नाश्ते के लिए गुजरात का फेमस डिश ढोकला एक बेहतर विकल्प है. इसके स्वाद के कारण कई लोग इसके दीवाने हैं. इस वजह से इसकी लोकप्रियता भी लगातार बढ़ती जा रही है. इसे बनाने में ज्यादा तेल या मसालों का इस्तेमाल भी नहीं होता है. इसके कारण यह सेहत के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है. गुजरात में ढोकला की डिमांड बहुत ज्यादा है. यहां लोग रोज सुबह या शाम नाश्ते में ढोकला खाना पसंद करते हैं और इसे घर पर ही बनाते हैं. हालांकि, ढोकले में कई सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है.
इसके कारण कुछ लोग इसे खाने से कतराते हैं. ऐसे में अगर आप कुट्टू की मदद से ढोकला बनाएं तो यह हर किसी के लिए हेल्दी नाश्ता हो सकता है. ऐसे में इन दिनों कुट्टू ढोकला काफी मशहूर हो रहा है. आइए जानते हैं क्या है ये कुट्टू ढोकला और क्या है इसकी रेसिपी.
दरअसल मक्का, मोटा अनाज और गेहूं को अनाज माना जाता है, लेकिन कुट्टू अनाज की श्रेणी में नहीं आता. इसे फल माना जाता है. अंग्रेजी में कुट्टू को Buckwheat कहा जाता है. ये पौधा आकार में ज्यादा बड़ा नहीं होता. इसमें गुच्छों में फूल और फल आते हैं. बकव्हीट पौधे से प्राप्त ये फल तिकोने आकार के होते हैं, उन्हें सुखाकर और पीसकर कुट्टू का आटा तैयार किया जाता है.
कुट्टू को सेहत के लिहाज से बहुत फायदेमंद माना जाता है. कुट्टू के आटे में प्रोटीन, फाइबर, मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. व्रत के दिनों में इसे खाने से जल्दी भूख का अहसास नहीं होता और शरीर में एनर्जी बनी रहती है. इसके अलावा कुट्टू का आटा ग्लूटेन फ्री होता है. जिन लोगों को गेहूं का आटा डाइजेस्ट नहीं होता है, उनके लिए कुट्टू का आटा बेहतर विकल्प माना जाता है.