राजधानी पटना के वेटनरी ग्राउंड के बाद पिछले कुछ सालों से शहर के बीचों बीच स्थित गांधी मैदान में कृषि यांत्रिकीकरण मेला का आयोजन किया गया है. जहां आधुनिक युग में तकनीक आधारित खेती के लिए उपयोग होने वाली अधिकांश मशीनें करीब-करीब मौजूद है. राज्य के किसान अपनी जरूरत के अनुसार मशीनों की जानकारी भी हासिल कर रहे हैं. इसी क्रम में मेले के तीसरे दिन राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कृषि मंत्री विजय सिन्हा मेले में पहुंचे. जहां विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण किया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री और राज्य के कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि किसानों को प्रौद्योगिकी के साथ सशक्त बनाने के लिए मेले का आयोजन किया गया है. वहीं, आने वाले दिनों में कृषि के क्षेत्र में कई काम किए जाएंगे.
बता दें कि कोरोना के बाद दूसरी बार गांधी मैदान में मेले का आयोजन किया गया है. इस मेले में 140 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं. इसमें करीब 110 प्रकार के कृषि यंत्रों पर सब्सिडी भी दिया जाता है. इस मेले में राज्य की राजधानी के अलावा अन्य राज्य के रहवासी यानी दिल्ली, हरियाणा, गुजरात,छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल आदि जगहों के कृषि यंत्र निर्माता आए हुए हैं.
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सरकारी आंकड़ों पर नजर डाला जाए तो मेले में करीब हर रोज औसतन पंद्रह हज़ार से अधिक किसान पहुंच रहें है. वहीं, ‘किसान तक’ ने कुछ किसानों से बात किया तो उन्होंने बताया कि मेले में आए ज्यादा मशीन बड़े किसानों या समूह में खेती करने वाले किसान ही खरीद सकते हैं. दो से चार बीघा के किसानों के लिए ऐसी कोई मशीन नहीं है. जो वह खरीद सकें. वहीं, जो मौजूद है वह महंगी है. सारण जिले से आए किसान ललन ने कहा कि मेले में मशीन खरीदने की भी सुविधा मिलनी चाहिए. परमिट मेले में तुरंत मिले और किसान जाकर मशीन खरीद ले.
2024 के दूसरे महीने के दूसरे सप्ताह में लगने वाले इस मेले में किसानों को कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, तकनीकी ज्ञान के साथ उन्हें अनुदानित दर पर खरीदारी करने का लाभ एक साथ मिल रहा है. इस मेले में नवीनतम कृषि यंत्र, फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र, बागवानी से संबंधित कृषि यंत्र, कृषि ड्रोन सहित अन्य खेती से जुड़ी मशीन भी मिल रही हैं. साथ ही सिंचाई से जुड़ी पंपसेट और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली से जुड़े मशीनों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इसके साथ ही चलन्त मिट्टी जांच प्रयोगशाला की गाड़ी भी मौजूद है, जिसके जरिए किसान मिट्टी की जांच करवा सकते हैं. वहीं, मेले की समाप्ति 11 फरवरी की होगी.