आम पर कब करें पहला, दूसरा और तीसरा छिड़काव? ये रहे कीट और रोगों से सुरक्षा के उपाय

आम पर कब करें पहला, दूसरा और तीसरा छिड़काव? ये रहे कीट और रोगों से सुरक्षा के उपाय

इन कीटों और रोग से बचाने के लिए किसानों को आम के मंजर में तीन छिड़काव करने की सलाह दी जाती है. किसानों से कहा जाता है कि तीनों छिड़काव सही समय पर होने चाहिए, इससे मंजर को नुकसान नहीं होता है और आम की अच्छी पैदावार हासिल होती है. आम के पेड़ में पहला छिड़काव पेड़ों में मंजर आने से पहले किया जाता है.

आम के मंजर का रखें ख्यालआम के मंजर का रखें ख्याल
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 07, 2024,
  • Updated Mar 07, 2024, 1:08 PM IST

आम का सीजन आ रहा है. पेड़ों पर मंजर लग गए हैं. इस बीच अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अधिक का अंतर देखा जा रहा है. साथ ही मौसम में नमी भी देखी जा रही है. ऐसे में आम से पेड़ों का अच्छे से खयाल रखा जाता है ताकि अच्छी पैदावार हासिल हो सके. अच्छी उपज हासिल करने के लिए मंजर लगने के समय से ही पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि आम के पेड़ों में अच्छा मंजर आने के बाद भी अच्छी पैदावार नहीं हो पाती है. फलन अच्छे से नहीं हो पाता है. आम पेड़ों के मंजर में प्रमुख तौर पर मधुआ कीट (मैंगो हॉपर), दहिया कीट (मिलीबग) और एंथ्रेकनौज जेसी बीमारियों का प्रकोप होता है.

इन कीटों और रोग से बचाने के लिए किसानों को आम के मंजर में तीन छिड़काव करने की सलाह दी जाती है. किसानों से कहा जाता है कि तीनों छिड़काव सही समय पर होने चाहिए. इससे मंजर को नुकसान नहीं होता है और आम की अच्छी पैदावार हासिल होती है. आम के पेड़ में पहला छिड़काव पेड़ों में मंजर आने से पहले किया जाता है. इसके छिड़काव के लिए किसान वैज्ञानिकों द्वारा बताए गए किसी भी कीटनाशक का छिड़काव कर सकते हैं. पहला छिड़काव इस तरह से किया जाता है कि कीटनाशक पेड़ की छालों की दरारों में छिपे मधुआ कीट तक पहुंचे और उनका खात्म कर सके क्योंकि तापमान बढ़ने के साथ ही इस कीट की संख्या में बढ़ोतरी होने लगती है. 

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इस समय करें दूसरा और तीसरा छिड़काव

इसके अलावा आम के मंजर में मटर के दाने के बराबर हो जाने पर कीटनाशक के साथ-साथ किसी फफूंदनाशी को मिलाकर छिड़काव करने की सलाह दी जाती है. इस छिड़काव से मंजर को पाउडरी मिल्डयू और एन्थ्रेकनोज रोग से सुरक्षित रखा जा सकता है. साथ ही इस घोल में अल्फा नेप्थाईल एसीटिक एसिड का मिलाया जाता है. इसे मिलाने से फल नहीं गिरते हैं और अच्छी पैदावार होती है. मंजर के बाद जब आम के पेड़ में टिकोरा लग जाए तब तीसरा छिड़काव करना चाहिए. तीसरे छिड़काव में कीटनाशी के साथ अल्फा नेप्थाईल एसीटिक एसिड के अलावा आवश्यकतानुसार एक फंफूंदनाशी को मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. 

इन कीटनाशकों का कर सकते हैं इस्तेमाल

  • इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल एक मिली प्रति तीन लीटर पानी के साथ छिड़काव करें.
  • डायमेथोएट 30 प्रतिशत ईसी का दो मिली प्रति तीन लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.
  • मालाथियॉन 50 प्रतिशत ईसी का 1.5 मिली प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.
  • एसीफेट 75 प्रतिशत ईसी 1 ग्राम प्रति एक लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें. 
  • थायोमेथाक्साम 25 प्रतिशत डब्लयूपी का एक ग्राम प्रति 10 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.

इन फफूंदनाशकों का करें प्रयोग

  • सल्फर 80 घुलनशील चुर्ण तीन ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
  • कॉपरऑक्सीक्लोराइड का 50 प्रतिशत घुलनशील चुर्ण तीन ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.
  • कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण को एक ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.
  • हेक्साकोनाजोल 5 प्रतिशत एससी का 2 मिली प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.

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इन प्रमुख बातों का रखें ध्यान

मंजर के समय बूंदा-बांदी हो जाने पर घुलनशील सल्फर या कार्बेन्डाजिम का हेक्साकोनाजोल का छिड़काव जरूर करना चाहिए. दहिया कीट के नियंत्रण के लिए तैयार किए गए घोल में कोई स्टिकर जरूर मिला दें. फल और मंजर को गिरने से बचाने के लिए दूसरे और तीसरे छिड़काव में कीटनाशक के तैयार घोल के साथ अल्फा नेप्थाईल एसिटीक एसिड 4.5 एसएल का चार मिली प्रति 10 लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. दूसरे छिड़काव में 80 घुलनशील चूर्ण 30 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें. ध्यान रहें कि किसी भी कीटनाशी या फफूंदनाशी का निर्धारित मात्रा में ही छिड़काव करें नहीं तो आम का मंजर जल सकता है. 

 

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