अमरेली ज़िले के किसान जहां रात में जंगली सूअरों और नीलगाय से अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए नए-नए तरीके आज़मा रहे हैं, वहीं एक किसान ने खेती के अलग-अलग तरीकों से अपनी फसलों और मानसून की सुरक्षा के लिए देसी जुगाड़ करके लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. क्या हैं ये देसी जुगाड़ आइए जानते हैं. ये हैं अमरेली जिले के सावरकुंडला तालुका के खड़साली गांव के किसान कांतिभाई मकवाना. कांतिभाई मकवाना ने केवल 3 किताबें पढ़ी हैं और रिक्शा चलाकर अपने परिवार की आजीविका चलाते हैं. उनका खेत विजपड़ी रोड पर स्थित है. मानसून के मौसम में पांच बीघा में मूंगफली लगाई जाती है. मूंगफली लगाने के बाद रात में मूंगफली की फसल की सुरक्षा करना बहुत जरूरी है.
जंगली सूअर और नीलगाय रात में कृषि क्षेत्र को परेशान करते हैं और नीलगाय और सूअर मूंगफली की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए किसानों को खेतों में फसलों की रक्षा के लिए रात में जागना पड़ता है. कांतिभाई मकवाना फसलों की रक्षा के लिए रात में यहां आते हैं. उनके पास एक रिक्शा है जिसे वह दिन के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न लोगों को किराए पर देते हैं. रात में वह फसलों की र देसी जुगाड़ किया और रिक्शे में एक बिस्तर देसी जुगाड़ किया और रिक्शे में एक बिस्तर के लिए इस रिक्शा को खेत में ले जाते हैं. इसलिए उन्होंने एक देसी जुगाड़ किया और रिक्शे में एक बिस्तर तैयार कर लिया और रिक्शे के दोनों तरफ लोहे के पाइप बाँध दिए. बारिश की बूँदें पाइप पर न पड़ें, इसके लिए उन्होंने उस पर प्लास्टिक पेपर लगाकर रिक्शे के अंदर बिस्तर तैयार कर लिया है और रात में इसी रिक्शे में खेत में घूमकर फसलों की रखवाली करते हैं.
किसानों को दुनिया का मालिक कहा जाता है, लेकिन इस दुनिया के मालिक अपनी फसलों को बचाने और उन्हें रात में जगाए रखने के लिए कितने नए और अनोखे तरीके अपनाते हैं, ये खरसाली के कांतिभाई मकवाना ने दिखाया है. मूसलाधार बारिश से बचने के लिए वे रिक्शे में प्लास्टिक शीट बिछाते हैं. शेर और तेंदुए जैसे जंगली जानवरों से बचने के लिए वे रिक्शे में चटाई तैयार करते हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए कि रात में नीलगाय और सूअर फसलों को नुकसान न पहुंचाएं, रिक्शे के अंदर एक बिस्तर तैयार किया गया है और रिक्शे के दोनों पाइपों को बिस्तर के सिर पर बाँध दिया गया है और दोनों पाइपों के बीच एक रस्सी बुनी गई है और ऊपर एक प्लास्टिक शीट रखी गई है. ताकि अगर रात में बारिश हो, तो कागज दोनों तरफ ढक जाए और खेतों में फसल सुरक्षित रहे. अगर सरकार ऐसे छोटे किसानों के लिए योजना बनाती है, तो यह ऐसे देसी जुगाड़ करके अपनी फसलों को बचाने वाले किसानों के लिए वरदान साबित होगा. (फ़ारूक कादरी का इनपुट)