जीएम सरसों के ट्रायल को भारत ने मंजूरी दी है. जिसके बाद इसका फील्ड ट्रायल देश में शुरू हो गया है. तो वहीं इसको लेकर देश का राजनीतिक सामाजिक पारा गरमाया हुआ है. हालांकि, ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. लेकिन, जीएम फसलों को लेकर बहस शुरू हो गई है. जिसमें इसके सहीऔर गलत होने को लेकर दो वर्ग बंटे हुए नजर आ रहे हैं. आइये इस बहस से इत्तर जानते हैं कि जीएम फसल होती क्या है और दुनिया में मौजूदा समय में कौन-कौन सी जीएम फसलोंं का उत्पादन किया जा रहा है.
वर्तमान समय में लगभग हर क्षेत्र में विज्ञान का बोलबाला है, हर क्षेत्र में नई-नई तकनीक और नए प्रयोग किए जा रहे हैं. कृषि क्षेत्र में भी आधुनिकता को खूब बढ़ावा मिल रहा है. जीएम फसलों को आसान भाषा में समझते हैं. ऐसी फसल जिससे प्राकृतिक बीजों के जींस को जेनेटिकली मॉडिफाई कर फसल की नई किस्म तैयार की जाती है, उसे जीएम फसल कहा जाता है. सामान्य भाषा में जेनेटिक इंजीनियरिंग के माध्यम से पौधों के दो अलग-अलग किस्मों के जीने में बदलाव करके नई किस्म बना देना जीएम फसल कहा जाता है.
दुनिया में जीएम फसलों के उत्पादन के मामले में अमेरिका अव्वल है. इसके बाद कनाडा, भारत, चीन समेत कई देश जीएम फसलों का उत्पादन कर रहे हैं. लेकिन अमेरिका की तुलना में बाकी अन्य देश बेहद ही पीछे हैं. भारत में सिर्फ जीएम फसलों में कपास की खेती ही होती है. वहीं कनाडा में सरसों, चीन में धान की खेती होती है. हालांकि जीएम फसलों के उत्पादन के मामले में अमेरिका नेतृत्व करता है, जो दुनिया का चेहरा बना हुआ है. ऐसे में आइये जानते हैं कि अमेरिका में किन जीएम फसलों का उत्पादन होता है.
मक्का अमेरिका में सबसे अधिक खेती की जाने वाली फसल है. अमेरिकन कृषि विभाग के मुताबिक अमेरिका में कुल उत्पादित होने वाले मक्के में से 90 फीसदी मक्का जीएम है. मक्के का प्रयोग अमेरिका में खान पान के साथ ही जानवरों को देने के लिए भी किया जाता है.
संय़ुक्त राष्ट्र अमेरिका में उगाई जाने वाली जीएम फसलों में दूसरी बड़ी फसल सोयाबीन हैं. सोयाबीन के कुल उत्पादन में जीएम सोयाबीन की हिस्सेदारी भी 90 फीसदी से अधिक है. सोयाबीन का उपयोग तेल बनाने और जानवरों के भोजन के लिए किया जाता है मुख्य रुप से पोल्ट्री और पशुओं के लिए इसके अलावा प्रटीन, लेसीथीन, और पायसीकारी से य़ुक्त खाद्य पदार्थों को बनाने के लिए भी इस सोयाबीन का उपयोग किया जाता है.
GMO कपास को बॉलवर्म के प्रति प्रतिरोधी होने के लिए बनाया गया था. जीएम कपास का प्रयोग कपड़ा उद्योग में होता है. तो वहीं इसका उपयोग बिनौले के तेल को बनाने के लिए भी किया जाता है, जिसका उपयोग डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों और कई रेस्तरां में तलने के लिए किया जाता है.
अमेरिका में जीएम आलू कीट और बीमारी के खिलाफ विकसित किया गया है. इसके अलावा जीएम आलू की भूरा होने से बचाने के लिए विकसित किया गया है, जो तब हो सकता है जब आलू को पैक किया जाता है.
अमेरिका में 1990 के दशक मे रिंगस्पॉट वायरस रोग ने हवाई क्षेत्र में पपीते की फसल को लगभग मिटा दिया था, और इस प्रक्रिया में हवाई में पपीता उद्योग को लगभग नष्ट कर दिया था. वैज्ञानिकों ने रिंगस्पॉट वायरस प्रतिरोधी रेनबो पपीता नाम से जीएम पपीता विकसित किया था. इस जीएमओ ने हवाई द्वीप पर पपीते की खेती को बचा लिया.
अमेरिका में जीएम सेब की कुछ किस्मों को काटे जाने के बाद ब्राउनिंग से बचाने के लिए विकसित किया गया था. यह भोजन की बर्बादी को कम करने में मदद करता है, क्योंकि कई उपभोक्ता सोचते हैं कि सेब ब्राउन होने पर खराब हो जाते हैं.
दानेदार चीनी बनाने के लिए चुकंदर का उपयोग किया जाता है. अमेरिका में किराने की दुकान पर मिलने वाली आधे से अधिक दानेदार चीनी जीएम चुकंदर से तैयार होती है. क्योंकि जीएम चुकंदर खरपतवारनाशी है, जीएमओ चुकंदर उगाने से किसानों को अपने खेतों में खरपतवारों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.