आम, जिसे फलों का राजा कहा जाता है, भारत में एक महत्वपूर्ण फल फसल है. हालांकि, आम उत्पादकों को अक्सर एक आम समस्या का सामना करना पड़ता है - फल झड़ना. यह समस्या फसल की पैदावार और गुणवत्ता को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है. फल झड़ने की समस्या प्रारंभिक अवस्था से लेकर परिपक्वता तक कभी भी हो सकती है, लेकिन प्रारंभिक और अपरिपक्व फल झड़ना विशेष रूप से चिंताजनक होता है. इस लेख में, हम आम में फल झड़ने के विभिन्न कारणों, उनके निवारण और प्रभावी प्रबंधन तकनीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
सीआईएसएच, लखनऊ के प्रधान वैज्ञानिक एचएस सिंह बताते हैं, आम में फल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें मुख्य रूप से शारीरिक, पर्यावरणीय और पोषण संबंधी कारकों में वर्गीकृत किया जा सकता है.
1. हार्मोनल असंतुलन और एब्सिशन लेयर का गठन
फल के आधार पर भूरे रंग की एक परत का दिखना, जिसे एब्सिशन लेयर कहा जाता है, फल झड़ने का एक प्रमुख कारण है. यह परत फल के डंठल और फल के आधार के जंक्शन पर बनती है. ऑक्सिन और एथिलीन जैसे पादप हार्मोन का संतुलन फल को पेड़ पर टिकाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. ऑक्सिन, जो वृद्धि को बढ़ावा देने वाला हार्मोन है, फल से डंठल की ओर प्रवाहित होता है और एब्सिशन लेयर के गठन को रोकता है.
जब फल कमजोर होता है, निषेचित नहीं होता है, या किसी प्रकार के तनाव से गुजर रहा होता है, तो ऑक्सिन का उत्पादन कम हो जाता है. इसके विपरीत, एथिलीन और एब्सिसिक एसिड जैसे वृद्धि को रोकने वाले हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. हार्मोनल असंतुलन के कारण, एब्सिशन ज़ोन की विशिष्ट कोशिकाएं एंजाइमेटिक रूप से सक्रिय हो जाती हैं. सेलुलेज और पॉलीगैलेक्ट्यूरोनेज जैसे एंजाइम कोशिका भित्तियों को तोड़ना शुरू कर देते हैं, जिससे फल का जुड़ाव कमजोर हो जाता है और वह अंततः गिर जाता है. गिरे हुए फल में एक स्पष्ट एब्सिशन निशान दिखाई देता है.
ये भी पढ़ें: आम और लीची के लिए वरदान बनी अप्रैल की बारिश, इस बार किसानों का बचा खूब सारा पैसा
2. जब पेड़ पर लग जाएं अधिक फल
प्रधान वैज्ञानिक एचएस सिंह कहते हैं, आम के पेड़ में सीमित मात्रा में पोषक तत्व, पानी और हार्मोनल संसाधन होते हैं. जब पेड़ पर अत्यधिक संख्या में फल लग जाते हैं, तो वह स्वाभाविक रूप से कुछ फलों को गिरा देता है ताकि शेष फलों को पर्याप्त पोषण मिल सके और वे अच्छी तरह से विकसित हो सकें. यह शारीरिक स्व-नियमन की एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से पेड़ कमजोर या अतिरिक्त फलों को नियंत्रित तरीके से अलग करता है. एब्सिशन लेयर का गठन इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
3. पर्यावरणीय और तनाव कारक
विभिन्न पर्यावरणीय कारक और तनाव की स्थितियां फल झड़ने को बढ़ावा दे सकती हैं.
सूखा: अनियमित या अपर्याप्त सिंचाई, विशेष रूप से फल विकास के दौरान, पेड़ को तनाव में डाल सकती है और फल झड़ने का कारण बन सकती है.
तापमान में उतार-चढ़ाव: अत्यधिक गर्मी या ठंड, खासकर फूल आने और फल लगने के समय, हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है और फल झड़ने को प्रेरित कर सकता है.
पोषक तत्वों की कमी: आवश्यक पोषक तत्वों की कमी, जैसे कि बोरॉन, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम, फल के विकास और जुड़ाव को कमजोर कर सकती है.
कीट और रोग: कीटों और रोगों का संक्रमण पेड़ को कमजोर कर सकता है और फल झड़ने का कारण बन सकता है. कीट फलों पर सीधे हमला कर सकते हैं, जबकि रोग पेड़ की समग्र स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं.
4. पोषक तत्वों की कमी
कुछ विशिष्ट पोषक तत्वों की कमी आम में फल झड़ने का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है.
