कोरोना आने के बाद हमारे देश के ज्यादातर लोग होम गार्डनिंग करने लगे हैं. अब वे फल-सब्जी और मसाले बाजार से खरीदने की बजाय घर पर उगाना पसंद करते हैं. घर पर उगाई गई चीजें पूरी तरह से ऑर्गेनिक होती हैं जो हमारी हेल्थ के लिए फायदेमंद हैं. इसके अलावा घर खर्च को भी कुछ हद तक कम कर देती हैं. गार्डनिंग करने वाला हर कोई अपने बगीचे की अच्छी ग्रोथ चाहता है. पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए हमें मौसम और जलवायु के अनुसार जरूरी काम करने चाहिए. अब देश में सर्दियां शुरू होने वाली हैं. ऐसे में गार्डन को ठंड और पाले से बचाने के लिए जरूरी काम कर लेना चाहिए.
होम गार्डनिंग करने वाले लोग अगर फल-सब्जी या धनिया, जीरा जैसे मसालों के पौधे लगाए हैं तो उनकी अच्छी ग्रोथ के लिए सर्दियों से बचा कर रखना होगा. इसके लिए हमें कुछ जरूरी काम करने होंगे जिसके बारे में सर्दियों से पहले जान लेते हैं.
कुछ लोगों को लगता है कि अधिक पानी देने से पौधे जल्दी बढ़ते हैं जो कि बिल्कुल गलत है. 'अति सर्वत्र वर्जते' कहने का मतलब है कि जरूरत से ज्यादा पानी देने से भी पौधों की जड़ सड़न, रोग या फंगस का खतरा होता है. गार्डन में किसी तरह का पानी जमा ना हो इसके लिए नालियां बनाएं.
पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए मिट्टी और पानी के साथ प्रकाश की बहुत जरूरत होती है. हम सबने बचपन में भी पढ़ा था कि प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया के जरिए पौधे अपना भोजन खुद बनाते हैं. सर्दी के दिनों में धूप थोड़ी कम होती है, इसलिए आप गार्डन में पौधे लगाएं या गमले में दिनभर की धूप आने का रास्ता जरूर बनाएं.
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अगर गमले की मिट्टी दो साल से अधिक पुरानी है तो इसे फौरन बदल कर नई, सूखी और भुरभुरी मिट्टी के साथ बदल दीजिए. गार्डन में पौधे लगा रखे हैं तो खुरपी की मदद से मिट्टी को कुरेद दीजिए. इससे एयरेशन को बढ़ावा मिलेगा और पौधों की ग्रोथ बढ़ जाएगी. पुरानी मिट्टी में लगातार पानी या नमी होने से फंगस का खतरा बढ़ जाता है.
पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए खाद एक बेसिक जरूरत होती है. गार्डनिंग के दौरान हर 30-45 दिनों में उचित मात्रा में वर्मी कंपोस्ट दें, छोटे पौधों में छोटे चम्मच से 2 चम्मच खाद भी पर्याप्त है. जब पौधे अंकुरित होने के स्टेज पर हों तो नारियल के छिलकों से बनी कोकोपीट दें. इसके अलावा किचन वेस्ट से बनी खाद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
पौधों में नई कोपल या पंखुड़ियां लाने के लिए सूखे पत्तों या टहनियों की कटाई-छंटाई करके उन्हें अलग कर दें. पौधों के साथ अगर कोई अनावश्यक घास या खरपतवार उग आए हैं तो उन्हें फौरन हटाकर अलग करें. पौधों की प्रूनिंग के लिए कटर का इस्तेमाल करें और टहनियों को तिरछा काटें. इससे नई कोपल आसानी से फूटेंगी.
होम गार्डनिंग करते हुए इस बात का ध्यान रखें कि आपका गार्डन पूरी तरह से ऑर्गेनिक होना चाहिए. इसमें किसी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं करेंगे तो बेहतर होगा. इसके लिए हमने खादों के बारे में आपको पहले ही बता दिया. कीटनाशक की बात करें तो नीम के पत्तों को उबाल कर आप देसी कीटनाशक बना सकते हैं, गौमूत्र या फिर छाछ का स्प्रे भी पौधों को कई रोगों से बचा सकता है.