Kundru Farming: इस सीजन में तुरंत करें कुंदरू की रोपाई, अच्छी उपज के लिए ऐसे लगाएं पौधे

Kundru Farming: इस सीजन में तुरंत करें कुंदरू की रोपाई, अच्छी उपज के लिए ऐसे लगाएं पौधे

कुंदरू की एक ऐसी सब्जी है, जिसकी खेती में सिर्फ एक बार मेहनत करनी पड़ती है. फिर आप इससे कई साल तक उत्पादन ले सकते हैं. वहीं, कुंदरू की रोपाई के लिए यह उपयुक्त समय है. जुलाई के महीने में कुंदरू की खेती करने पर बेहतर उत्पादन मिलता है.

कुंदरू की रोपाईकुंदरू की रोपाई
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jul 05, 2024,
  • Updated Jul 05, 2024, 2:09 PM IST

बरसात का मौसम आ गया है. किसान इस समय खरीफ की कई फसलों की खेती कर रहे हैं. ऐसे में अगर किसान सब्जी की खेती करना चाहते हैं तो वे कुंदरू की खेती कर सकते हैं. इसकी खेती से किसानों को काफी मुनाफा हो होता है. कुंदरू एक मौसमी सब्जी है. इसके फूल का रंग सफेद होता है. वहीं, कुंदरू का पौधा आमतौर पर खरपतवार या झाड़ियों के रूप में पाया जाता है जो दिखने में परवल के जैसा होता है. साथ ही इसकी डिमांड मार्केट में हमेशा रहती है. ऐसे में किसानों को इस सीजन में तुरंत कुंदरू की रोपाई करनी चाहिए. आइए जानें कि इसकी अच्छी उपज के लिए पौधे को कैसे लगाना चाहिए.

खेत तैयार करने की विधि

कुंदरू की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है. कुंदरू की रोपाई करने से पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर लें. इसके बाद खेत में गोबर, जैविक खाद और वर्मी कंपोस्ट डाल दें. फिर पाटा चलाकर खेत को समतल कर दें, ताकि खाद अच्छी तरह से मिट्टी में मिल जाए. उसके बाद खेत में कुंदरू रोपाई कर दें. वहीं, जरूरत के हिसाब से पौधों को समय-समय पर सिंचाई भी करते रहें. कुंदरू की सबसे बड़ी खासियत है कि एक बार रोपाई करने के बाद आप इससे लंबे समय तक उत्पादन ले सकते हैं.

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ऐसे लगाएं कुंदरू के पौधे

कुंदरू की रोपाई के लिए यह उपयुक्त समय है. कुंदरू में नर और मादा पौधे अलग-अलग होते हैं. अच्छी उपज लेने के लिए 10 मादा पौधों पर एक नर पौधा अवश्य लगाएं. वहीं, इस मौसम में कुंदरू की खेती 3 मीटर की दूरी पर 30×30×30 सेमी आकार के खोदे गए गड्ढे में 3 किलो सड़ी गोबर की खाद या नाडेप खाद, 50 ग्राम यूरिया, 200 ग्राम सुपर फॉस्फेट, 100 ग्राम पोटाश प्रति गड्ढे की दर से अच्छी तरह मिट्टी और बालू में मिला दें. फिर 10 सेमी की ऊंचाई तक जुलाई के प्रथम सप्ताह में भर दें. बारिश शुरू होते ही कलमों को इन गड्ढों में रोप दें. कुछ दिनों बाद पौधा तैयार हो जाएगा.

कुंदरू की जानिए खासियत

कुंदरू ऐसी सब्जी है, जिसकी खेती में सिर्फ एक बार मेहनत करनी पड़ती है. फिर आप इससे कई सालों तक उत्पादन ले सकते हैं. वहीं, इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि एक बार तुड़ाई के बाद वापस 10 से 15 दिन में इसके फल दोबारा उगने लगते हैं. चिकित्सकों की माने तो कुंदरू पौष्टिक तत्वों से भरपूर है. इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, बीटा कैरोटीन और विटामिन ए पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसका नियमित सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है. वहीं, कुंदरू की जड़ों और पत्तियों का इस्तेमाल दवाई के रूप में भी किया जाता है. इसके रस पीने से मधुमेह रोगियों को काफी फायदा होता है.

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