19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनावों में जीत सुनिश्चित करने के लिए केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर रैली में 'अबकी बार 400 पार' का नारा लगा रहे हैं. इस बीच एक रिपोर्ट पर अगर यकीन करें तो जनवरी से अप्रैल तक 39 करोड़ रुपये खर्च कर बीजेपी सभी राजनीतिक दलों के बीच गूगल पर विज्ञापनों पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाली पार्टी बन गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पार्टी ने सरकारी योजनाओं के प्रचार पर ध्यान केंद्रित करते हुए 76,800 विज्ञापन चलाए. 400 से ज्यादा सीटों के लक्ष्य और रणनीतिक गठबंधन के साथ, बीजेपी आगामी चुनावों के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल पर विज्ञापन चलाने में बीजेपी टॉप पर है. सभी राजनीतिक दलों और उनकी सहयोगी संस्थाओं ने एक जनवरी से गूगल पर एड पर 117 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं. वहीं बीजेपी ने एक जनवरी से 10 अप्रैल तक गूगल पर विज्ञापनों पर 39 करोड़ रुपये या कुल राशि का एक तिहाई खर्च किया. इसके बाद केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) पर 32.3 करोड़ रुपये खर्च हुए. सीबीसी विज्ञापन के लिए सरकार की नोडल एजेंसी है.
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गूगल के आंकड़ों से पता चलता है कि एक जनवरी से 10 अप्रैल की अवधि के दौरान, बीजेपी ने गूगल पर कुल 76,800 विज्ञापन चलाए. जिस विज्ञापन पर पार्टी ने सबसे ज्यादा राशि खर्च की वह केंद्र की जन धन योजना को बढ़ावा देने वाला एक हिंदी भाषा का प्रिंट एड था. यह विज्ञापन 10 फरवरी से 29 मार्च तक 49 दिनों तक चला. पार्टी द्वारा दूसरा सबसे बड़ा खर्च केंद्र की मुद्रा ऋण योजना को बढ़ावा देने वाले तमिल भाषा के वीडियो एड पर था.
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अपनी हैट्रिक सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी के कई प्रयासों से संकेत मिलता है कि पार्टी अपने कैडर और मतदाताओं को एक निश्चित जीत की उम्मीदों के प्रति आत्मसंतुष्ट होने से बच रही है. इसीलिए उसने अपने कैडर के लिए 'अबकी बार 400 पार' का ठोस और ऊंचा लक्ष्य रखा है. बीजेपी ने साल 2019 में हारी हुई 161 सीटों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है. पार्टी नेतृत्व ने बीजेपी कैडर को आगामी चुनावों में इन 'कमजोर सीटों' में से 67 जीतने का लक्ष्य दिया है. बीजेपी ने साल 2019 में 303 लोकसभा सीटें जीती थीं. उसने इस बार अपने लिए 370 और एनडीए के लिए 400 सीटें पार करने का लक्ष्य रखा है.