आजकल हर जगह AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा हो रही है. चाहे वो मेडिकल फील्ड हो, एजुकेशन हो या फिर बिज़नेस AI ने हर क्षेत्र में नई क्रांति ला दी है. अब यह तकनीक कृषि और खेती में भी तेजी से अपनाई जा रही है, जिससे किसानों को फायदा मिल रहा है और खेती का काम आसान हो रहा है.
AI का मतलब है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, यानी ऐसी मशीनें या सॉफ्टवेयर जो इंसानों की तरह सोच सकते हैं, निर्णय ले सकते हैं और काम कर सकते हैं. HCL टेक के मुताबिक, "AI वो तकनीक है जो मशीनों को इंसानों की तरह सोचने और समझने की क्षमता देती है. यह बड़े डेटा को बहुत तेजी से प्रोसेस कर सकती है, पैटर्न पहचान सकती है और सही निर्णय ले सकती है." अब आइए जानते हैं कि AI का उपयोग खेती में कैसे हो रहा है.
मिट्टी की सेहत अच्छी होगी तो फसल भी अच्छी होगी. AI तकनीक से अब मिट्टी का गहराई से विश्लेषण करना आसान हो गया है.
सेंसर और कैमरों की मदद से AI मिट्टी में नमी, पोषक तत्व और pH स्तर जैसी जानकारी जुटाता है. यह जानकारी देखकर किसान तय कर सकते हैं कि किस खेत में कितनी खाद और पानी देना है. इससे खर्च कम होता है और उत्पादन बढ़ता है.
ड्रोन और सेटेलाइट की मदद से फसलों की तस्वीरे ली जाती हैं. AI इन तस्वीरों का विश्लेषण करके यह बता सकता है कि कौन सी फसल बीमार है या किसमें कीड़ों का हमला हुआ है. इससे किसान समय रहते इलाज कर सकते हैं और फसल बचा सकते हैं.
AI सिर्फ फसलों तक सीमित नहीं है, यह पशुपालन और दूध उत्पादन में भी मददगार साबित हो रहा है.
अब पशुओं के शरीर पर सेंसर लगाए जाते हैं, जो उनके स्वास्थ्य की जानकारी जैसे तापमान, हार्ट रेट और गतिविधियों को रिकॉर्ड करते हैं.
अगर किसी जानवर में बीमारी के लक्षण दिखते हैं, तो AI तुरंत अलर्ट दे देता है ताकि समय पर इलाज हो सके.
दूध उत्पादन में भी AI काम आता है. यह मशीनें खुद पता लगा सकती हैं कि कौन-सी गाय दूध देने में सक्षम है और किसे आराम की जरूरत है. इससे दूध की क्वालिटी और मात्रा दोनों में सुधार होता है.
अब खेतों में काम करने के लिए सिर्फ मजदूरों की जरूरत नहीं होती. AI की मदद से स्वचालित ट्रैक्टर और रोबोटिक मशीनें आ गई हैं.
ये मशीनें GPS और AI की मदद से खेतों में खुद चलती हैं, बीज बोती हैं, खाद डालती हैं और फसल काटती हैं. इससे श्रमिकों की जरूरत कम होती है, और काम जल्दी और सटीक होता है.
AI की मदद से यह भी पता चल सकता है कि इस साल कितना उत्पादन होगा. इससे किसान पहले से ही योजना बना सकते हैं कि क्या बेचना है और कैसे स्टोर करना है.
AI तकनीक ने खेती के पुराने तरीके बदल दिए हैं. अब किसान सटीक जानकारी, समय पर निर्णय और उन्नत तकनीक की मदद से कम लागत में ज्यादा उत्पादन कर पा रहे हैं. आने वाले समय में AI खेती का एक जरूरी हिस्सा बन जाएगा. अगर सही तरीके से इसका उपयोग किया जाए तो भारत जैसे कृषि प्रधान देश में यह हर किसान के लिए वरदान साबित हो सकता है.
ये भी पढ़ें:
पराली जलाने पर रोक के लिए बनीं 450 टीमें, चप्पे-चप्पे पर होगी जिला प्रशासन की नजर
Spice Farming: यहां मसालों की खेती पर किसानों को मिल रही 20 हजार रुपये तक की सब्सिडी