
ब्लूबेरी इस समय वह एक ऐसा फल बन चुका है जो डाइट के शौकीनों को काफी लुभा रहा है. भारत में, ब्लूबेरी आमतौर पर जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश में उगती हैं. लेकिन अगर आपको लगता है कि ब्लूबेरी सिर्फ ठंडे इलाकों में ही होती है या इसे उगाना मुश्किल काम है, तो ये आपका भ्रम है. सही तकनीक और थोड़ी सी देखभाल के साथ आप घर पर गमले में भी अनलिमिटेड ब्लूबेरी उगा सकते हैं. ये न सिर्फ पोषक होती हैं बल्कि आपकी बालकनी या किचन गार्डन की शोभा भी बढ़ाती हैं. आज हम आपको वह आसान सी ट्रिक बताते हैं जो ब्लूबेरी घर पर उगाने में मदद करेगी. इसके बाद आप पूरे साल ताजी ब्लूबेरी का मजा ले सकेंगे.
ब्लूबेरी का सबसे बड़ा राज इसकी मिट्टी में छिपा है. इसे एसिडिक मिट्टी पसंद होती है. इसका पौधा हल्की अम्लीय मिट्टी में सबसे अच्छा बढ़ता है. मिट्टी का pH वैल्यू 4.5 से 5.5 होनी चाहिए. अगर आपकी मिट्टी सामान्य है तो आप आसानी से इसे एसिडिक बना सकते हैं. इसके लिए पीट मॉस, कोकोपीट और थोड़ी-सी रेत मिलाकर मिक्स तैयार करें. चाहें तो इसमें थोड़ी-सी कम्पोस्ट मिलाकर मिट्टी को पौष्टिक भी बना सकते हैं. ब्लूबेरी गहरी जड़ वाला पौधा नहीं है, इसलिए 12 से 16 इंच का गमला काफी है. बस ध्यान रहे कि ड्रेनेज होल अच्छे हों, ताकि पानी ठहरे नहीं. पानी रुकने से पौधा जल्दी खराब हो सकता है. आप प्लास्टिक, फाइबर, या ग्रो बैग का यूज कर सकते हैं.
अगर आप फटाफट रिजल्ट चाहते हैं तो नर्सरी से 1 साल पुराना ब्लूबेरी पौधा ले आएं. इससे आपको उसी सीजन फल मिलने लगते हैं. लेकिन अगर आप खर्च कम करना चाहते हैं, तो कटिंग से भी इसे उगा सकते हैं. इसके लिए 5–6 इंच लंबी स्वस्थ टहनी लें और उसे मिट्टी में 2–3 इंच तक दबा दें. 3–4 हफ्तों में जड़ें बनने लगेंगी.
ब्लूबेरी के पौधे को ठंडी, नमी वाली मिट्टी पसंद है. इसकी ग्रोथ बढ़ाने और ज्यादा फल पाने का सबसे आसान तरीका है—मल्चिंग. आप पाइन नीडल्स, सूखे पत्ते या लकड़ी के बुरादे का उपयोग कर सकते हैं. इससे मिट्टी का pH लेवल ठीक रहता है. अगर आपके पास रेनवॉटर उपलब्ध हैतो और भी शानदार. ब्लूबेरी साधारण पाइप के पानी से भी चल जाएगी, लेकिन रेनवॉटर इसका फेवरेट है.
ब्लूबेरी को रोज 5–6 घंटे की धूप चाहिए. अगर आपके घर में सीधी धूप नहीं आती तो हफ्ते में कई बार पौधे को दो-तीन घंटे हल्की धूप में रख दें. इससे फल लगने में मदद मिलती है. इस पौधे को ज्यादा पानी भी पसंद नहीं और कम पानी भी नहीं. मिट्टी हल्की नम रहे, बस इतना काफी है. गर्मियों में रोज हल्का पानी दें और सर्दियों में 2–3 दिन में एक बार.
अगर पौधा नर्सरी वाला है तो आपको पहली ही बार 40–100 ग्राम फल मिल सकते हैं. दूसरे साल से यह मात्रा दोगुनी हो जाती है. सही देखभाल करें तो एक गमले से सालभर में बार-बार ब्लूबेरी की पैदावार मिल सकती है. ब्लूबेरी सेल्फ-फर्टाइल होती है, लेकिन अगर आप दो अलग-अलग वैरायटी लगाते हैं तो फल का साइज बड़ा होता है और फल भी ज्यादा मिलते हैं.
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