Crop Compensation: हरियाणा में बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत, 31 अगस्त तक खुला रहेगा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल

Crop Compensation: हरियाणा में बाढ़ प्रभावित किसानों को राहत, 31 अगस्त तक खुला रहेगा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल

Haryana Crop Compensation: भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित हरियाणा के 7 जिलों के 188 गांवों के किसानों को मुआवज़ा दिलाने के लिए सीएम नायब सिंह सैनी ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 31 अगस्त 2025 तक खोलने का ऐलान किया है. किसान ऑनलाइन फसल नुकसान दर्ज कर मुआवज़ा क्लेम कर सकेंगे.

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क‍िसान तक
  • Noida,
  • Aug 21, 2025,
  • Updated Aug 21, 2025, 11:50 PM IST

देश में कई राज्‍यों में भारी बारिश और बाढ़ के चलते फसलों को काफी नुकसान हुआ है. इससे हरियाणा भी अछूता नहीं है. वहीं, अब हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसान के हित में हाल ही में भारी बारिश, बाढ़ और जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को मुआवजा क्‍लेम करने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 31 अगस्‍त 2025 तक खोलने की घोषणा की है. सीएम के आदेश पर प्रभावित 7 जिलों के 188 गांवों के किसानों को फसल नुकसान का दावा दर्ज करने के लिए सुविधा देने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल 31 अगस्त, 2025 तक खुला रहेगा.

इन जिलों में फसलों को हुआ है नुकसान

इस बारे में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि संबंधित उपायुक्तों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, हिसार में 85 गांव, भिवानी में 43, रोहतक में 21, पलवल में 17, चरखी दादरी में 13, रेवाड़ी में 7 और सिरसा में 2 गांवों में फसलें प्रभावित हुई हैं. इन सभी गांवों के किसानों के लिए पोर्टल खोल दिया गया है और किसान अपनी फसल खराबे की जानकारी अपलोड कर सकेंगे.

सत्‍यापन के बाद मिलेगा मुआवजा

उन्होंने बताया कि जिला राजस्व अधिकारियों द्वारा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर प्राप्त दावों का विशेष गिरदावरी के रूप में सत्यापन किया जाएगा और आकलन के आधार पर निर्धारित मानकों के अनुसार मुआवजा जारी किया जाएगा. प्रवक्ता ने किसानों से अपील की कि वे अपनी फसल क्षति का पंजीकरण जल्द से जल्द पोर्टल पर दर्ज कराएं.
 
प्रवक्ता ने बताया कि प्रभावित किसान द्वारा दावा दर्ज करने के बाद, संबंधित राजस्व अधिकारी/कर्मचारी जैसे पटवारी, कानूनगो, सर्कल राजस्व अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, उप मंडल अधिकारी (नागरिक), उपायुक्त, मंडल आयुक्त नुकसान का आकलन करेंगे.

वन मित्र योजना पर मंत्री ने कही ये बात

वहीं, इससे पहले बुधवार को हरियाणा के पर्यावरण और वन मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को 'वन मित्र' योजना का अधिक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि वृक्षारोपण एक जन आंदोलन बन सके. बुधवार को वन विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंह ने कहा कि 'वन मित्र' अब न केवल निजी भूमि पर, बल्कि वन भूमि पर भी गड्ढे खोदकर पौधे लगा सकते हैं.

बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. 2024 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य वृक्षारोपण गतिविधियों में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है. मंत्री ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि वन मित्रों को 15,000 रुपये का मासिक मानदेय वितरित करने में कोई देरी न हो.

70 हजार युवाओं ने कराया रजिस्‍ट्रेशन

बैठक के दौरान, अधिकारियों ने बताया कि 70,000 युवाओं ने योजना के पोर्टल पर पंजीकरण कराया है और दो लाख से अधिक गड्ढे खोदे हैं. इनमें से 2,598 को 10 गड्ढों में पौधे रोपने और जियो-टैगिंग पूरी करने के बाद वन मित्र का दर्जा दिया गया. नरबीर ने बताया कि जियो-टैगिंग के स्थान पर, अब सटीक मूल्यांकन सुनिश्चित करने के लिए गड्ढों और पौधरोपण का सत्यापन प्रभागीय वन अधिकारी, वन संरक्षक और वन रक्षक करेंगे. उन्होंने बताया कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण प्रणाली के माध्यम से पारदर्शी तरीके से मानदेय जारी किया जाएगा. (पीटीआई के इनपुट के साथ) 

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