हर साल दुनिया भर में 430 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा लैंडफिल और महासागरों में चला जाता है, जिससे समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. विशेष रूप से सिंगल-यूज प्लास्टिक पैकेजिंग, जिसे रिसायकल करना मुश्किल होता है, प्रदूषण में अहम भूमिका निभाती है. इस समस्या के समाधान के लिए कई वर्षों से पैकेजिंग इंडस्ट्री में विविध प्रयोग और नवाचार किए जा रहे हैं, जिनमें एक नया विकल्प समुद्री शैवाल से बनी पैकेजिंग सामने आया है.
समुद्री शैवाल पैकेजिंग इंडस्ट्री में एक स्थायी विकल्प के रूप में उभर रहा है. खास बात यह है कि इसे उगाने के लिए किसी विशेष मेहनत, उर्वरक या मीठे पानी की जरूरत नहीं होती. विभिन्न कंपनियां इसे पैकेजिंग सामग्री बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही हैं. समुद्री शैवाल से बनी पैकेजिंग न केवल बायोडिग्रेडेबल होती है, बल्कि इसे खाया भी जा सकता है.
समुद्री शैवाल से बनी पैकेजिंग सामग्री कुछ ही हफ्तों में डीकंपोज हो जाती है, जिससे पारंपरिक प्लास्टिक की तुलना में इसके पर्यावरणीय प्रभाव में काफी कमी आती है. भारत में भी समुद्री शैवाल से बनी पैकेजिंग पर काम चल रहा है. भारत की 7,500 किमी लंबी समुद्र तटरेखा और 840 से ज्यादा समुद्री शैवाल की प्रजातियों के साथ, देश इस उद्योग में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है।
Zerocircle नामक एक भारतीय कंपनी इस दिशा में महत्वपूर्ण काम कर रही है. यह कंपनी समुद्र से शैवाल की कटाई करके इससे औद्योगिक पैकेजिंग सामग्री तैयार करती है. उनकी बनाई पैकेजिंग फिल्म 100% प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल होती है, जो प्लास्टिक पैकेजिंग का स्थायी विकल्प प्रदान करती है.
पुणे स्थित बायोटेक कंपनी Zerocircle ने हाल ही में अपने सीड फंडिंग राउंड में 20 करोड़ रुपये की फंडिंग प्राप्त की है. इस राउंड में रैनमैटर कैपिटल, 1क्राउड, और ट्रूडी स्टाइलर जैसे पर्यावरण-केन्द्रित निवेशक शामिल थे. इस फंडिंग से कंपनी को अपने विस्तार में मदद मिल रही है.
Zerocircle की संस्थापक और प्रबंध निदेशक, नेहा जैन का कहना है कि उनकी इनोवेटिव पैकेजिंग पारंपरिक प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को चुनौती दे रही है. उनकी कंपनी पर्यावरण के लिए टिकाऊ और स्वच्छ समाधानों की बढ़ती मांग को पूरा करने के प्रयास में है.
पिछले चार वर्षों में, Zerocircle ने अपनी तकनीक का पेटेंट कराया है, जो प्रदूषण रहित पैकेजिंग बनाने पर केंद्रित है. कंपनी का लक्ष्य ऐसे बायोडिग्रेडेबल मैटेरियल तैयार करना है, जो अपने पीछे को कचरा नहीं छोड़ता है.
पिछले एक साल में, कंपनी ने फूड पैकेजिंग के लिए अपनी पहली समुद्री शैवाल आधारित कोटिंग का व्यावसायिक रूप से विकास किया है. इसके साथ ही, कंपनी को प्रमुख पैकेजिंग वितरकों और खाद्य ब्रांडों से ऑर्डर भी मिल रहे हैं.
Zerocircle का उद्देश्य अपने उत्पादों की उत्पादन क्षमता को 2028 तक 10 गुना बढ़ाना है, और इस प्रक्रिया में समुद्री शैवाल से बने पेपर उत्पाद लाने का भी लक्ष्य है. 2028 तक, ये उत्पाद सिंगल-यूज प्लास्टिक के 500 मिलियन आइटम्स को बदलने में मदद कर सकते हैं.
Zerocircle को उनके माइक्रोप्लास्टिक-फ्री पैकेजिंग के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुके हैं, जैसे कि टॉम फोर्ड प्लास्टिक इनोवेशन पुरस्कार और संयुक्त राष्ट्र के क्लीनटेक डेज़ वैश्विक पुरस्कार. साथ ही, उन्होंने भारत सरकार की पहल, इंडिया प्लास्टिक चैलेंज भी जीता है.