मैग्नीशियम की कमी से कप जैसी बन जाती हैं कपास की पत्तियां, ऐसे करें बचाव

मैग्नीशियम की कमी से कप जैसी बन जाती हैं कपास की पत्तियां, ऐसे करें बचाव

कपास की खेती देश में बड़े पैमाने पर की जाती है. लेकिन किसानों को कई बार कपास के पौधे में मैग्नीशियम की कमी देखने को मिलती है. जिससे उसकी पत्तियां कप जैसी बन जाती हैं और पौधों का विकास रूक जाता है. ऐसे में हम आपको मैग्नीशियम की कमी से बचाव के उपाय बताएंगे.

कपास की खेतीकपास की खेती
संदीप कुमार
  • Noida,
  • Jul 18, 2024,
  • Updated Jul 18, 2024, 1:02 PM IST

कपास सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसलों में से एक है. कपास की खेती करने में अधिक मेहनत नहीं लगती है. वहीं, इसका उपयोग कपड़ा बनाने में किया जाता है. व्यावसायिक जगत में यह 'व्हाइट गोल्ड' के नाम से जाना जाता है. लेकिन इससे अच्छी कमाई के लिए जरूरी है की फसल अच्छी हो. अच्छी फसल के लिए किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. दरअसल, कपास के पौधों के पोषण का मुख्य स्त्रोत मैग्नीशियम है. यह कपास की वृद्धि और उपज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. लेकिन कभी-कभी यह महत्वपूर्ण खनिज पौधों से समाप्त हो जाता है, जिससे पौधे बौने हो जाते हैं और इसकी पत्तियां कप जैसी बन जाती हैं. लेकिन कपास के किसानों के लिए इससे डरने की जरूरत नहीं है. आज हम आपको कपास में मैग्निशियम की कमी से पौधों को होने वाले नुकसान से बचाव का उपाय बताएंगे.

मैग्नीशियम की कमी के लक्षण

पत्ती का कप जैसा आकार: मैग्नीशियम की कमी से कपास की पत्तियां किनारों पर ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं,  जिससे वे कप के आकार की दिखाई देती हैं. ऐसा होने से पौधों का विकास रुक जाता है.

अंतरशिरा हरित रोग: पत्तियों में शिराओं के बीच पीलापन आ जाता है, जबकि शिराएं हरी रहती हैं. यह अक्सर सबसे पहले नई पत्तियों में देखा जाता है.

पौधों का ग्रोथ रुकना: मैग्नीशियम की कमी से प्रकाश संश्लेषण में बाधा आती है, जिससे पूरे पौधे की वृद्धि प्रभावित होती है और फसल पकने में देरी हो सकती है.

उपज और क्वालिटी में कमी: मैग्नीशियम फाइबर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए इसकी कमी से उपज कम हो सकती है और फाइबर कमजोर और कम हो सकता है.

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मैग्नीशियम की कमी क्यों होती है?

रेतीली मिट्टी: इस मिट्टी में मैग्नीशियम के बने रहने की क्षमता कम होती है.

भारी वर्षा: अधिक वर्षा से मिट्टी से मैग्नीशियम अधिक मात्रा में निकल सकता है.

अधिक मात्रा में उर्वरक: कुछ उर्वरकों का अधिक प्रयोग पौधे को मैग्नीशियम सोखने में बाधा पैदा कर सकता है.

मैग्नीशियम की कमी से बचाव

  • मैग्नीशियम के स्तर को जानने और उसे ठीक करने के लिए उर्वरक के उपयोग से पहले अपनी मिट्टी का जांच करवानी चाहिए.  
  • मिट्टी का पीएच बढ़ाने के लिए चूना डालें,  जिससे पौधों के लिए मैग्नीशियम की उपलब्धता बेहतर हो.
  • एप्सम साल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) या कीसेराइट (मैग्नीशियम मैग्नीशियम सल्फेट) जैसे उपयुक्त मैग्नीशियम वाली खाद चुनें. मिट्टी परीक्षण के रिजल्ट और फसल की जरूरतों के आधार पर इन खादों का प्रयोग करें.
  • पौधों के तुरंत सुधार के लिए, मैग्नीशियम घोल का पत्तियों पर छिड़काव करें.
  • खेती में कंपोस्ट जैसे खादों को शामिल करने से पौधों में मैग्नीशियम सुधार हो सकता है.

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