हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में कहा था कि देश में राजनीतिक अस्थिरता के लिए कुछ 'भटकती आत्माएं' जिम्मेदार हैं. अब पीएम मोदी ने एक बार फिर इसी शब्द के साथ देश के पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार पर हमला बोला है. पीएम मोदी ने कहा है कि अब समय आ गया है जब किसानों को नजरअंदाज करने के लिए पवार को सजा मिलनी चाहिए. आपको बता दें कि पिछले कुछ समय से दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है. दोनों किसी न किसी रैली में एक-दूसरे पर हमला बोलते हुए नजर आ रहे हैं.
पीएम मोदी ने राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार पर शोलापुर में हुई चुनावी रैली में हमला बोला. उन्होंने कहा कि अब उन्हें सजा देने का समय आ गया है. पीएम मोदी का कहना था कि बतौर कृषि मंत्री पवार किसानों के मसलों पर ध्यान देने में असमर्थ रहे. साथ ही वह शोलापुर के मधा लोकसभा क्षेत्रों के निवासियों को पीने का पानी भी मुहैया नहीं करा पाए. पीएम मोदी ने पवार का नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्होंने 'महाराष्ट्र के कद्दावर नेता' के तौर पर उनकी तरफ से इशारा किया. पीएम मोदी का कहना था कि 'महाराष्ट्र के कद्दावर नेता' यूपीए काल में कृषि मंत्री थे और बतौर गुजरात के सीएम वह अक्सर उनसे बातचीत किया करते थे.
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मंगलवार को शोलापुर के मलशिरास में हुई रैली में पीएम मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार और वर्तमान सांसद रंजीत सिंह नाइक निंबाकर के लिए वोट मांगे. निंबाकर का मुकाबला पवार की पार्टी के धैर्यशील मोहिते पाटिल से है. पीएम मोदी ने याद किया कि कैसे 15 साल पहले महाराष्ट्र के कद्दावर नेता ने इसी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. पीएम मोदी ने कहा, 'ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने डूबते सूरज को देखकर शपथ ली थी कि वह इस संसदीय क्षेत्र के सूखा प्रभावित इलाकों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे.' फिर पीएम मोदी ने दर्शकों से तीन बार पूछा, 'क्या वह आपको पानी उपलब्ध कराने में सक्षम थे?' जब लोगों ने जवाब न में दिया तो पीएम ने कहा, 'समय आ गया है उन्हें सजा देने का.'
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पीएम मोदी ने सोमवार को शरद पवार का नाम लिए बगैर उन पर निशाना साधा था. पीएम मोदी ने 45 साल पहले महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता के युग की शुरुआत करने के लिए 'भटकती आत्माओं' को दोषी ठहराया. पीएम मोदी ने हालांकि उन्होंने पवार का नाम नहीं लिया. मगर यह साफ था कि वह सन् 1978 का जिक्र कर रहे हैं जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के खिलाफ मराठा राजनेता पवार ने विद्रोह कर दिया था. इसके बाद पवार ने राज्य के सीएम के तौर पर शपथ ली थी.