तालाब या टैंक में करना है मोती पालन तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, होगी तगड़ी कमाई

तालाब या टैंक में करना है मोती पालन तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान, होगी तगड़ी कमाई

Pearl Farming: मोती की खेती भी किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है, जिससे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. बता दें कि मोती से कई तरह के महंगे आभूषण बनाए जाते हैं और ये अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों में बिकते हैं.

मोती की खेतीमोती की खेती
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jan 31, 2025,
  • Updated Jan 31, 2025, 4:25 PM IST

खेती के क्षेत्र में हाल के कुछ सालों में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है. देश के किसान नई-नई व्यापारिक फसलों की खेती की तरफ तेजी से रुख कर रहे हैं. इससे उन्हें भरपूर फायदा भी मिल रहा है और उनकी आमदनी में तेजी से बढ़ रही है. इस दौरान मोती की खेती भी किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है, जिससे कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. बता दें कि मोती से कई तरह के महंगे आभूषण बनाए जाते हैं और ये अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों में बिकते हैं. ऐसे में अगर आप भी तालाब में मोती पालन करते हैं तो कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें. आइए जानते हैं क्या हैं वो महत्वपूर्ण बातें और कैसे करें मोती की खेती.

मोती पालन के लिए 5 जरूरी बातें

  1. मोती पालन करते समय सीप को तनाव मुक्त रखना चाहिए. वहीं, सीप को हमेशा पानी में रखना चाहिए.
  2. सीप के दोनों खोल को एक सेमी से अधिक नहीं खोलना चाहिए. इससे मांसपेशियों में तनाव होता है.
  3. पानी की क्वालिटी की समय-समय पर जांच करनी चाहिए, ताकि सीपों और सूक्ष्म पौधों का मिलन होता रहे.
  4. सीप को आवश्यकता के अनुसार जगह मिलनी चाहिए, एक ही स्थान पर बहुत सीप नहीं होने चाहिए.
  5. नियमित अंतराल पर तालाब में चूना डालें, यह सीप की वृद्धि में मदद करता है.

कैसे होती है मोती की खेती?

मोती की खेती के लिए सबसे पहले अच्छी क्वालिटी के सीप की जरूरत होती है. इसकी खेती तालाब या टैंक में आसानी से की जा सकती है. सीप लाने के एक दो दिन बाद उसकी सर्जरी की जाती है. इसमें सीप के कवच को 2 से 3 एमएम तक खोला जाता है और उसमें न्यूक्लियस डाला जाता है. फिर उसके बाद सीप को एक सप्ताह के लिए टैंक में रखा जाता है. 2 से 3 सीप को एक नायलॉन के बैग में रखकर, तालाब में बांस या किसी पाइप के सहारे छोड़ दिया जाता है. सीप से मोती तैयार होने में 15 से 20 महीने का समय लगता है. और एक बेहतर मोती तैयार होने में दो से ढाई साल भी लग जाता है. इसके बाद कवच को तोड़कर मोती निकाल लिया जाता है.

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खेती के लिए इन बातों का रखें ध्यान

मोती की खेती के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है. दरअसल, सीप में जब एंटीबॉडी बनता है उस दौरान अगर वो खुल जाए तो उसे तालाब में नहीं रखा जाता है, क्योंकि वह सीप बेकार हो जाता है. वहीं, एक सीप के लिए करीब तीन लीटर तक पानी की जरूरत होती है. अगर कोई किसान टैंक में मोती की खेती करता है तो उसे 20 से 25 लीटर पानी की जरूरत होगी. मछली पालन के साथ मोती की खेती करने में खर्च कम आता है. मछली के चारे से ही सीप को भी अपना भोजन मिल जाता है.  

साथ ही तालाब या टैंक से  समय-समय पर पानी निकालना भी जरूरी होता है. जब भी पानी गंदा दिखे. तो टैंक या तालाब का 40 प्रतिशत पानी निकाल दें और उसमें नया पानी डालें. वहीं अगर किसान सीप किसी से खरीदते हैं. तो वह खरीदते समय यह ध्यान रखें कि उसकी लंबाई कम से कम 6 सेंटीमीटर हो. साथ ही उसके ऊपर का चपटा हुआ भाग इंद्रधनुष की तरह दिखे.

मोती उत्पादन के लिए सही मौसम

बात करें मोती पालन के मौसम की तो सबसे अच्छा मौसम पानी के तापमान पर निर्भर करता है. जब पानी का तापमान 15-25 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, तो सीप में मेंटल कोशिकाओं के जीवित रहने की दर में बढ़ोतरी होती है. इससे जल्दी से मोती की थैली का निर्माण होता है. ऐसे में अभी का मौसम इसकी खेती के बेहतर है, क्योंकि कई राज्यों नें इस समय तापमान 15-25 डिग्री के करीब है.

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