कारण टमाटर की फसल की उत्पादकता में 50 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है. 

वायरस संक्रमण का खतरा

व्हाइट फ्लाई का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि यह कीट टोमैटो लीफ कर्ल वायरस (TLCV) जैसी घातक बीमारी को फैलाता है. इस बीमारी से टमाटर की पत्तियां सिकुड़ जाती हैं और पौधे की नई वृद्धि रुक जाती है. संक्रमित पौधों पर फल या तो बहुत कम लगते हैं या फिर उनकी क्वालिटी बाजार योग्य नहीं रहती. कई बार पूरा खेत इस वायरस की चपेट में आकर किसानों को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा देता है. 

कैसे मौसम में होता है हमला 

व्हाइट फ्लाई का प्रकोप खासतौर पर गर्म और शुष्क मौसम में अधिक होता है. जब तापमान बढ़ता है तो इनकी संख्या तेजी से बढ़ जाती है और यह एक पत्ते से दूसरे पौधे पर आसानी से फैल जाते हैं. यही कारण है कि मॉनसून के बाद और गर्मियों की शुरुआत में इसका हमला सबसे खतरनाक रूप लेता है. 

किसानों के लिए चुनौती

पिछले कुछ सालों में व्हाइट फ्लाई का असर टमाटर उगाने वाले किसानों पर गहरा पड़ा है. खासकर उन इलाकों में जहां टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर होती है, किसानों को फसल बचाने के लिए कई बार महंगे कीटनाशकों का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन बार-बार छिड़काव करने से न केवल लागत बढ़ती है बल्कि कीटों में कीटनाशक प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित हो जाती है.  

बचाव और उपाय

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि व्हाइट फ्लाई से बचाव के लिए केवल कीटनाशकों पर निर्भर रहना कारगर नहीं है. इसके लिए समेकित कीट प्रबंधन (आईपीएम) अपनाना जरूरी है. इसमें शामिल हैं- 

  • खेत में पीले चिपचिपे ट्रैप लगाना ताकि व्हाइट फ्लाई आसानी से पकड़ी जा सके. 
  • समय-समय पर खेत की निगरानी करना और संक्रमित पौधों को तुरंत हटाना. 
  • फसल चक्र अपनाना और एक ही खेत में लगातार टमाटर की खेती न करना. 
  • जैविक नियंत्रण के लिए परजीवी कीट जैसे एन्कार्सिया फॉर्मोसा का उपयोग करना. 
     

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