पॉलिटेक्निक के छात्रों ने बनाया सस्ता और टिकाऊ ड्रोन, कीमत मात्र सवा तीन लाख रुपये

पॉलिटेक्निक के छात्रों ने बनाया सस्ता और टिकाऊ ड्रोन, कीमत मात्र सवा तीन लाख रुपये

Agriculture drone: यह ड्रोन कृषि क्षेत्र में छिड़काव में काम आएगा. छिड़काव होने से फसलों का उत्पादन बढ़ेगा. किसानों को कम खर्च करना पड़ेगा जिससे उनकी आय बढ़ेगी. इसके अलावा ड्रेन क्लीनिंग और फोटोग्राफी में इस्तेमाल किया जा सकेगा. उन्होंने कहा, इसके लिए हमारा प्रयास है कि इसे इंडस्ट्री से जोड़ें. यहां ड्रोन बनाने का काम शुरू हो. हमारा प्रयास है कि देवरिया और प्रदेश के अन्य जनपदों में हम सस्ते और सक्षम ड्रोन सप्लाई कर सकें.

agriculture droneagriculture drone
राम प्रताप सिंह
  • Deoria,
  • Dec 12, 2024,
  • Updated Dec 12, 2024, 7:56 PM IST

Agriculture drone: यूपी में देवरिया जिले के कुछ छात्रों ने बड़ा कमाल किया है. यहां पॉलिटेक्निक के छात्रों ने सस्ता और सुविधाजनक कृषि ड्रोन बनाया है. इसे बड़ा कमाल इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि महंगे ड्रोन से किसान परेशान हैं. इससे खेती की लागत कम नहीं हो रही है. लेकिन छात्रों का बनाया यह ड्रोन भविष्य के लिए नया रास्ता जरूर दिखा रहा है. राजकीय पॉलिटेक्निक, देवरिया के छात्रों ने जो ड्रोन बनाया है उसका नाम वायु ड्रोन रखा गया है. 

देवरिया के विकास भवन कैंपस में CDO प्रत्यूष पांडेय की मौजूदगी में 10 मीटर ऊपर हवा में इस ड्रोन को उड़ाकर चेक किया गया. साथ ही इससे दवाओं का छिड़काव कर सफल टेस्टिंग की गई. इस ड्रोन की खास बात यह है कि सस्ता और सुविधाजनक है. तीन लाख पच्चीस हजार रुपये इसकी कॉस्ट है. यह कृषि क्षेत्र में कीटनाशक छिड़काव में इस्तेमाल तो होगा ही. साथ ही इसमें लगे कैमरे की मदद से प्रशासन सर्च ऑपरेशन और खेतों की मैपिंग में भी इस्तेमाल कर सकेगा.

क्या है ड्रोन की खासियत?

सीडीओ ने बताया कि यह ड्रोन कृषि क्षेत्र में छिड़काव में काम आएगा. छिड़काव होने से फसलों का उत्पादन बढ़ेगा. किसानों को कम खर्च करना पड़ेगा जिससे उनकी आय बढ़ेगी. इसके अलावा ड्रेन क्लीनिंग और फोटोग्राफी में इस्तेमाल किया जा सकेगा. उन्होंने कहा, इसके लिए हमारा प्रयास है कि इसे इंडस्ट्री से जोड़ें. यहां ड्रोन बनाने का काम शुरू हो. हमारा प्रयास है कि देवरिया और प्रदेश के अन्य जनपदों में हम सस्ते और सक्षम ड्रोन सप्लाई कर सकें.

ये भी पढ़ें: यूपी में एग्रीकल्‍चर ड्रोन, पराली मैनेजमेंट मशीनों पर मिल रही भारी सब्सिडी, ये है आवेदन की आखिरी तारीख

राजकीय पॉलिटेक्निक, देवरिया के लेक्चरर नरेंद्र मोहन मिश्रा ने बताया कि पांच छात्रों ने इस ड्रोन को बनाया है जिसमें ओमकार,चंद्रभूषण, प्रशांत, हिमांशु और आदर्श मिश्रा हैं. नरेंद्र मोहन मिश्रा ने बताया कि लेक्ट्रॉनिक विंग के छात्रों ने यह ड्रोन बनाया है. इस पर पिछले 2 साल से प्रयास कर रहे थे. पहले नॉर्मल और छोटे ड्रोन बनाए और इस बार सीडीओ की मदद से एक ऐसा ड्रोन बनाया गया है जो किसानों और कृषि विभाग की मदद करेगा. इसमें 10 लीटर की टंकी लगाई गई है. इसमें कीटनाशक दवाइयां भरकर खेतों में छिड़काव कर सकते हैं.

कई काम करेगा ड्रोन 

नरेंद्र मोहन मिश्रा ने कहा, सबसे अच्छी बात यह है कि यह कम समय में किया जा सकता है. कम लागत में छिड़काव कराया जा सकता है. इस ड्रोन को बनाने में पॉलिटेक्निक फाइनल ईयर और पास आउट छात्रों ने रोल निभाया है. इसमें एक कैमरा भी लगाया है. कहीं भी हम आपात स्थिति में वीडियो रिकॉर्डिंग चाहते हैं या कहीं भीड़ वाली जगह पर कुछ अनाउंसमेंट करना चाहते हैं तो माइक लगाकर कर सकते. हैं साथ ही खेतों की मैपिंग का काम करना हो, तो इसका उपयोग किया जा सकता है. 

इसमें सबसे अच्छी बात है कि अपने काम के हिसाब से इसमें बदलाव कर सकते हैं. मार्केट में जो भी ड्रोन है वह एक स्पेसिफिक काम के लिए है जबकि इस ड्रोन को सुविधा के हिसाब से मोडिफाई कर सकते हैं. इस ड्रोन को यहां के छात्रों ने खुद ही असेंबल किया है और बनाया है. इस ड्रोन में अपनी मांग और जरूरत के अनुसार बदलाव किया जा सकता है. 10 लीटर का टंकी फुल कर दें तो 4 मिनट में एक हेक्टेयर का छिड़काव कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें: किसानों तक पहुंचने के लिए मारूत ड्रोन ने अपनाया सर्विस मॉडल, फसल उत्पादन 15 फीसदी बढ़ने का दावा 

यह 15 से 20 मीटर ऊंचाई पर उड़ाया जा सकता है लेकिन 11 मीटर ऊंचाई की सफल टेस्टिंग कराई गई है. वीडियोग्राफी में 120 डिग्री एंगल पर तस्वींरे ली जा सकती हैं. छात्रों का कहना है कि पहली उड़ाने में डर लगता था, लेकिन आज सफल टेस्टिंग हुई तो खुशी है.

 

MORE NEWS

Read more!