ट्रैक्टर एक ऐसी चीज है जिसपर किसान का अधिकतर समय बीतता है. खेतीबाड़ी के काम में सबसे ज्यादा लोड भी ट्रैक्टर ही उठाता है. इसलिए अगर ट्रैक्टर चलाने में आपको मुश्किल आ रही होगी तो जाहिर है कि लंबे समय तक काम करना कठिन होगा. इसलिए ट्रैक्टर में पावर के साथ-साथ कुछ बेसिक फीचर्स और कंफर्ट भी जरूरी होते हैं. इन्हीं बेसिक फीचर्स में से एक होती है पावर स्टीयरिंग. मगर बहुत सारे किसान इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि उन्हें पावर स्टीयरिंग पर पैसा खर्च करना चाहिए या फिर मैनुअल स्टीयरिंग से ही काम चला सकते हैं. आज हम आपकी ये दुविधा दूर कर देंगे.
सबसे पहले तो ये समझने की जरूरत है कि ट्रैक्टर में स्टीयरिंग का ये फीचर क्यों मायने रखता है. दरअसल, अपने ट्रैक्टर को आप स्टीयरिंग की वजह से ही कंट्रोल कर पाते हैं. अगर स्टीयरिंग का ऑपरेशन ठीक नहीं होगा तो ट्रैक्टर की कंट्रोलिंग ठीक से नहीं होगी और खेती के काम भी गड़बड़ होंगे. साथ ही ईंधन भी ज्यादा खर्च होगा.
अगर बात करें मैनु्अल स्टीयरिंग की तो ये अभी भी ज्यादातर कम बजट के ट्रैक्टरों में आती है और स्टीयरिंग की सबसे पुरानी तकनीक भी है. इसे मकेनिकल स्टीयरिंग भी कहा जाता है. मैनु्अल स्टीयरिंग सीधे पहिए से जुड़ी होती है और बीच में कोई मशीनरी का इस्तेमाल नहीं होता. इसमें कुछ शाफ्ट, रॉड और गियर लगे होते हैं जो आपके कमांड सीधे पहिए तक पहुंचाते हैं.
वहीं पावर स्टीयरिंग वाहन को कंट्रोल करने का ज्यादा आधुनिक और सुविधाजनक सिस्टम है. पावर स्टीयरिंग में हाइड्रॉलिक्स और इलेक्ट्रिक मोटर्स का इस्तेमाल होता है. अगर ट्रैक्टर हेवी है और कठिन सतहों पर चलाना होता है तो पावर स्टीयरिंग बहुत सुविधा देती है. ज्यादातर महंगे और हेवी-ड्यूटी ट्रैक्टरों में पावर स्टीयरिंग आती है.
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