मॉनसून सीजन की शुरुआत के साथ ही जून महीने से ही थोक मंडियों में टमाटर की कीमतों ने तेजी पकड़ी थी, लेकिन महीनेभर में ठीक इसका उलट होता नजर आ रहा है. टमाटर की कीमतें लगातार लुढ़कती जा रही है. इससे किसानों की आय को बड़ा झटका लगा है. देशभर की थोक मंडियों में टमाटर के दाम में बीते एक हफ्ते और एक महीने में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. 9 सितंबर 2025 को टमाटर का औसत भाव 1934 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया, जबकि एक हफ्ते पहले यह 2391 रुपये था यानी एक हफ्ते में करीब 19 प्रतिशत की गिरावट आई है और वहीं, एक महीने पहले टमाटर का भाव 3265 रुपये था, जिसके मुकाबले अब दाम करीब 41 फीसदी तक गिर गए है, जिससे किसान चिंता में पड़ गए हैं.
इस साल मई तक किसानों को औने-पौने दाम पर टमाटर बेचने पड़ रहे थे और जून से थोड़ी कमाई सुधरी थी. एक समय ऐसा भी आया जब केंद्र ने खाद्य एजेंसी की मदद से दिल्ली में टमाटर की सस्ती दर पर बिक्री शुरू की थी. लेकिन, अगस्त का हफ्ताभर बीतने के बाद से ही दामों में लगातार गिरावट जारी है और सितंबर आते-आते किसानों की कमाई काफी घट गई है. ताजा हालातों को देखकर भी लग रहा है कि आने वाले दिनों में भाव और गिर सकते हैं.
वहीं, प्याज के मंडी भाव की बात करें तो एक हफ्ते में मामूली 2 प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है. लेकिन, पहले से कम कीमत पर बिक रहे प्याज ने किसानों को और चिंता में डाल दिया है. 2 सितंबर को प्याज का भाव 1198 रुपये क्विंटल था, जो 9 सितंबर को घटकर 1172 रुपये रह गया. वहीं, एक महीने में प्याज के दाम 10.9 प्रतिशत नीचे गिर गए है.
महाराष्ट्र के किसान नेता भरत दिघोले ने हाल ही में ‘किसान तक’ के साथ बातचीत में कहा था कि किसानों को पहले से ही प्याज के दाम काफी कम मिल रहे हैं और घाटा उठाना पड़ रहा है. इस बीच, सरकार ने 24 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से प्याज की बिक्री शुरू कर दी है. ऐसे में अब और भाव गिरने की आशंका है. दिघोले के अनुसार, प्रति किलो प्याज उगाने में 22-25 रुपये की लागत आती है, जबकि किसानों को काफी कम दाम मिल रहे हैं.