अब पराली को जलाने की जरूरत नहीं, कम खर्च में खाद में बदल देंगी ये 5 मशीनें

अब पराली को जलाने की जरूरत नहीं, कम खर्च में खाद में बदल देंगी ये 5 मशीनें

हैप्पी सीडर मशीन पराली को खेत में ही मिला देती है, जिससे जलाने की जरूरत नहीं रहती और प्रदूषण नहीं फैलता. कटे हुए फसल अवशेष जैविक खाद के रूप में काम करते हैं. इससे मिट्टी में नमी और जैविक तत्व बने रहते हैं. यह मशीन मल्चिंग तकनीक से खेत में नमी बनाए रखने में मदद करती है, जिससे पानी की खपत कम होती है.

तीन कृषि मशीनेंतीन कृषि मशीनें
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Mar 05, 2025,
  • Updated Mar 05, 2025, 6:59 PM IST

पराली धान की हो या गेहूं की, किसानों के लिए बड़ी समस्या है. तभी किसान इस समस्या के जल्दी निपटान के लिए इसमें आग लगा देते हैं. फिर धुएं का अंबार इंसान से लेकर जानवर तक और पर्यावरण तक को भारी नुकसान पहुंचाता है. इस नुकसान को कम करने के लिए सरकार किसानों को कई तरह से प्रोत्साहित कर रही है. यहां तक कि पैसे दिए जा रहे हैं ताकि किसान पराली में आग न लगाएं. पराली निपटान मशीनों पर सब्सिडी दी जा रही है. साथ ही पराली को खरीदा जा रहा है. 

इन सबके बीच आपको कुछ मशीनों के बारे में जानना चाहिए जो पराली को बिना जलाए निपटाने का उपाय करती हैं. आइए ऐसी ही 5 मशीनों के बारे में जान लेते हैं जिसके बारे में ICAR की पत्रिका खेती में जानकारी दी गई है.

1- हैप्पी सीडर  

यह मशीन पराली को खेत में ही मिला देती है, जिससे जलाने की जरूरत नहीं रहती और प्रदूषण नहीं फैलता. कटे हुए फसल अवशेष जैविक खाद के रूप में काम करते हैं. इससे मिट्टी में नमी और जैविक तत्व बने रहते हैं. यह मशीन मल्चिंग तकनीक से खेत में नमी बनाए रखने में मदद करती है, जिससे पानी की खपत कम होती है.

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परंपरागत विधियों की तुलना में हैप्पी सीडर से बुआई तेजी से होती है, जिससे किसानों का समय और श्रम बचता है. मिट्टी की उर्वरता बनी रहने और नमी बचे रहने से फसल की पैदावार और क्वालिटी में सुधार होता है.

2-मल्चर

मल्चर पराली को छोटे टुकड़ों में काटकर खेत में ही फैला देता है. पराली को खेत में ही बिछाने से मिट्टी में नमी बनी रहती है. इससे फसल को सूखे की स्थिति में भी पर्याप्त पानी मिल सकता है. मल्चर से फैलाई गई पराली मिट्टी की सतह पर एक परत बना देती है. इससे खरपतवारों का विकास रुकता है और फसल की वृद्धि बेहतर होती है. मल्चर इन सभी काम में किसान की मदद करता है.

3-रोटावेटर

रोटावेटर पराली को मिट्टी में मिलाकर खेत को अगली फसल के लिए तैयार करता है, जिससे पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ती है. रोटावेटर मिट्टी की जुताई करते समय खरपतवार को भी खत्म कर देता है, जिससे फसल की वृद्धि बेहतर होती है. रोटावेटर के इस्तेमाल से खेत की जुताई और पराली प्रबंधन का काम एक साथ हो जाता है, जिससे किसानों का समय और श्रम बचता है.

4-मोल्डबोई हल

मोल्डबोई हल पराली को मिट्टी में दबा देता है जिससे उसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ती. इससे हवा में किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलता. यह हल मिट्टी को गहराई तक पलटता है जिससे मिट्टी की बनावट बेहतर होती है और जड़े अधिक मजबूती से बढ़ती हैं. पराली को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी और फसल दोनों को लाभ होता है. इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है, साथ ही फसलों के दुश्मन खरपतवार नहीं पनपते.

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5-सुपर एसएमएस

सुपर एसएमएस ऐसी मशीन है जो खेतों में पराली को बारीक टुकड़ों में काटकर फैला देती है. कटी हुई पराली धीरे-धीरे जैविक खाद के रूप में तब्दील हो जाती है जिससे मिट्टी में जैविक खाद की मात्रा बढ़ती है. इससे मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है और पौधों को पोषक तत्व मिलते हैं. यह मशीन पराली को टुकड़ों में काटकर खेतों में समान रूप से फैला देती है जिससे अगली फसल की बुवाई करने में परेशानी नहीं होती.

 

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