Mango Orchard: आम के बाग में इन कीटों और डाइबैक रोग से रहें सतर्क, नुकसान से बचाने के ये हैं उपाय

Mango Orchard: आम के बाग में इन कीटों और डाइबैक रोग से रहें सतर्क, नुकसान से बचाने के ये हैं उपाय

इस वक्त आम के बागों को हानिकारक कीट गुजिया से बचाने के लिए सतर्क रहना जरूरी है, अन्यथा थोड़ी सी लापरवाही आम के उत्पादन में कमी का कारण बन सकती है. इस हानिकारक कीट से बचाव कैसे करें यह जानना बहुत जरूरी है. अगर ध्यान न दिया जाए तो, इससे आम के पेड़ों को नुकसान हो सकता है.

आम के बाग गुजिया कीट और उल्टा सुखा रोग से रहें सतर्क आम के बाग गुजिया कीट और उल्टा सुखा रोग से रहें सतर्क
जेपी स‍िंह
  • NEW DELHI,
  • Nov 29, 2023,
  • Updated Nov 29, 2023, 1:09 PM IST

Mango Pest-Disease : देश में खेती के बाद, बागवानी ही किसानों की आय का सबसे बड़ा ज़रिया है. और इसमें भी फल उत्पादन के तहत आने वाले क्षेत्र के तक़रीबन एक तिहाई भाग में, आम की बागवानी है. आपको किसी भी राज्य के, किसी भी हिस्से में, आम के छोटे-बड़े बाग ज़रूर मिल जाएंगे जिनमें कई अलग-अलग किस्मों के आम के पेड़ लगे होते हैं. अभी इन पेड़ों में नई टहनियां और पत्तियां बन रही हैं. इन्हीं नई पत्तियों और टहनियों पर मंजर लगते हैं. मगर आम का खतरनाक कीट गुजिया का हमला करने का वक्त है, जो आम के बागवानी को काफी हानि पहुंचा सकते हैं. इस कीट के अधिक प्रकोप से आम के बौर और फलन नहीं लग पाती है. इसलिए, आम के बागों को इस हानिकारक कीट से बचाने के लिए सतर्क रहना जरूरी है, नहीं तो थोड़ी सी लापरवाही आम के उत्पाद में कमी का कारण बन सकती है.

आम के बागों में इस हानिकारक कीट का रोकथाम कैसे किया जाए, इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है. ध्यान न देने पर पेड़ इसकी चपेट में आ सकते हैं, जिससे उनकी वृद्धि पर प्रभाव पड़ सकता है. आम के पेड़ों में लगने वाले उल्टा सूखा रोग आम की बागवानी के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसके कारण आम के पेड़ सूख रहे हैं, जिसका रोकथाम करना जरूरी है.

पत्तियों से लेकर मंजर चट कर देने वाला कीट 

आम की बागवानी से अच्छी फलन लेने के लिए नवंबर-दिसंबर के वक्त कीटों से बचने के लिए तैयार रहने चाहिए. आम का खतरनाक कीट गुजिया जमीन से निकल कर पेड़ पर चढ़ कर सबसे पहले नई पत्तियों और टहनियों के रस को चूसकर सुखा देता है. ये कीट फरवरी-मार्च में आम के मंजर और फलों के रस के चुसकर काफी हानि पहुंचाते हैं. गुजिया कीट इस समय आपको पेड़ पर चलता हुआ दिख जाएगा, जो शीर्ष पर जाकर सेट हो जाता है. इसके ज्यादा प्रकोप से कई बार मंजर आ ही नहीं पाता. सफेद होने के कारण ये दही जैसा दिखता है, इसलिए इसे दहिया कीट भी कहते हैं. 

आम का गुजिया कीट

गुजिया कीट से रोकथाम का उपाय

केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान CISH लखनऊ  के मुताबिक, गुजिया कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए पेड़ के मुख्य तने  से जमीन से  30 सेमी. से उपर 400 गेज पॉलिथीन जो 50 सेंमी चौड़ी हो, उसको चारों ओर लपेट देना चाहिए. नीचे के हिस्से में ग्रीस लगा देना चाहिए जिससे कि कीट पेड़ पर चढ़ नहीं पाए और तने के पास जमीन पर मिट्टी का पिंडी बनाकर 100 ग्राम से  250 ग्राम क्लोरोपाइरिफास का डस्ट मिलाकर रख देना चाहिए. अगर कीट तने और पत्तियों तक पहुंच गया है तो कार्बोसल्फान 25 ई.सी. या डाइमेथोएट 30 ई.सी. 2 मि.ली./ली. पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. या इसके रोकथाम के लिए नवंबर में जुताई करके पौधे के पास की भूमि को मिथाइल पैराथियान 50 प्रतिशत ई0 सी0 का 0.05 प्रतिशत घोल से तर कर देना चाहिए .

आम पेड़ को सुखा देता है ये रोग

डॉ आर. पी सिंह, पौध सुरक्षा विशेषज्ञ ने किसान तक को बताया कि आम के पेड़ों में लगने वाला उल्टा सूखा रोग आम की बागवानी का दुश्मन बन रहा है. इस रोग के प्रकोप से आम का हरा भरा पेड़ कुछ महीनों में ही सूख कर ढांचे में तब्दील हो जाता है. इस आम के बागों में टहनियों का ऊपर से नीचे की ओर सूखना उल्टा सूखा रोग का मुख्य लक्षण है. पेड़ों में पत्ते सूख जाते हैं. प्रभावित तनाएं फटने लगती हैं, जिसमें पीला गोंद निकलता है और धीरे-धीरे शाखाएं सूख जाती हैं जो कि आग से झुलसे हुए मालूम पड़ते हैं. टहनियों को लंबाई में काटने पर अंदर की ऊतक में भूरापन दिखता है. अगर बागों में ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो रोग का प्रबंधन करने के लिए उपचार के प्रयास अभी भी किए जा सकते हैं.

आम का उल्टा सुखा रोग

उल्टा सूखा रोग से बचाव के उपाय

पौध सुरक्षा विशेषज्ञ के अनुसार आम के पेड़ों में टहनियों में जहां तक सूखा है, उससे एक फिट पीछे कटाई करके वहां पर कॉपर आक्सी क्लोराइड 3 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें और उसका 10% का पेस्ट बनाकर लगाएं. 10% का मतलब 100 ग्राम का कॉपर आक्सी क्लोराइड प्रति लीटर पानी की दर से पेस्ट तैयार कर कटे हुए भाग पर लगाएं. इस तरह ज़रूरत के मुताबिक़ रोकथाम उपाय अपना कर आप अपने आम के बगीचे को कीट रोग से मुक्त रख सकते हैं. इससे आने वाले समय में अधिक मंजर और आम की अधिक फलन लगेगी और आम के बाग से फलों की अधिक उपज ले पाएंगे.

 

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