भारत में भिंडी की खेती व्यावसायिक फसल के तौर पर की जाती है. इसकी खेती भारत के कई अलग-अलग क्षेत्रों में की जाती है. भिंडी की खेती मुख्य रूप से खरीफ के मौसम में की जाती है. भिंडी की खेती के लिए अच्छी मिट्टी, उचित मौसम और प्राकृतिक परिस्थितियों की जरूरत होती है. लेकिन बरसात के समय भिंडी की फसल में सफेद मक्खी कीट और अन्य रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है. साथ ही भिंडी पर फूल आने के बाद गिर जाते हैं. ऐसे में किसानों को सही समय पर उचित प्रबंधन कर फसल का बचाव कर लेना चाहिए, ताकि फसल को सफेद मक्खी से ज्यादा नुकसान न हो. ऐसे में आइए जानते हैं कैसे करें बचाव का उपाय.
भिंडी की फसल में लगने वाली सफेद मक्खी एक सूक्ष्म आकार के कीट होते हैं. इन कीटों के लार्वा और प्रौढ़ दोनों ही निचली सतह से रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. इससे पौधे की वृद्धि कम होती है और फूल-फल के साथ ही उपज में कमी आ जाती है. आपको बता दें कि सफेद मक्खी कीट भिंडी की फसलों में पीत शिरा मोजेक (पीलिया) रोग भी फैलाते हैं.
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भिंडी में इस रोग से पत्तियों की शिराएं पीली और चितकबरी दिखाई देने लगती हैं. साथ ही इस रोग के लगने से फल भी छोटे होने लगते हैं. भिंडी की फसल में खतरनाक बीमारी सफेद मक्खी से फैलता है. इससे उत्पादन पर भी काफी असर पड़ता है.