गर्मी के मौसम में सबसे अधिक मांग जिस फल की रहती है, वह आम है. अमीर से लेकर गरीब तक, हर किसी की पहुंच में आसानी से आने वाला आम यूं ही फलों का राजा नहीं कहा जाता. अप्रैल के अंत और मई की शुरुआत के साथ ही राजधानी पटना समेत राज्य के अन्य जिलों के बाजारों में आम आने लगे हैं. हालांकि, वर्तमान में बाजार में उपलब्ध अधिकांश आम कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए हैं. आम से जुड़े व्यापारी और किसान बताते हैं कि बिहार के देसी आम बाजार में आने में अभी दस दिनों की देरी है. जब ये देसी आम बाजार में उपलब्ध होंगे, तो लोग प्राकृतिक तरीके से पके हुए आम का स्वाद कम कीमत पर ले सकेंगे.
कृषि वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार, कार्बाइड से पके आम खाने से पहले उनका उपचार करना आवश्यक है. कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर के वैज्ञानिक रामकेवल बताते हैं कि फिलहाल पटना सहित राज्य के अन्य बाजारों में सिंदूरी, बंबइया और अन्य किस्मों के बाहरी आम बिक रहे हैं. देसी आम 25 मई के बाद से बाजार में आने लगेंगे, जिनमें सबसे पहले लंगड़ा और दशहरी, फिर चौसा और मालदह आम मिलेंगे.
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पटना के किसान अभिजीत सिंह का कहना है कि उनके बागान में सबसे अधिक दूधिया मालदह आम हैं, जो पकने के अपने अंतिम चरण में हैं. प्राकृतिक रूप से ये आम 10 जून से पकने लगेंगे, जबकि 25 मई के बाद दूधिया मालदह आम को व्यापारी अधिक कीमत मिलने की उम्मीद से कार्बाइड की मदद से पकाकर बाजार में बेचना शुरू कर देंगे. इस साल बारिश के कारण आम का आकार और वजन बढ़ा है, हालांकि बारिश और आंधी के कारण आम गिरे भी हैं. इसके बावजूद, बढ़े वजन और आकार की वजह से नुकसान की आशंका कम है.
भागलपुर का जीआई टैग प्राप्त जर्दालु आम भी 25 मई से बाजार में उपलब्ध होगा. यह आम अपनी सुगंध, मिठास और हल्के पीले रंग के कारण देश-विदेश में प्रसिद्ध है. भागलपुर के मनीष कुमार सिंह बताते हैं कि अच्छी गुणवत्ता वाले जर्दालु आम को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें कवर करने का काम जारी है. हालांकि, कुछ इलाकों में ओलावृष्टि के कारण उत्पादन और गुणवत्ता पर असर पड़ा है, लेकिन बाजार में इसकी मांग बनी हुई है.
कृषि विज्ञान केंद्र, बक्सर के वैज्ञानिक रामकेवल ने चेताया है कि वर्तमान में बाजार में उपलब्ध अधिकतर आम कैल्शियम कार्बाइड से पकाए गए हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं. ऐसे आमों को खाने से पहले गुनगुने पानी में पांच मिनट तक भिगोकर अच्छी तरह धोना चाहिए. इन आमों पर सफेद पाउडर जैसा पदार्थ दिखता है, जो कार्बाइड का संकेत है. ऐसे आमों को बिना धोए खाने से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कार्बाइड से पकाए गए आमों के प्रति सतर्क रहने का निर्देश दिया है.
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