देश में आने वाला लोकसभा चुनाव दुनिया का सबसे ज्यादा मतदाताओं की हिस्सेदारी वाला चुनाव का रिकॉर्ड बनाएगा. निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का नतीजा बताता है कि छह फीसदी नए वोटर्स जुड़े हैं. इनमें महिलाओं की हिस्सेदारी ज्यादा है. आयोग के आंकड़ों के मुताबिक 18 से 29 साल उम्र वर्ग में दो करोड़ नए मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. देश में कुल मतदाताओं का ग्राफ 96.88 करोड़ तक पहुंचा है जो 2019 के आम चुनाव के बाद से छह फीसदी इजाफे की तस्दीक करता है.
स्पेशल समरी रिवीजन यानी मतदाता सूची का सामयिक पुनरीक्षण 2024 के तहत महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले बाजी मारी है. SSR 2024 के मुताबिक 2.63 करोड़ नए मतदाताओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. उनमें से 1.41 करोड़ महिला मतदाता हैं जबकि इनमें पुरुष मतदाताओं की हिस्सेदारी सिर्फ 1.22 करोड़ ही है. वोटर्स का लैंगिक अनुपात भी 2023 में 940 था जो इस साल 2024 में 948 हो गया है. यानी हजार पुरुषों के मुकाबले 948 महिला वोटर हैं हर साल 1 जनवरी को मतदाता सूची प्रकाशित करने के लिए वार्षिक एसएसआर का आयोजन किया जाता है.
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चुनाव आयोग ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा साझा किया था. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले किए गए वार्षिक पुनरीक्षण में मतदाता सूची से 1.66 करोड़ से अधिक नाम हटा दिए हैं. साथ ही 2.68 करोड़ से अधिक नए मतदाता जोड़े गए, जिससे आम चुनाव में पात्र मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 97 करोड़ हो गई. छह राज्यों असम, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना को छोड़कर पूरे देश में नामावली में संशोधन किया गया.
ये आंकड़े चुनाव आयोग ने दो फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के साथ साझा किए थे. सुप्रीम कोर्ट के साथ ये आंकड़ें संविधान बचाओ ट्रस्ट द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान साझा किए गए थे. इसके तहत मतदाता सूची में डुप्लिकेट नामों का पता लगाने और उन्हें हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आयोग से मृत मतदाताओं, स्थायी रूप से स्थानांतरित किए गए लोगों और नकल के कारण हटाए गए मतदाताओं का विवरण प्रस्तुत करने को कहा. मामले की सुनवाई अब 12 फरवरी को होगी.
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