बोरॉन की कमी: बोरॉन कोशिका भित्ति की स्थिरता और फल के पेड़ से जुड़े रहने के लिए एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व है. इसकी कमी से अपरिपक्व फल व्यापक रूप से झड़ सकते हैं.
अन्य पोषक तत्वों का असंतुलन: कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे अन्य प्रमुख पोषक तत्वों का असंतुलन भी फलधारण और फल के विकास को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है, जिससे फल झड़ सकते हैं.
5. जल तनाव
पानी की अनियमित आपूर्ति, चाहे वह अचानक सूखा हो या अत्यधिक सिंचाई, आम के पेड़ के लिए तनावपूर्ण हो सकती है.
विकासशील फलों में पानी की मांग अधिक होती है, और इस समय पानी की कमी फल झड़ने का एक प्रमुख कारण बन सकती है. अत्यधिक सिंचाई से मिट्टी में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो जड़ों के कार्य को बाधित कर सकती है और अंततः फल झड़ने का कारण बन सकती है.
6. अत्यधिक फल भार या अपर्याप्त परागण
यदि पेड़ पर उसकी क्षमता से अधिक फल लग जाएं, तो पेड़ सभी फलों को पर्याप्त पोषण प्रदान करने में असमर्थ हो सकता है, जिसके कारण कुछ फल झड़ जाते हैं. अपर्याप्त परागण के कारण बने बीज रहित या कमजोर फल भी पेड़ द्वारा गिरा दिए जाते हैं क्योंकि उनमें विकास के लिए आवश्यक हार्मोन का उत्पादन कम होता है.
आम में फल झड़ने की समस्या को कम करने और स्वस्थ फसल प्राप्त करने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं:
1. पोषक तत्वों का प्रबंधन:
बोरॉन का छिड़काव: फूल आने और प्रारंभिक फल विकास के दौरान 0.1% सांद्रता पर सोलुबोर जैसे बोरॉन युक्त उर्वरक का छिड़काव फल झड़ने को कम करने में प्रभावी हो सकता है.
संतुलित उर्वरक का प्रयोग: मिट्टी परीक्षण के आधार पर माइक्रोन्यूट्रिएंट्स सहित संतुलित उर्वरक का उपयोग करें ताकि सभी आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके.
2. पादप वृद्धि नियामक (PGRs) का उपयोग:
यदि फल झड़ने की समस्या गंभीर हो, तो नैफ्थलीन एसिटिक एसिड (NAA) जैसे पादप वृद्धि नियामकों का 20 पीपीएम (2 मिली/10 लीटर पानी) की दर से छिड़काव फल धारण को बढ़ावा देने और फल झड़ने को कम करने में मदद कर सकता है.
3. सिंचाई प्रबंधन:
फल धारण के समय पर्याप्त और नियमित सिंचाई सुनिश्चित करें. पानी की कमी या अधिकता से बचें. मिट्टी की नमी की निगरानी करें और आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.
4. कीट और रोग नियंत्रण:
बाग में कीटों और रोगों की नियमित निगरानी करें. यदि कोई संक्रमण दिखाई दे, तो समय पर उचित कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का उपयोग करके उनका नियंत्रण करें. स्वस्थ पेड़ कम तनावग्रस्त होंगे और उनमें फल झड़ने की संभावना कम होगी.
5. छंटाई:
पेड़ की नियमित छंटाई करें ताकि पर्याप्त धूप और हवा का संचार बना रहे. यह कीटों और रोगों के प्रसार को कम करने और पेड़ के समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है.
ये भी पढ़ें: 10 जून के बाद खाने को मिलेगा लखनऊ का दशहरी आम, किसानों के खिले चेहरे, पढ़ें- खास रिपोर्ट
निष्कर्ष
प्रधान वैज्ञानिक एचएस सिंह ने कहा, आम में फल झड़ना एक जटिल समस्या है जो कई कारकों से प्रभावित हो सकती है. हार्मोनल असंतुलन, शारीरिक स्व-नियमन, पर्यावरणीय तनाव, पोषक तत्वों की कमी, जल तनाव और अपर्याप्त परागण कुछ प्रमुख कारण हैं जो फल झड़ने का कारण बन सकते हैं. प्रभावी प्रबंधन के लिए इन कारणों की पहचान करना और उचित निवारक उपाय करना आवश्यक है. संतुलित पोषण, उचित सिंचाई, कीट और रोग नियंत्रण, और आवश्यकतानुसार पादप वृद्धि नियामकों का उपयोग करके आम उत्पादक फल झड़ने की समस्या को काफी हद तक कम कर सकते हैं और स्वस्थ, उच्च उपज प्राप्त कर सकते हैं.