उत्तर प्रदेश में AI क्रांति! खेती-किसानी से लेकर चकबंदी में एआई के समावेश पर जोर, पढ़ें डिटेल

उत्तर प्रदेश में AI क्रांति! खेती-किसानी से लेकर चकबंदी में एआई के समावेश पर जोर, पढ़ें डिटेल

AI Integration In Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार एआई तकनीक के जरिए खेती को स्मार्ट बना रही है. 4,000 करोड़ रुपये की 'UP Agris' परियोजना के तहत किसानों को ड्रोन मैपिंग, कीट पहचान और डिजिटल मार्केटिंग जैसी सुविधाएं मिलेंगी.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jul 26, 2025,
  • Updated Jul 26, 2025, 12:25 AM IST

उत्तर प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अब केवल तकनीकी शब्द नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और प्रशासन में बड़े बदलाव का माध्यम बनता जा रहा है. उत्‍तर प्रदेश कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में एआई को प्राथमिकता देते हुए आधुनिक तकनीकों से ग्रामीण विकास की नई परिभाषा गढ़ रहा है. ‘यूपी एग्रीज’ प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में 10 लाख से ज्यादा किसानों को स्मार्ट सिंचाई, ड्रोन मैपिंग, कीट पहचान और डिजिटल मार्केट एक्सेस जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं एआई की मदद से दी जा रही हैं. यह परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से 4,000 करोड़ रुपये की लागत से संचालित हो रही है. खास बात यह है कि इसमें 10,000 महिला समूहों को भी भागीदार बनाया गया है. इससे किसानों की लागत घटने और उत्पादन बढ़ने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं.

AI से सशक्त हो रहा प्रशासन

राज्य सरकार केवल कृषि ही नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार, सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी एआई का व्यापक उपयोग कर रही है. चकबंदी और भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण में सैटेलाइट इमेजिंग और एआई एल्गोरिद्म का उपयोग किया जा रहा है. वहीं खनिज संपदा की सुरक्षा के लिए 25 जिलों में 57 एआई/आईओटी आधारित मानव रहित चेकगेट्स लगाए गए हैं, जहां आरएफआईडी टैग, जियोफेंसिंग और एआई कैमरे युक्त वेटब्रिज लगाए गए हैं.

लखनऊ बनेगा देश की पहली AI सिटी

मार्च 2024 में स्वीकृत IndiaAI मिशन के तहत लखनऊ को भारत का पहला एआई सिटी बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है. 10,732 करोड़ रुपये के निवेश से यहां मल्टी-मॉडल लैंग्वेज मॉडल्स, 10,000 जीपीयू और एआई इनोवेशन सेंटर जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं. यह निवेश देश के किसी अन्य एआई इकोसिस्टम की तुलना में 67 फीसदी ज्‍यादा है.

‘एआई प्रज्ञा’ से युवाओं को डिजिटल ट्रेनिंग

राज्य सरकार की ‘एआई प्रज्ञा’ योजना के तहत माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, गूगल और गुवी जैसी कंपनियों के सहयोग से युवाओं, शिक्षकों, ग्राम प्रधानों और सरकारी कर्मचारियों को डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा और मशीन लर्निंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. हर माह 1.5 लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है.

कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा में मदद

प्रदेश के 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर में एआई सक्षम सीसीटीवी, नंबर प्लेट ट्रैकिंग, फेशियल रिकग्निशन और SOS अलर्ट सिस्टम लगाए गए हैं. 112 हेल्पलाइन से सीधे जुड़े इन सिस्टम्स से आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिल रही है. वहीं, 70 जेलों में ‘जार्विस’ नामक एआई निगरानी प्रणाली से कैदियों की गतिविधियों पर 24x7 नजर रखी जा रही है.

स्वास्थ्य, शिक्षा और रिसर्च में भी मजबूत उपस्थिति

फतेहपुर में देश का पहला एआई आधारित ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर स्थापित किया गया है. वहीं, एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) और आईबीएम की साझेदारी से 500 कॉलेजों में मुफ्त एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग कोर्स शुरू किए गए हैं. फार्मा रिसर्च और हेल्थ डेटा एनालिटिक्स में एआई का प्रयोग बढ़ रहा है.

विजन 2047 के साथ कदमताल

उत्तर प्रदेश सरकार भारत सरकार के ‘विजन 2047’ के साथ कदमताल करते हुए राज्य की एआई नीति पर भी काम कर रही है. 30 विभागों के अधिकारियों को एआई बूटकैम्प के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है, ताकि सरकारी योजनाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सके.

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