प्याज के सड़ने-गलने की टेंशन खत्म, ऐसे तैयार करें चूर्ण और कमाएं मुनाफा

प्याज के सड़ने-गलने की टेंशन खत्म, ऐसे तैयार करें चूर्ण और कमाएं मुनाफा

निर्जलीकृत प्याज (Dehydrated Onion) की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इसमें प्याज सुखा द‍िया जाता है, ज‍िसे बाद में इस्तेमाल क‍िया जाता है. ऐसा करने से न केवल परिवहन लागत में कमी आती है बल्कि प्याज को भंडारण के दौरान होने वाली भारी क्षति से भी बचाया जा सकता है. क‍िसान ज्यादा लाभ कमा सकते हैं. 

 प्याज को नुकसान से बचाने के ल‍िए उसे सुखाकर और चूर्ण बनाकर उपयोग कर सकते हैं ( Photo kisan tak) प्याज को नुकसान से बचाने के ल‍िए उसे सुखाकर और चूर्ण बनाकर उपयोग कर सकते हैं ( Photo kisan tak)
सर‍िता शर्मा
  • Noida,
  • Jan 26, 2024,
  • Updated Jan 26, 2024, 1:32 PM IST

अपने देश में प्याज आए द‍िन चर्चा में रहता है. कभी महंगाई की वजह से तो कभी सस्ता होने की वजह से. इस समय न‍िर्यात बंदी की वजह से यह काफी चर्चा में है. विश्व में भारत प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक माना जाता है. लेक‍िन भंडारण की सही सुविधा न होने की वजह से उत्पादन का 25-30 प्रतिशत हिस्सा नष्ट हो जाता है. इसकी कीमत करोड़ों में होती है. यही कारण है कि विश्व में निर्जलीकृत प्याज (Dehydrated Onion) की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. इसमें प्याज सुखा द‍िया जाता है, ज‍िसे बाद में इस्तेमाल क‍िया जाता है. ऐसा करने से न केवल परिवहन लागत में कमी आती है बल्कि प्याज को भंडारण के दौरान होने वाली भारी क्षति से भी बचाया जा सकता है. 

प्याज भारत में उगाई जाने वाली बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है. इसमें विटामिन 'बी' के अतिरिक्त कुछ मात्रा में विटामिन सी और  कैल्शियम आदि भी पाए जाते हैं. जिन व्यंजनों में ताजा प्याज प्रयोग में लाया जाता है, वहां निर्जलीकृत प्याज लगभग हर एक व्यंजन का हिस्सा बन चुका है. इसके अतिरिक्त निर्जलीकृत प्याज में जहां सुवास एक समान रहती है, वहीं इसके टुकड़ों को प्रसंस्करित उत्पाद में आसानी से प्रयोग में लाया जा सकता है. निर्जलीकृत प्याज के मुख्य लाभ  यह है क‍ि इसकी भंडारण अवधि बढ़ जाती है. ज‍िससे उसकी उपलब्धता साल भर और बेमौसम में भी बनी रहती है. ज‍िससे क‍िसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं. 

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भंडारण का वक्त बढ़ जाता है  

इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के खाद्य विज्ञान एवं फसलोत्तर प्रौद्योगिकी संभाग द्वारा प्याज के भरपूर उत्पादन के दौरान इसे निर्जलीकृत कतरों एवं चूर्ण में परिवर्तन करने की टेक्नोलॉजी विकसित की गई है. कृष‍ि वैज्ञान‍िक विद्याराम सागर और राम रोशन शर्मा ने बताया क‍ि इस प्रौद्योगिकी से प्याज को सामान्य दशाओं में 6 माह तक एवं निम्न ताप की दशाओं में एक वर्ष तक बिना किसी क्षति के भंडारित किया जा सकता है.

टेक्नोलॉजी में नया क्या है 

निर्जलीकृत कतरे प्याज का सांद्रित (Concentrated) रूप हैं. इनके उपयोग की खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, औषधीय उद्योग, होटलों, रेस्टोरेंट आदि में भारी संभावनाएं हैं. निर्जलीकृत कतरों का सबसे बड़ा लाभ है कि इन्हें भंडारित करना काफी आसान होता है, क्योंकि ये ताजे प्याज एवं अन्य उत्पादों की अपेक्षा भार में कम होता है. इन्हें डिब्बाबंद उत्पादों की अपेक्षा पैक करना आसान होता है. सीमित भंडारण की आवश्यकता भी नहीं होती है. इनमें सुवास काफी अधिक व एक समान रहती है एवं इन्हें ताजे प्याज की अपेक्षा निम्न ताप पर काफी लंबे समय तक भंडारित कर सकते हैं. इन कतरों को कई अन्य उत्पादों के विकास हेतु प्रयुक्त कर सकते हैं, जिनकी बाजार में भारी मांग है.

प्याज का चूर्ण कहां-कहां होता है इस्तेमाल 

सुखाए गए प्याज के कतरों को पीसकर प्याज के चूर्ण को तैयार करते हैं. यह उत्पाद उपयोग के ल‍िए काफी आसान होता है. इसकी आयु काफी है. यह पूरे वर्ष भंडारित रहता है एवं इसकी परिवहन तथा भंडारण कीमत काफी कम होती है. प्याज चूर्ण कई उत्पादों में इस्तेमाल कर सकते हैं. यह उत्पाद होटलों एवं रेस्टोरेंट आदि के लिए वरदान है. प्याज के चूर्ण को विशेष तौर पर उस प्रसंस्करित भोजन में डाला जा सकता है, जिसमें साबुत प्याज को पसंद नहीं किया जाता. इसे पिज्जा, ग्रेवी बनाने हेतु एवं कई अन्य व्यंजनों में डाला जा सकता है.

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