खेती के क्षेत्र में एक उद्यमी बनना और गांव के लोगों को कुछ अच्छा मुहैया कराना, कई लोगों का सपना होता है. अगर आप भी ऐसा ही कम निवेश और ज्यादा मुनाफे वाला बिजनसे शुरू करने की सोच रहे हैं तो लेमन ग्रास की खेती अच्छा ऑप्शन हो सकता है. यह व्यवसाय न सिर्फ अच्छे मुनाफ का वादा करता है, बल्कि कृषि के फलते-फूलते क्षेत्र में भी योगदान देता है. इस बिजनेस आइडिया की तारीफ तो खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है.
साल 2020 में पीएम मोदी ने जब 'मन की बात' में झारखंड के गुमला ज़िले के बिशुनपुर इलाके में लेमनग्रास की खेती कर रहे करीब 30 समूहों की तारीफ की तो इसके बारे में पूरे देश को मालूम चला. लेमनग्रास के फलते-फूलते बिजनेस का सबसे बड़ा राज है कि यह चारे महीने में उगता है. इसके एसेंशियल ऑयल की भी बाजार में अच्छी मांग है और अच्छी कीमत मिलती है. ब्यूटी कॉस्मेटिक्स, साबुन, तेल और दवाइयों सहित कई इंडस्ट्रीज में लेमनग्रास तेल की जबरदस्त मांग है. लेमनग्रास को मेडिकल पर्पज के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है और इसलिए इसकी मांग सबसे ज्यादा है.
इसका शुष्क क्षेत्रों में भी आसानी से पनप सकता है. यही कारण है कि लेमनग्रास सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी खेती के लिए एक बेहतरीन विकल्प है. इसके अलावा, इस प्राकृतिक तौर पर भी पौधे को उर्वरकों की भी जरूरत नहीं होती है. सिर्फ 20,000 रुपये के निवेश से, आप केवल एक हेक्टेयर भूमि से प्रति वर्ष 4-5 लाख रुपये तक का फायदा कमा सकते हैं. एक बार खेती शुरू करने के बाद, आप लगातार 5-6 वर्षों तक लगातार उपज प्राप्त कर सकते हैं.
ध्यान रखें कि लेमनग्रास की खेती के लिए समय बहुत महत्वपूर्ण है. इसके लिए फरवरी से जुलाई तक का समय सबसे अच्छा माना गया है. नर्सरी बेड तैयार करने का आदर्श समय मार्च से अप्रैल के महीने हैं. एक बार लगाने के बाद, आप हर साल छह से सात बार फसल की उम्मीद कर सकते हैं. इसका मतलब है कि आप इस पौधे से कई बार एसेंशियल ऑयल हासिल कर सकते हैं. कई रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रति हेक्टेयर सालाना 3 से 5 लीटर तक लेमनग्रास तेल का उत्पादन किया जा सकता है. एक लीटर की कीमत 1,000 रुपये से 1,500 रुपये तक होती है. इसके अलावा, शुरुआती तीन वर्षों में इसकी उत्पादकता भी बढ़ जाती है.
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