E Tractor: खेती का खर्च 70 परसेंट तक घटाएगा ये ट्रैक्टर, मात्र 300 रुपये में 1 एकड़ की जुताई

E Tractor: खेती का खर्च 70 परसेंट तक घटाएगा ये ट्रैक्टर, मात्र 300 रुपये में 1 एकड़ की जुताई

बैटरी से चलने वाली गाड़ियों का जमाना आ चुका है. सड़कों पर ऐसी गाड़ियों का रेला दिख रहा है. इससे डीजल और पेट्रोल के खर्च में कमी आई है. अब ऐसा ही हाल ट्रैक्टरों में भी देखने को मिलेगा. महाराष्ट्र में ई-ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन हुआ है. इससे ट्रैक्टर पर आने वाला खर्च 70 परसेंट तक घट जाएगा.

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E Tractor: खेती का खर्च 70 परसेंट तक घटाएगा ये ट्रैक्टर, मात्र 300 रुपये में 1 एकड़ की जुताईखेती में उतरेंगे ई-ट्रैक्टर (सांकेतिक तस्वीर)

अब जमाना इलेक्ट्रिक गाड़ियों का है. डीजल और पेट्रोल की महंगाई को देखते हुए लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर रुख कर रहे हैं. यही वजह है कि आजकल सड़कों पर ऐसी गाड़ियों की तादाद अधिक देखी जा रही है. इससे खर्च बचने के साथ ही पर्यावरण की सेहत भी सुधर रही है. जब कार और बाइक्स इलेक्ट्रिक हो रही हैं तो भला अपना ट्रैक्टर क्यों पीछे रहे. इसे देखते हुए खेतों में ई-ट्रैक्टर उतारने की तैयारी है.

इसी तरह का एक ई-ट्रैक्टर महाराष्ट्र में उतारा गया है. इसे महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने लॉन्च किया. ठाणे के आरटीओ में इस ट्रैक्टर को उतारा गया. इस मौके पर परिवहन मंत्री ने कहा कि ई-ट्रैक्टर किसानों की जिंदगी में क्रांतिकारी बदलाव लाएंगे. इससे ट्रैक्टर पर और उससे होने वाली खेती के खर्च में कमी आएगी. साथ ही कृषि की दुनिया में नया चैप्टर जुड़ेगा. दरअसल, ठाणे आरटीओ में इसी पहली बार किसी ई-ट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन कराया गया है. यह ट्रैक्टर 45 एचपी का है.

ई ट्रैक्टर पर मिलेगी सब्सिडी

अच्छी बात ये है कि जिस तरह के इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर सरकारी सब्सिडी मिलती है, उसी तरह अब ई-ट्रैक्टर भी सब्सिडी दी जाएगी. परिवहन मंत्री सरनाईक ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी 2025 के अंतर्गत ई-ट्रैक्टर के खरीदारों को 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार के अन्नासाहेब पाटिल इकोनॉमिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की ओर से ब्याज मुक्त लोन भी दिया जाएगा.

300 रुपये में होगी जुताई

एक्सपर्ट्स का मानना है कि डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर की ओर रुख करने से किसानों का खेती का खर्च बचेगा. यहां तक कि ट्रैक्टर का ऑपरेशनल कॉस्ट 60-70 परसेंट तक घट जाएगा. इसके अलावा आर्थिक और पर्यावरणीय फायदे अलग हैं. किसी डीजल ट्रैक्टर से जुताई करने पर 1200 से 1500 रुपये प्रति एकड़ खर्च आता है, लेकिन वही काम ई-ट्रैक्टर से करें तो यह खर्च घटकर 300 रुपये प्रति एकड़ पर आ जाता है. इस तरह के ट्रैक्टर मार्केट में आने से किसानों और खेती को बहुत लाभ होगा.

कारों की तरह दौड़ेंगे ट्रैक्टर

महाराष्ट्र सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक कुल ट्रैफिक में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की हिस्सेदारी 20-30 परसेंट तक पहुंच जाए. इसमें इलेक्ट्रिक ट्रैक्टरों का भी बड़ा रोल होगा क्योंकि महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाके पूरी तरह से खेती और उससे जुड़े काम पर निर्भर हैं. इससे किसानों का खर्च बचेगा, उनकी कमाई बढ़ेगी और प्रदूषण के स्तर को भी कम किया जा सकेगा. किसानों की कमाई दोगुनी करने में भी इस तरह के ट्रैक्टर बड़ा रोल निभाएंगे क्योंकि जब खेती का खर्च घटेगा तो किसानों की बचत होगी और वह कमाई के रूप में दिखेगी.

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