मई महीने की शुरुआत होते ही किसान खेतों में धान की खेती की तैयारी में जुट गए हैं. लेकिन धान की रोपाई से पहले नर्सरी लगाना एक महत्वपूर्ण काम है और इसके लिए खेत को ठीक से तैयार करना जरूरी होता है. कृषि एक्सपर्ट की मानें तो धान की नर्सरी डालने से पहले अगर खेत को बेहतर तरीके से तैयार किया जाए तो नर्सरी जल्द तैयार होती है. इसके अलावा नर्सरी लगाने से पहले अच्छी किस्म के बीजों की सबसे पहली जरूरत होती है. अगर अच्छी किस्म के बीज के साथ ही किसान वैज्ञानिक तरीके से इसकी नर्सरी लगाएं और खेती करें तो ज्यादा फायदा होगा.
ऐसे में सबसे जरूरी होता है कि आप धान की नर्सरी कैसे तैयार करते हैं क्योंकि नर्सरी के समय ही ध्यान देकर कई तरह के रोग और कीटों से होने वाले नुकसान से बच सकते हैं. साथ ही खरपतवार भी खत्म करके फसलों की अच्छी पैदावार ले सकते हैं. आइए जानते हैं नर्सरी लगाने के टिप्स.
धान की पौध डालने से पहले खेत की तैयारी अच्छी होने पर नर्सरी जल्दी और स्वस्थ रूप से बढ़ती है, जिससे उत्पादन बेहतर होता है. वहीं, नर्सरी तैयार करने के लिए खेत को अच्छी तरह से 2-3 बार जोतकर मिट्टी को भुरभुरा बना लें. इसके बाद, डिस्क हैरो से जुताई करें और फिर कल्टीवेटर चलाएं. अंतिम जुताई से पहले, खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद और वर्मी कंपोस्ट डालकर अच्छी तरह मिलाएं और खेत को समतल कर लें.
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वहीं, अंतिम जुताई के समय, प्रति एकड़ खेत में 2 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा डालकर मिट्टी को उपचारित करें. इसके बाद लगभग एक मीटर चौड़ाई की क्यारियां बनाएं. किसान अपनी सुविधा के अनुसार क्यारियों की लंबाई रख सकते हैं. फिर 80 से 100 ग्राम पायराज़ोसल्फ्यूरॉन एथिल प्रति एकड़ के हिसाब से क्यारियों में रेत के साथ मिलाकर समान रूप से बिखेर दें. ध्यान रहे कि 100 ग्राम से अधिक दवा का उपयोग न करें, क्योंकि इससे पौध के अंकुरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. ऐसे में अगर किसान इन बातों का ध्यान दें तो बंपर पैदावार मिल सकती है.
इसके अलावा कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे पहले बीज का चयन सावधानीपूर्वक करें. इसके लिए आधार और प्रमाणित बीज का ही प्रयोग करें, जिसमें अच्छी जमाव, किस्म की शुद्धता और स्वस्थ होने की प्रमाणिकता होती है. धान की पौध तैयार करने के लिए 8 मीटर लंबी और 1.5 मीटर चौड़ी क्यारियां बनाएं. वहीं, जब तक नई पौध हरी न हो जाए तब तक पक्षियों से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरती जाए. शुरू के 2-3 दिनों तक अंकुरित बीजों को पुआल से ढकें. नर्सरी क्यारियों के ऊपर अंकुरित बीजों को समान रूप से छिड़क दें.
स्वस्थ और रोग मुक्त पौध तैयार करने के लिए उचित जल निकास और उच्च पोषक तत्वों से मुक्त दोमट मिट्टी का इस्तेमाल करें. वहीं, नर्सरी तैयार करने के लिए उस जगह का चयन करें जहां सिंचाई की व्यवस्था हो. बता दें कि धान की बुवाई से एक महीने पहले नर्सरी तैयार की जाती है. वहीं, अच्छी उपज के लिए संतुलित पोषक तत्वों का उपयोग करें. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 1000 वर्ग मीटर क्षेत्र के लिए 10 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद, 10 किलोग्राम डाई-अमोनियम फॉस्फेट और 2.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट जुताई से पहले मिट्टी में अच्छी तरह मिलाने के बाद में बुवाई करें. अगर 10-12 दिनों बाद पौध का रंग हल्का पीला हो जाए, तो एक सप्ताह के अंतराल पर दो बार 10 किलोग्राम यूरिया 1000 मीटर की दर से मिट्टी की ऊपरी सतह पर मिला दें, जिससे पौध की बढ़वार अच्छी हो.