Straw Baler Machine: पराली से पैसे बनाती है ये मशीन! स्ट्रॉ बेलर के बारे में जानें सबकुछ

Straw Baler Machine: पराली से पैसे बनाती है ये मशीन! स्ट्रॉ बेलर के बारे में जानें सबकुछ

हमारे देश में पराली या पुआल प्रबंधन किसानों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन चुका है. इसे जलाने से खेत का तो नुकसान होता ही है साथ ही अब कानूनी कार्रवाई का भी खतरा रहता है. इसलिए आज हम आपको स्ट्रॉ बेलर के बारे में विस्तार से समझा रहे हैं.

स्ट्रॉ बेलर मशीनस्ट्रॉ बेलर मशीन
स्वयं प्रकाश निरंजन
  • नोएडा,
  • Jun 21, 2024,
  • Updated Jun 21, 2024, 12:15 PM IST

भारत में पराली प्रबंधन पिछले कुछ सालों में कृषि क्षेत्र में बहुत बड़ी समस्या के तौर पर उभरी है. पराली इतना बड़ा संकट है कि इसके चक्कर में किसानों को जेल भी जाना पड़ जाता है, लेकिन फिर भी किसान पराली को बेधड़क जला रहे होते हैं. इसको लेकर सरकार की तरफ से भी कई तरह के कार्यक्रम, सब्सिडी और योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन फिर भी पराली का ठीक से प्रबंधन नहीं हो पा रहा है. इसलिए आज किसान-Tech की इस सीरीज में हम आपको स्ट्रॉ बेलर मशीन के बारे में बताएंगे. स्ट्रॉ बेलर मशीन क्या है, इसका क्या इस्तेमाल है और इसके क्या दाम हैं, ये सब आपको विस्तार से समझाएंगे.

क्या है स्ट्रॉ बेलर मशीन? 

स्ट्रॉ बेलर मशीन से पुआल, भूसे और घास के पैकेट या गट्ठर बनाए जाते हैं. इसके साथ गट्ठर को इकट्ठा करना, संभालना, स्टोर करना और परिवहन करना आसान होता है. जब स्ट्रॉ बेलर मशीन को ट्रैक्टर के पीछे लगाकर चालू करते हैं तो ये तेजी से पराली को अंदर खींचती है. पुआल के आयताकार, बेलनाकार सहित अन्य आकार की गट्ठर बनाने के लिए अलग-अलग तरह की बेलर मशीन आती हैं. पराली के ये पैकेट तार, जाल, स्ट्रिपिंग या सुतली से बंधकर मशीन से बाहर निकलते हैं.

स्ट्रॉ बेलर मशीन कैसे काम करती है?

इस मशीन का काम आपके खेत में फैले फसलों के अवशेष को इकट्ठा करके बड़े-बड़े पैकेट या गट्ठर बनाना है. खास बात ये है कि ये सारा काम इस मशीन से बस कुछ ही मिनटों में किया जा सकता है. ये मशीन एक ट्रैक्टर के पीछे लग जाती है. इसमें दो पहिए लगे होते हैं जिसके सहारे ये खेत में चलती है. जब ट्रैक्टर स्ट्रॉ बेलर मशीन को आगे बढ़ाता है तो ये खेत में पड़ी पराली या पुआल को अंदर खींचती है और पीछे से पराली के बड़े-बड़े गट्ठर बनाकर छोड़ती जाती है. 

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स्ट्रॉ बेलर मशीन के फायदे

  • ये मशीन पराली या पुआल प्रबंधन के मामले में किसा वरदान से कम नहीं है. जिस पराली को किसान मजबूरी में खेत में ही जला देते हैं, स्ट्रॉ बेलर मशीन उसके गट्ठर बनाकर बेचने के लायक बना देती है. 
  • पराली को खेत में जलाने से मिट्टी की उर्वरकता कम होती है और पैदावार भी घटती है. इस मशीन की मदद से खेत की सेहत को बिना नुकसान पहुंचाए आसानी से पराली प्रबंधन किया जा सकता है. 
  • स्ट्रॉ बेलर मशीन पुआल को छोटे-बड़े गट्ठरों में बदल देती है, जिसका उपयोग जानवरों के चारे के लिए और ओलावृष्टि आदि के समय पर किया जा सकता है. 
  • खेत में पराली जलाना भारत में गैर-कानूनी है. लेकिन बहुत सारे किसान अब भी ऐसा करते हैं. इसलिए इस मशीन से आप कानूनी कार्रवाई से भी बचे रहेंगे और पैसे भी बचा सकते हैं.
  • स्ट्रॉ बेलर मशीन से बनाए गए पराली के गट्ठरों को किसान बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं. इस मशीन से बने पराली के गट्ठरों को निजी कंपनियों और फैक्ट्रियों में बेचकर किसान अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं.

क्या है इसका दाम और सब्सिडी

भारत में मास्कीओ गैस्पार्डो, महिंद्रा, शक्तिमान आदि ब्रांड स्ट्रॉ बेलर मशीन बेच रहे हैं. बेलर मशीन अलग-अलग श्रेणियों में आती हैं. भारत में बेलर की कीमत 3.52 लाख* से 12.85 लाख* रुपए तक जाती है. वहीं राज्य सरकारें स्क्वायर बेलर मशीन खरीदने पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी देती हैं. इसके तहत अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी, जो अधिकतम 6,25,000 रुपए होगी. इसके अलावा सामान्य किसानों को 5,00,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.

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