Gardening Tips: सर्दियों में ऐसे लगाएं सदाबहार का पौधा, रंग-बिरंगे फूलों से खिल उठेगी क्‍यारी 

Gardening Tips: सर्दियों में ऐसे लगाएं सदाबहार का पौधा, रंग-बिरंगे फूलों से खिल उठेगी क्‍यारी 

सर्दियों में इन पौधों की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है. मिट्टी को पोषक तत्वों से भरपूर रखना और उचित पानी देना जरूरी है. इसके अलावा, धूप और हल्की छाया का संतुलन बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है.  समय-समय पर फूलों और पत्तियों की छंटाई करने से नए फूल जल्दी आते हैं और पौधा स्वस्थ रहता है. 

sadabaharsadabahar
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Oct 25, 2025,
  • Updated Oct 25, 2025, 6:30 AM IST

बागवानी प्रेमियों के लिए सदाबहार का पौधा लगाने का अब सही समय आ चुका है. इस पौधे को  कैथरैन्थस रोसियस के नाम से भी जानते हैं और यह एक खूबसूरत पौधा लगता है. इसकी खूबसूरत फूलों वाली प्रजातियां जैसे एलबस और और ओसेलाटस छोटे-बड़े गार्डन, बालकनी और फूलों की क्यारी में जीवन और रंग भर देती हैं. ये पौधे न केवल देखने में आकर्षक हैं, बल्कि इनकी देखभाल भी अपेक्षाकृत आसान है. 

कैथरैन्थस रोसियस एल्बस

एलबस प्रजाति सफेद फूलों के लिए जानी जाती है. इसके फूल पूरी तरह से सफेद होते हैं और लंबे समय तक खिलते रहते हैं. यह पौधा लगभग 30-40 सेंटीमीटर ऊंचा होता है और इसकी हरी पत्तियां फूलों के रंग को और भी उजागर करती हैं. एलबस प्रजाति की खूबसूरती इसकी शांति और सादगी में और निखरती है. यह छोटे गार्डन, घर की बालकनी और फ्लावर पॉट्स में लगाने के लिए बेस्‍ट है. 

इस पौधे की देखभाल बहुत आसान है. इसे पूरी या हल्‍की धूप पसंद है और मिट्टी में उचित नमी बनाए रखना जरूरी है. हफ्ते में दो-तीन बार हल्का पानी देना काफी है. यह पौधा गर्मियों और सर्दियों दोनों ही मौसम में अच्छा खिलता है. फूल ज्‍यादा दिन तक खिले रहते हैं और सफेद रंग इसे बाकी अन्य रंगीन पौधों के साथ मिक्‍स करके रखने में बेहद अट्रैक्टिव बनाता है. 

कैथरैन्थस रोसियस ओसेलाटस

ओसेलाटस प्रजाति अपनी रंग-बिरंगी, आंख जैसे पैटर्न वाले फूलों के लिए मशहूर है. इन फूलों के बीचों-बीच गहरे रंग का केंद्र होता है, जो इसे बेहद आकर्षक बनाता है. ओसेलाटस का साइज करीब 30 से 35 सेंटीमीटर होता है और यह कम समय में धरती पर फैलकर गार्डन में एक रंगीन चादर की तरह दिखाई देता है. ओसेलाटस को अच्छी रोशनी और हल्की जल निकासी वाली मिट्टी की जरूरत होती है. इसे नियमित रूप से पानी देना चाहिए लेकिन ध्‍यान रखें कि इसकी जड़ें कहीं ज्‍याद भीग न जाएं. इस प्रजाति को समय-समय पर खाद और टॉप ड्रेसिंग देना चाहिए ताकि फूल अधिक समय तक खिलते रहें. 

देखभाल और टिकाऊपन

सर्दियों में इन पौधों की विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है. मिट्टी को पोषक तत्वों से भरपूर रखना और उचित पानी देना जरूरी है. इसके अलावा, धूप और हल्की छाया का संतुलन बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है.  समय-समय पर फूलों और पत्तियों की छंटाई करने से नए फूल जल्दी आते हैं और पौधा स्वस्थ रहता है. 

बागवानी में उपयोग और सजावट

एलबस और  ओसेलाटस दोनों प्रजातियां एक साथ लगाने पर गार्डन और फूलों की क्यारी में शानदार कलर कॉम्बिनेशन बनाती हैं. सफेद और रंग-बिरंगे फूलों का मिश्रण न केवल आंखों को भाता है, बल्कि बगीचे में हरियाली और ताजगी भी बनाए रखता है. ये पौधे छोटे पैकेट में भी आसानी से लगाए जा सकते हैं, जिससे बालकनी और छत के बगीचों के लिए यह आदर्श विकल्प बन जाते हैं. 

कारगर जड़ी-बूटी भी है पौधा

यह एक बारहमासी जड़ी-बूटी है और ब्रांचिंग और इरेक्शन हर्ब के तौर पर भी जानी जाती है. पौधे में चमकदार पत्तियां होती हैं जिनका आकार अंडाकार से लेकर आयताकार होता है. पत्तियां उल्टी तरह से लगी होती हैं, जिनमें हल्की मिडरिब और छोटी पेटियोल होती है. इनके फूलों में मुख्य तौर पर पांच पंखुड़ियां होती हैं जिनके बीच में हल्की गुलाबी या बैंगनी आंख होती है. यह फूलल्यूकेमिया, लिम्फोमा और बचपन के कैंसर समेत कुछ और प्रकार के कैंसर वाली और नॉन-कैंसर वाली बीमारियों को भी ठीक करने के काम आता है. यह असल में मेडागास्कर से आता है और पूरे भारत में उगाया जाता है. 

यह भी पढ़ें- 

MORE NEWS

Read more!