टमाटर समेत सब्जी फसलों पर कीटों और रोगों को बढ़ते प्रकोप को देखते हुए किसानों को सचेत किया गया है. हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों के सब्जी किसानों को कृषि सलाह जारी की गई है, जिसमें टमाटर किसानों को लेट ब्लाइट कीट और फल मक्खी कीट से बचाव करने को कहा गया है. इसके अलावा मूली, धनिया, चुकंदर और मेथी जैसी फसलों की सीधी बुवाई करने को कहा गया है. जबकि, ब्याज की नर्सरी लगाने और चुकंदर फसल में पहली सिंचाई करने को कहा गया है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत कई राज्यों के सब्जी किसानों को कीटों और रोगों से फसल बचाव की सलाह दी है. मौसम को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश के किसानों को टमाटर की फसल पर लेट ब्लाइट कीट के हमले पर निगरानी करने को कहा गया है. साथ ही रस चूसने वाले कीटों को नियंत्रित करने के लिए उचित कीटनाशकों का छिड़काव करने की सलाह दी गई है. वर्तमान मौसम की स्थिति में टमाटर की फसलों पर फल मक्खी का हमला होने की संभावना है. ऐसे में फसल की उचित देखभाल करते रहें.
हिमाचल के किसान टमाटर की पकी फसल की समय पर कटाई जरूर कर लें. इसके अलावा मूली, धनिया, चुकंदर और मेथी जैसी फसलों की सीधी बुवाई करने की सलाह दी गई है. यहां के किसान साफ मौसम देखकर मटर की बुवाई कर लें. साथ ही हिमाचल के किसान लहसुन की बुवाई के लिए खेत तैयार करें. साफ मौसम में यहां के किसान सब्जी फसल में निराई गुड़ाई का काम भी कर सकते हैं.
हिमाचल के किसान मक्का की कटाई कर लें. साथ ही उपज को धूप में सुखाकर स्टोर कर लें. उत्तराखंड के किसान मध्य पर्वतीय क्षेत्र में प्याज की नर्सरी में बुवाई शुरू कर सकते हैं. प्याज की बुवाई से पहले बीजोपचार करना जरूरी है. यहां के किसान मूली की फसल में शुष्क मौसम होने पर बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई और 3-4 पत्ते आने पर दूसरी सिंचाई कर लें.
उत्तराखंड के किसानों को दी गई सलाह में कहा गया है कि गाजर की फसल में अंकुरण होने के बाद नियमित रूप से निराई गुड़ाई करें. साथ ही गाजर की पौध से पौध की दूरी 6 से 10 सेंटीमीटर रखें. किसान चुकंदर की फसल में बुवाई के बाद मिट्टी में नमी के आधार पर पहली सिंचाई कर लें. साथ ही सिंचाई करते समय मौसम पूर्वानुमान का खास ख्याल रखें.