इस तकनीक से टमाटर की खेती कर रहे हजारीबाग के किसान, बारिश में भी खराब नहीं होते पौधे

इस तकनीक से टमाटर की खेती कर रहे हजारीबाग के किसान, बारिश में भी खराब नहीं होते पौधे

झारखंड के हजारीबाग जिले के किसान अब एक खास तकनीक से टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस तकनीक से टमाटर की खेती करने पर बारिश में भी पौधे खराब नहीं होते हैं. साथ ही बंपर उपज भी मिलती है. 

टमाटर की खेतीटमाटर की खेती
क‍िसान तक
  • Hazaribagh,
  • Jul 04, 2025,
  • Updated Jul 04, 2025, 2:29 PM IST

झारखंड के हजारीबाग जिले के नगड़ी गांव के किसान अब खास तकनीक से टमाटर की खेती कर रहे हैं. इस तकनीक को अपनाकर किसान अपनी फसलों को बारिश में खराब होने से भी बचा रहे हैं. दरअसल, नगड़ी गांव के किसान ग्राफ्टिंग विधि से टमाटर की खेती कर रहे हैं, जिससे बरसात के मौसम में भी उनकी फसल सुरक्षित रहती है. इस पहल से हजारीबाग जिले के हजारों किसानों को फायदा हो रहा है. दरअसल,नगड़ी गांव के किसानों के लिए अब बरसात का मौसम टमाटर की फसल के लिए मुसीबत नहीं लाता. जो टमाटर के पौधे पहले भारी बारिश में खराब हो जाते थे, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था. लेकिन अब ग्राफ्टिंग तकनीक ने उनकी मुश्किलें आसान कर दी है, जिससे किसानों की कमाई भी बढ़ गई है.  

7500 किसान अपना रहे ये तकनीक

बता दें कि इस ग्राफ्टिंग में टमाटर के तने को बैंगन की जड़ से जोड़ा जाता है. बैगन की जड़ ज्यादा पानी सहन कर लेती है, जिससे टमाटर का पौधा बरसात में भी खराब नहीं होता. इससे 90 फीसदी पौधे बच जाते हैं और ये पौधे 6 से 9 महीने तक फल देते हैं. इस काम में किसानों की मदद एक एफपीओ चुरचू नारी ऊर्जा फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी लिमिटेड कर रही है. इसमें अभी 4 हज़ार अधिक शेयरहोल्डर किसान हैं और 2 प्रखंड के 7500 से ज्यादा किसान इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ चुके हैं. इन किसानों को ग्राफ्टिंग तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे बरसात में भी अच्छी पैदावार ले सकें.

60 हजार पौधों की हो चुकी है ग्राफ्टिंग

एक किसान ने तो पॉलीहाउस में ग्राफ्टिंग करके दूसरे किसानों के लिए पौधे तैयार करना शुरू कर दिया है. अभी तक यहां 60 हजार पौधों की ग्राफ्टिंग हो चुकी है, जिनसे करीब 30 एकड़ में टमाटर की खेती की जाएगी. हालांकि, ग्राफ्टेड पौधे की कीमत सामान्य पौधे से थोड़ी ज्यादा है, लेकिन उत्पादन और पौधों के बचने की दर अधिक होने के कारण यह तकनीक किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है.

ग्राफ्टिंग तकनीक किसानों के लिए वरदान

किसान बताते हैं कि पहले बारिश में सारे पौधे खराब हो जाते थे, लेकिन अब ग्राफ्टिंग से उन्हें नुकसान नहीं होता है और उत्पादन भी अच्छा मिलता है. बता दें कि किसानों को इसकी तकनीकी जानकारी के लिए एक स्वयंसेवी संस्था सपोर्ट मदद कर रही है. हजारीबाग का यह क्षेत्र जो टमाटर उत्पादन में भारत में तीसरा स्थान रखता है यह तकनीक न सिर्फ किसानों के लिए वरदान साबित होगी, बल्कि यह कृषि क्षेत्र में नवाचार की एक मिसाल भी बनेगी. उम्मीद हैं कि इससे और भी किसान प्रेरणा लेंगे. (विस्मय अलंकार की रिपोर्ट)

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