Agri Drone: हरियाणा में ड्रोन तकनीक का बढ़ता उपयोग, किसानों और महिलाओं को मिलेगा लाभ

Agri Drone: हरियाणा में ड्रोन तकनीक का बढ़ता उपयोग, किसानों और महिलाओं को मिलेगा लाभ

हरियाणा सरकार ड्रोन तकनीक को किसानों, महिलाओं और विभिन्न सरकारी विभागों के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में विकसित कर रही है. यह पहल राज्य में तकनीकी प्रगति के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति देगी.

Using drone technology to monitor crop healthUsing drone technology to monitor crop health
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 12, 2025,
  • Updated Jun 12, 2025, 5:37 PM IST

हरियाणा में ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए आज एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई. यह बैठक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें ड्रोन इमेजिंग एंड इंफॉर्मेशन सर्विसेज ऑफ हरियाणा लिमिटेड (दृश्या) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स शामिल हुए. बैठक में प्रदेश में ड्रोन तकनीक के अलग-अलग क्षेत्रों में उपयोग को लेकर कई जरूरी फैसले लिए गए.

फसलों की देखरेख में होगा ड्रोन का उपयोग

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल फसल स्वास्थ्य की निगरानी और बीमारियों की पहचान के लिए किया जाए. शुरुआत में यह एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में किया जाएगा, ताकि किसानों को समय पर जानकारी मिल सके और फसल नुकसान को रोका जा सके.

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस प्रोजेक्ट में आलू, चना, कपास, धान और सब्जियां जैसी फसलें शामिल की जाएं, जिनमें आमतौर पर बीमारियों की संभावना ज्यादा होती है. इससे किसानों की पैदावार बढ़ेगी और फसलों का नुकसान कम होगा.

महिलाओं के लिए "ड्रोन दीदी योजना"

मुख्यमंत्री ने 'ड्रोन दीदी योजना' की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य में 5,000 महिलाओं को ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण देने का लक्ष्य तय किया गया है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अगली एक तिमाही में 500 महिलाओं को प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना तैयार करें. यह योजना महिलाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाकर स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएगी.

प्राकृतिक खेती में ड्रोन की भूमिका

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल प्राकृतिक खेती में किया जाए, खासतौर पर जीवामृत के छिड़काव के लिए. इसके लिए किसानों को भी ट्रेनिंग दिया जाए ताकि वे पर्यावरण के अनुकूल खेती कर सकें और नई तकनीकों को अपना सकें.

विभिन्न विभागों में ड्रोन का प्रयोग

दृश्या के सीईओ श्री फूल कुमार ने बताया कि उनकी संस्था द्वारा ड्रोन के माध्यम से कई कार्य किए जा रहे हैं जैसे:

  • एचटी पावर लाइन निरीक्षण
  • लार्ज स्केल मैपिंग
  • आपदा प्रबंधन
  • यातायात निगरानी
  • अवैध खनन की निगरानी
  • फसल स्वास्थ्य की निगरानी

अब तक 6100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की मैपिंग की जा चुकी है और 680 किलोमीटर की 21 एचटी पावर लाइनों की जांच करके समय पर तकनीकी खामियां दूर की गई हैं.

ट्रेनिंग कार्यक्रमों में तेजी

दृश्या द्वारा अब तक 135 किसानों को ड्रोन से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जा चुका है. करनाल स्थित रिमोट पायलट प्रशिक्षण संगठन (RPTO) में 243 उम्मीदवारों को UAV (ड्रोन) उड़ान का प्रशिक्षण दिया गया है.

भविष्य की योजना

भविष्य में दृश्या का लक्ष्य है कि ड्रोन तकनीक का उपयोग विभिन्न विभागों जैसे राजस्व, शहरी स्थानीय निकाय, बिजली, यातायात, वन, नगर एवं ग्राम नियोजन, खनन आदि में बढ़ाया जाए. इससे भूमि रिकॉर्ड, आपदा प्रबंधन, आपातकालीन सेवाएं, और विकास योजनाओं को और बेहतर तरीके से लागू किया जा सकेगा.

बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी

इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू, शहरी संपदा विभाग के ए.के. सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और दृश्या के सदस्य मौजूद रहे.

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