हल्दी भारत के किचन में मिलने वाला एक ऐसा मसाला है जो न केवल खाने में रंग को बढ़ाता है और स्वाद लाता है बल्कि यह कई औषधीय गुणों से भी भरपूर होता है. इसके बगैर किसी भी भारतीय व्यंजन की कल्पना नहीं की जा सकती है. भारत में हल्दी की खेती को अब किसान एक अच्छा मुनाफे का सौदा मानने लगे हैं. देश में हल्दी का उत्पादन दुनिया के कुल उत्पादन का लगभग 78 फीसदी है. आज हम आपको बताते हैं कि आप अपने घर में एकदम ऑर्गेनिकली और आसान तरीके से हल्दी कैसे उगा सकते हैं.
हल्दी की मांग पूरे साल बनी रहती है और ऐसे में इसकी खेती किसान अच्छा-खासा मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं इसकी ऑर्गेनिक या जैविक तरीके से की गई खेती, इसे और ज्यादा बेहतर बना देती है. खेती का यह वह तरीका है जिसमें रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं होता. घर की उगाई हुई हल्दी पूरी तरह शुद्ध, जैविक और केमिकल फ्री होती है. यह हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद होता है. इससे इम्यूनिटी और सूजन में फायदा मिलता है.
घर पर अगर आप हल्दी उगाना चाहते हैं तो सबसे पहले इसकी गांठ का इंतजाम कर लें. हल्दी की खेती में आप गांठ को ही इसका बीज मान सकते हैं. दरअसल हल्दी पौधे की गांठ राइजोम से उगाई जाती है. किसी लोकल किसान या फिर ऑर्गेनिक शॉप से अच्छी क्वालिटी वाली हल्दी की गांठें लें. गांठें ताजी हों, सड़ी-गली न हों और इनमें छोटी-छोटी कलियों वाली होनी चाहिए.
हल्दी को आप किसी बड़े गमले, बाल्टी या बगीचे की मिट्टी में उगा सकते हैं. ध्यान रहे कि जगह छायादार हो और यहां पर धूप बहुत कम आती हो. गमले की गहराई कम से कम 12 से 15 इंच होनी चाहिए. हल्दी को बोने के लिए लिए ढीली, जल निकासी वाली उपजाऊ मिट्टी सही मानी गई है. 50 फीसदी किचन कम्पोस्ट, 30 प्रतिशत बगीचे की मिट्टी और 20 प्रतिशत रेत मिलाकर एक मिक्स तैयार करें. आप इसमें गाय का गोबर, वर्मी कम्पोस्ट, या नीम खली ऑर्गेनिक खाद के तौर पर मिला सकते हैं.
मिट्टी में हल्की गहराई यानी 2 से 3 इंच पर हल्दी की गांठ को इस तरह दबाएं कि उसकी कलियां ऊपर की तरफ रहें. गांठों के बीच कम से कम 4 से 6 इंच की दूरी रखें. पहली बार लगाने के बाद मिट्टी में हल्की सिंचाई करें. इसके बाद जब भी मिट्टी सूखी लगे, तब हल्का पानी दें. बहुत ज्यादा पानी देने से बचें क्योंकि इससे गांठ सड़ सकती है. हल्दी को उगने में 8 से 10 महीने तक का समय रखता है.
हर 15 दिन में एक बार गाय के गोबर से बनी लिक्विड खाद या जैविक जड़ी-बूटी अर्क डाल सकते हैं. जब पौधों की पत्तियां पीली पड़ने और सूखने लगें तो समझ जाइए कि हल्दी की कटाई का समय आ गया है. मिट्टी को धीरे-धीरे हटाकर गांठें निकाल लें. हल्दी को धूप में 4 से 5 दिन सुखाएं, फिर इसे इकट्ठा किया जा सकता है.
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