पटना का कृषि यंत्र मेला बहुत हिट रहा. किसानों के फायदे के लिहाज से देखें तो यह मेला सुपरहिट रहा. एक तरफ किसानों ने इस मेले में जमकर खरीदारी की तो दूसरी ओर सरकार ने भी किसानों पर खूब खर्च किए. सरकार ने इस मेले के जरिये किसानों को साढ़े तीन करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी दी. साथ ही किसानों ने मेले में 495 मशीनें खरीदीं. यह मेला 29 नवंबर को शुरू हुआ था और 2 दिसंबर को खत्म हुआ. मेले में किसानों के साथ-साथ कृषि मशीन बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया.
बिहार सरकार ने इस मेले का आयोजन इस मकसद के साथ किया कि नई-नई तकनीक की जानकारी किसानों को मिले. इस तरह के मेले किसानों के लिए ऐसे मंच होते हैं जहां खेती-किसानी की जानकारी लेने के साथ ही कई मशीन और उपकरणों की खरीद भी की जाती है. कृषि यंत्र मेला इसी का उदाहरण है. मेले में गांव-देहात के छोटे उद्यमियों ने भी हिस्सा लिया और मशीनों के बारे में जानकारी लेने के साथ खरीदारी भी की.
बिहार में कृषि रोडमैप के तहत 13 विभाग एकसाथ काम कर रहे हैं. इसमें सिंचाई, खाद, कीटनाशी और प्रोसेसिंग विभाग महत्वपूर्ण हैं. इन सभी विभागों के काम में कृषि मशीन का बड़ा रोल होता है. बिहार मखाना और शहद बनाने में भी नंबर वन है. ये दोनों काम ऐसे हैं जिनमें मशीनरी बड़ी भूमिका निभाती है. कृषि यंत्र मेले में इन मशीनों की अच्छी खासी भूमिका देखी गई.
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बिहार में कृषि मशीनरी पर लगभग 200 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाती है. ये मशीनें सीधे तौर पर किसान और उनकी खेती से जुड़ी होती हैं. सब्सिडी की इस स्कीम में अधिक से अधिक कृषि मशीनों को जोड़ने का काम चल रहा है ताकि नए जमाने की आधुनिक मशीनें किसानों को सस्ते रेट पर मिल सकें. हाल के समय में पराली जलाना एक बड़ी समस्या बन कर उभरी है. लेकिन बिहार सरकार ने कृषि मशीनरी स्कीम में पराली का निपटान करने वाली मशीनों को भी शामिल करने का काम शुरू कर दिया है.
2 दिसंबर को पटना में समाप्त हुए कृषि यंत्र मेले का यह 13वां साल था. 2011 में इस मेले की शुरुआत की गई थी. इस साल अभी तक 1.73 लाख ऑनलाइन आवेदन मिले हैं जो किसानों ने मशीन खरीदने के लिए अप्लाई किए हैं. इन ऑनलाइन आवेदनों को वेरिफाई करने के बाद 74 से अधिक एप्लिकेशन को मंजूरी दी गई है और 51 हजार से अधिक किसानों को सब्सिडी रेट पर 150 से अधिक कृषि मशीन बांटी गई है. इन मशीनों पर सरकार ने 87.60 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है.
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बिहार सरकार की जानकारी के मुताबिक, मेले के 4 दिनों में 495 कृषि मशीन की खरीद की गई और 21 कृषि यंत्र बैंकों के लिए कुल 3.69 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई. इन कृषि मशीनों का बाजार मूल्य लगभग 7 करोड़ रुपये है. मेले में पटना, दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी, मधेपुरा, सुपौल और सहरसा जिले के 2275 किसानों ने भाग लिया. मेले देखने वालों की जहां तक बात है तो इसमें 75 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया.