ICAR ने दिए Udaipur को दो ड्रोन, मेवाड़ के किसानों को अब होगा ये फायदा

ICAR ने दिए Udaipur को दो ड्रोन, मेवाड़ के किसानों को अब होगा ये फायदा

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी, उदयपुर को दो एग्रीबोट ड्रोन दिए गए हैं. ये ड्रोन नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की ओर से मिले हैं. इन ड्रोन से भीलवाड़ा और उदयपुर जिले के हजारों किसानों को नई तकनीकी सीखने-समझने को मिलेगी.

भीलवाड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र में लाए ड्रोन का परीक्षण करते कृषि वैज्ञानिक. फोटो- Agriculture Department, Rajasthanभीलवाड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र में लाए ड्रोन का परीक्षण करते कृषि वैज्ञानिक. फोटो- Agriculture Department, Rajasthan
माधव शर्मा
  • Jaipur,
  • Apr 14, 2023,
  • Updated Apr 14, 2023, 2:28 PM IST

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी, उदयपुर को दो एग्रीबोट ड्रोन दिए गए हैं. ये ड्रोन नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) की ओर से मिले हैं. इनमे से एक ड्रोन प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर और दूसरा ड्रोन भीलवाड़ा के कृषि विज्ञान केन्द्र को दिया गया है. इन ड्रोन की मदद से मेवाड़ क्षेत्र के किसानों को खेती-बाड़ी में आ रही नई तकनीक समझने और सीखने का मौका मिलेगा. यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि ड्रोन से अब भीलवाड़ा और उदयपुर और आसपास के किसानों को इस तकनीक के बारे में ज्यादा जानकारी होगी. ड्रोन के माध्यम से सभी तरह की फसलों, सब्जियों और बगीचों में दवा छिड़काव आसानी से किया जा सकता है. साथ ही इससे समय की बचत भी होगी. दवा छिड़काव किसानों के स्वास्थ्य के लिहाज से भी अनुकूल है.

क्योंकि किसान हाथों से रासायनिक दवाओं का छिड़काव फसलों में करते हैं. इससे उनके हाथों और शरीर के अन्य हिस्सों पर कई बार इंफेक्शन हो जाता है. इसीलिए ड्रोन किसानों की सेहत के हिसाब से भी फायदेमंद साबित होगा. 

ऐसे काम करता है ड्रोन, सात मिनट में कर देगा एक एकड़ में छिड़काव

भीलवाड़ा कृषि विज्ञान केन्द्र पर लाए गए ड्रोन के बारे में बताते हुए इंजीनियर शिवम रावत ने बताया कि लाए गए ड्रोन का वजन करीब 15 किलो है. साथ ही इसमें 10 लीटर की भराव क्षमता वाली टंकी है. इसे जरूरत के अनुसार कम-ज्यादा भी किया जा सकता है. इस तरह उपयोग में लेने पर ड्रोन का वजन करीब 25 किलो तक हो जाता है.

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एग्रीबोट ड्रोन को चालू करने के लिए सबसे पहले हार्डवेयर सेफ्टी स्विच को दबाकर जीसीएस में आर्म कर चालू किया जा सकता है. ड्रोन एक एकड़ खेत में दवा का छिड़काव छह से सात  मिनिट में कर सकता है. ड्रोन में आगे पीछे एवं नीचे तीन सेंसर लगे हुए हैं, जिससे यह पेड़ एवं तारों से नहीं टकराएगा. इसके अलावा ड्रोन में चार नोजल लगे होते है जो दवा स्प्रे करते हैं. नोजल पानी की एक बूंद को 220 माइक्रोन में विभाजित करती है.

ड्रोन में छह प्रोपेलर (पंखुड़िया) तीन क्लॉक वाइज एवं तीन एन्टी क्लॉक वाइज लगे होते हैं. साथ ही इसमें तीन फिल्टर लगे होने से कचरा नहीं आता है. दूरी पर खेत होने पर देखने के लिए इसमें एक कैमरा भी लगा हुआ है. साथ ही इसके गियर एल्यूमिनियम के बने हुए हैं जो इसको सुरक्षित जमीन पर लाने में सहायक है. आईसीएआर की ओर से मिला ये ड्रोन एक बार में चार किलोमीटर की दूरी और 80 मीटर ऊंचाई से दवा का छिड़काव कर सकता है.

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मैपिंग प्रणाली से करता है दवा छिड़काव

ड्रोन खेत में दवा का छिड़काव के लिए ड्रोन में मेपिंग सिस्टम है. साथ ही इस ड्रोन में एक बैटरी सेट होता है. जिसमें दो बैटरी लगी होती है. एक सेट से दो एकड़ में दवा छिड़काव की जा सकती है. साथ ही बैटरी को पूरा चार्ज करने में करीब 45 मिनट का समय लगता है. 
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