वो 6 जगहें जहां आपको कभी नहीं लगाने चाहिए फलों के पेड़, होगा बड़ा नुकसान  

वो 6 जगहें जहां आपको कभी नहीं लगाने चाहिए फलों के पेड़, होगा बड़ा नुकसान  

हर पेड़ की अपनी खास जरूरतें होती हैं. लेकिन पर्याप्त धूप और सही मिट्टी वाली जगह किसी भी बगीचे के लिए एक जरूरी प्‍वाइंट है. फलों का पेड़ उगाने में बहुत समय और मेहनत लगती है. इसलिए आप यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि आप इसे ऐसी जगह लगाएं जहां आपको अच्‍छी उपज और सफलता मिले.

फलों की खेती में ध्‍यान रखें ये बातें फलों की खेती में ध्‍यान रखें ये बातें
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • May 12, 2025,
  • Updated May 12, 2025, 10:16 PM IST

चाहे आप सेब की खेती करने की सोच रहे हों या फिर आड़ू, बेर या आम की फसल उगाने की तैयारी कर रहे हो, आपके लिए हर तरह की रिसर्च करना बेहद जरूरी है. जिस जगह पर आप फलों का पेड़ लगाते हैं वह एक अच्‍छी फसल के लिए बहुत जरूरी है. हर पेड़ की अपनी खास जरूरतें होती हैं. लेकिन पर्याप्त धूप और सही मिट्टी वाली जगह किसी भी बगीचे के लिए एक जरूरी प्‍वाइंट है. फलों का पेड़ उगाने में बहुत समय और मेहनत लगती है. इसलिए आप यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि आप इसे ऐसी जगह लगाएं जहां आपको अच्‍छी उपज और सफलता मिले. विशेषज्ञों से उन कुछ जगहों के बारे में बताया है जहां पर आपको फलों के पेड़ नहीं उगाने चाहिए. जानिए इनमें से ही 6 जगहों के बारे में. 

छोटी जग‍ह से बचें 

बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार अपने फलों के पेड़ के लिए ऐसी जगह चुनें जो उसकी पूरी ऊंचाई और चौड़ाई को एडजस्‍ट कर सकें यानी छोटी जगह पर पेड़ न लगाएं. ज्‍यादा जगह होने से पेड़ के चारों ओर पर्याप्त जगह एयर वेंटीलेशन बेहतर बना सकती है, बीमारी की समस्याओं को कम कर सकती है और कटाई को आसान बना सकती है. अगर आप एक छोटी सी जगह में या यहां तक कि घर के अंदर एक कंटेनर में फल उगाना चाहता है तो बोनसाई यानी बौनी किस्म को ही चुनें. अगर आप ऐसे पेड़ से फल चाहते हैं जिसके लिए क्रॉस-पॉलिनेशन की जरूरत होती है तो सुनिश्चित करें कि आपके पास दो पेड़ों के लिए पर्याप्त जगह हो. 

ज्‍यादा नमी वाली जगह 

फलों के पेड़ अच्छी जल निकासी वाले क्षेत्रों में पनपते हैं. इसलिए उन्हें गीली मिट्टी और निचली भूमि पर लगाने से बचें. बहुत गीली जगहों पर फलों के पेड़ लगाने से बचना चाहिए. ऐसी कोई भी जगह नहीं चुननी चाहिए जहां साल के ज्‍यादातर समय पानी सतह के पास रहता हो. अच्छी मिट्टी की जल निकासी वाली जगहों का चयन करना बेहतर है. इससे सिंचाई के जरिए वॉटर मैनेजमेंट आपके हिसाब से हो सकता है और आपको बारिश पर निर्भर नहीं रहना होगा. 

कम रोशनी वाली जगह 

पेड़ की रोशनी की जरूरतों के बारे में सोचें. ज्‍यादातर फलों के पेड़ पूरी धूप में पनपते हैं. लेकिन कुछ किस्में थोड़ी छाया को सहन कर सकती हैं. अगर आप आंशिक छाया चाहते हैं, तो आपको पूरे दिन सूरज की दिशा को ध्यान में रखना होगा. 

पोषक तत्वों की कमी वाली मिट्टी में

ऐसी जगह पर पौधे न लगाएं जहां पर मिट्टी में नमक की मात्रा ज्‍यादा है. मिट्टी का परीक्षण जरूर करें. इससे आपको यह निर्धारित करने में मदद मिलेगी कि आपकी मिट्टी के पोषक तत्व और pH आपके चुने हुए फल के पेड़ के लिए सही हैं या नहीं. ज्‍यादातर पेड़ 6ph के करीब वाली मिट्टी में पनपते हैं. अपने पौधे लगाने से पहले पोषक तत्वों की स्थिति और मिट्टी के स्वास्थ्य की स्थिति की जांच करें. अगर नाइट्रोजन, कार्बनिक पदार्थ, फॉस्फोरस या कोई और पोषक तत्व वास्तव में कम है, तो वहां पर पेड़ लगाने से बचें. 

गलत जलवायु वाले क्षेत्र में

कभी भी ऐसी जगह को न चुनें जहां पर फलों के पेड़ों की मौसमी जरूरतें नहीं पूरी हों सकें. एक ऐसा पेड़ लगाना जो आपके जलवायु के लिए सही नहीं है, गलत होगा. आपको अच्छी उपज नहीं मिल सकेगी. हमेशा ऐसी जगह और ऐसी प्रजाति चुनें जो आपके लिए सही हो. साथ ही ऐसी किस्म चुनें जो आपकी जगह पर मौजूद तापमान के लिए उपयुक्‍त हों. 

भीड़भाड़ वाली जगह  

आपको अपने पसंदीदा फल वाले पेड़ ऐसी जगह पर लगाना होगा जहां आप आसानी से पहुंच सकें, न कि ऐसी जगह जहां पर भीड़भाड़ रहती हो. बागवानी विशेषज्ञों की मानें तो फुटपाथ यानी ऐसी जगह को नहीं चुनना चाहिए जहां पर लोग चलते हों. फुटपाथ के करीब लगे फलों के पेड़ कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकते हैं. जड़ें फुटपाथ को नुकसान पहुंचा सकती हैं या गिरे हुए फल गंदे हो सकते हैं. साथ ही पैदल चलने वालों और बाकी लोगों के लिए ये परेशानी का सबब बन सकते हैं. ऐसे में कटाई से पहले फल नहीं पकते और आपको नुकसान हो सकता है. 
 

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