तेजी से बदलते इस दौर में हर जगह मशीनों और आधुनिक तकनीकों का बोलबाला है. हालांकि तकनीकियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आने के बाद बहुत से लोगों की नौकरी पर खतरा बढ़ गया है. आपको बता दें कि तकनीक कितना भी आगे बढ़ जाए लेकिन भोजन का विकल्प कभी नहीं बन सकती है. इसलिए पिछले कुछ सालों से नए-नए लोग भी खेती में दिलचस्पी दिखाने लगे हैं. इस दौर में खेती के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला है. पिछले कुछ सालों से खाली खेतों में नेट हाउस लगाकर अच्छी कमाई की जा रही है.
इस खबर में समझ लेते हैं कि नेट हाउस क्या है और इसके फायदे क्या होते हैं? इसके साथ ही ये जानना भी बहुत जरूरी है कि इसमें कौन सी फसल लगाई जाती है, ताकि किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें.
पिछले कुछ सालों से ग्रीन हाउस, पॉली हाउस और नेट हाउस में खेती का चलन बढ़ गया है. नेट हाउस बनाने के लिए लोहे की पाइपों, सीमेंट के खंभों या बांसों की मदद से एक स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है और उसके ऊपर नेट की परतें लगाकर एक खास संरचना बनाई जाती है. आपको बता दें कि नेट हाउस लगाने के बाद उसमें ड्रिप इरिगेशन सेटअप भी लगाया जाता है ताकि फसलों की सिंचाई की जा सके.
नेट हाउस में खेती करने के बाद ढेर सारे फायदे देखे जाते हैं. आपको बता दें कि नेट का आवरण चारों ओर होने से फसलों की कई तरह से सुरक्षा होती है. नेट हाउस (Net House) में खेती करने से किसानों को मौसम, कीट और तापमान से फसल की रक्षा करने में मदद करती है. ये फसल को अनुकूल वातावरण देने का काम करता है. आइए प्वांइटर में समझ लेते हैं कि इससे किस तरह के फायदे मिलते हैं.
आपको बता दें कि नेट हाउस में कोई भी फसल ना उगाएं इसमें नकदी फसलों की खेती की जाती है. आपको बता दें कि स्ट्रॉबेरी, टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां गुलाब, जरबेरा और गेंदा जैसे फूल, पत्तेदार सब्जियों में धनिया, पालक, मेथी और नर्सरी पौधे तैयार कर सकते हैं. नेट हाउस के भीतर उगाए गए पौधों की गुणवत्ता बेहतर होती है. धान-गेहूं और दलहन, तिलहन फसलें नेट हाउस के भीतर नहीं लगा सकते हैं. नेट हाउस में उगाई गई फसलों से मिलने वाले उत्पादों की गुणवत्ता बेहतर होती है इसलिए इनकी कीमत भी अच्छी होती है.
किसान अगर नेट हाउस बनावाना चाहते हैं तो इसकी लागत और स्ट्रक्चर के बारे में समझना जरूरी है. अगर आप एक एक़ के खेत में नेट हाउस लगाना चाहते हैं तो करीब 10-15 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है. हालांकि नेट हाउस बनवाने के लिए 50-75 फीसदी सब्सिडी का भी प्लान है. विशेष स्थिति में राज्य सरकार की ओर से किसानों की बड़े पैमाने में मदद की जाती है. नेट हाउस को वन टाइम इन्वेस्टमेंट माना जाता है. अगर नेट फट जाए या किसी और तरह से डैमेज हो जाए तो इसको रिपेयर भी कराया जा सकता है.