कृषि और कृषि उपकरण बनाने वाली दुनिया की अग्रणी कंपनियों में से एक, सीएनएच ने भारत को अपनी वैश्विक रणनीति में सबसे आगे रखा है. कंपनी भारत को नवाचार, उत्पादन और निर्यात के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित कर रही है. सीएनएच ने अपने ग्रेटर नोएडा प्लांट से अपना पहला मेड-इन-इंडिया कॉम्पैक्ट ट्रैक्टर लॉन्च करके एक बड़ा कदम उठाया है. यह ट्रैक्टर भारत में निर्मित है, लेकिन इसे 80 से ज़्यादा देशों में निर्यात किया जाएगा. यह भारत की विनिर्माण क्षमता और गुणवत्ता को दर्शाता है. यह भारत में चौथा विनिर्माण संयंत्र और दूसरा ट्रैक्टर संयंत्र है.
CNH भारत में अपने चार मुख्य लक्ष्यों पर काम कर रहा है:
CNH के CEO गेरिट मार्क्स ने कहा, “भारत अब सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि हमारे विकास की रीढ़ है. यहां की प्रतिभा और लागत दक्षता हमें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी उत्पाद देने में सक्षम बनाती है.” भारत में निवेश से न सिर्फ टेक्नोलॉजी और मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि रोजगार के भी नए अवसर बन रहे हैं.
CNH की योजना है कि अगले 5 वर्षों में New Holland ब्रांड के तहत अपने ट्रैक्टर की बाजार हिस्सेदारी को दोगुना किया जाए. इसके लिए 30–50 हॉर्सपावर (HP) की रेंज में विशेष रूप से भारतीय किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर ट्रैक्टर तैयार किए जा रहे हैं.
CNH की भारत में तीन प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं – ग्रेटर नोएडा, पुणे और पिथमपुर. यहां ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, इंजन, बेकहो लोडर, और अन्य कृषि व निर्माण उपकरण बनाए जाते हैं. देशभर में फैले मजबूत डीलर नेटवर्क और तेजी से बढ़ते R&D केंद्र के साथ, CNH भारत के कृषि और निर्माण क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है.
CNH का इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर, गुरुग्राम में स्थित है, जो जल्दी ही कंपनी का सबसे बड़ा तकनीकी केंद्र बनने वाला है. इसमें 700 से ज्यादा इंजीनियर काम कर रहे हैं और यहां अत्याधुनिक तकनीक जैसे वर्चुअल रियलिटी, एक्सटेंडेड रियलिटी और प्रोटोटाइप लैब्स उपलब्ध हैं.
CNH की रणनीति स्पष्ट है – भारत को एक मजबूत निर्माण, तकनीक और नवाचार केंद्र बनाकर दुनिया भर के ग्राहकों को गुणवत्तापूर्ण और किफायती उत्पाद उपलब्ध कराना. भारत की ताकत को पहचानते हुए, कंपनी कृषि और निर्माण के भविष्य को नए आयाम दे रही है.