महाराष्ट्र में किसानों के लिए सोयाबीन की नमी बड़ी समस्या बनी हुई है. हालत ये है कि सोयाबीन की उपज बिक नहीं पा रही है और किसान परेशान हैं. अगर उपज बिक भी रही है तो बहुत कम रेट पर. इससे किसानों में घोर नाराजगी देखी जा रही है. इस नाराजगी को विधानसभा चुनाव में बड़ा मुद्दा बताया जा रहा है क्योंकि छोटी-बड़ी सभी पार्टियों ने सोयाबीन के नाम पर किसानों के प्रति सहानुभूति जताई है. किसानों को अगर सोयाबीन का एमएसपी रेट नहीं मिल रहा है तो उसके पीछे उपज में अधिक नमी को कारण बताया गया है. हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा है कि 15 परसेंट भी नमी होगी तो एमएसपी पर सोयाबीन की खरीद की जाएगी.
इन तमाम विवाद और विरोध के बीच किसानों के सामने एक ही सवाल है कि वे अपनी उपज में नमी को कैसे कम करें. दरअसल, महाराष्ट्र में सोयाबीन की कटाई से ठीक पहले तेज बारिश हुई जिससे उपज में नमी की मात्रा बढ़ गई. किसानों को उपज सुखाने का अधिक समय भी नहीं मिला क्योंकि वे इसे बेचने की तैयारी में लग गए. इस बीच सरकारी एजेंसियों ने नमी वाले सोयाबीन को लेने से इनकार कर दिया. अगर आप भी उन किसानों में हैं जिनका सोयाबीन नहीं बिक रहा है तो हम आपको कुछ उपाय बता रहे हैं जिससे आप सोयाबीन की नमी को कम कर सकते हैं और एमएसपी पर आसानी से बेच सकते हैं.
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मार्केट में बड़े-छोटे ड्रायर आते हैं जिसे खरीद कर आप सोयाबीन को सुखा सकते हैं. इसमें तापमान को घटाने-बढ़ाने का विकल्प होता है. लेकिन आपको सावधान रहना है क्योंकि अधिक तापमान पर सुखाने का खतरा भी होता है. इससे दाने चटक सकते हैं जिससे उपज मार्केट या मंडी में नहीं बिक पाएगी.
बाजार में ग्रेन स्प्रेडर मिलता है जिस पर आप सोयाबीन की उपज को बिछा सकते हैं. इस विधि में कम तापमान पर सोयाबीन को सुखाया जाता है. इस स्प्रेडर का फ्लोर छिद्रदार होता है जिसके नीचे पंखा लगा सकते हैं. इस पंखे की गति पर सोयाबीन के सूखने की गति निर्भर करेगी. बाहर का तापमान भी इसमें बड़ा रोल निभाता है.
पेडेस्ट्रल पंखे से भी सोयाबीन को सुखा सकते हैं. इसमें हर एक या दो दिन पर सोयाबीन की नमी जांचते रहें और उसी हिसाब से पंखे की स्पीड को घटाते या बढ़ाते रहें. जिस पात्र में सोयाबीन को रख कर सुखा रहे हैं, उसकी गंध को चेक करते रहें. अगर सड़ने जैसी दुर्गंध आ रही हो तो तुरंत उस पात्र को बदल दें क्योंकि नमी कम नहीं होने पर सोयाबीन तेजी से खराब भी होता है.
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सोयाबीन को सुखाने के लिए आग या आग की हीट का कतई इस्तेमाल न करें. इससे या तो उपज जल जाएगी या तेजी से उपज को गर्मी मिलेगी तो उसके दाने फट जाएंगे. दोनों परिस्थितियों में किसान को घाटा लग सकता है क्योंकि इस तरह के खराब दाने की खरीद नही हो सकेगी.
कई लोग सोयाबीन सुखाने के लिए ऐसी जगह को चुनते हैं जो हवादार तो होती है, लेकिन उसकी सतह पर सीलन होती है. सीलन से सोयाबीन को बहुत नुकसान होता है क्योंकि उपज बिल्कुल कच्ची होती है. ऐसी कच्ची उपज में संक्रमण बढ़ने का खतरा होता है. इससे पूरी उपज बर्बाद हो सकती है.