उत्तर प्रदेश में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने खरीफ फसलों के उत्पादन की नई रणनीति अपनाई है. सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को इस संबंध में कृषि विभाग के प्रमुख सचिव रविन्द्र की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं. खाद्यान्न और तिलहनी फसलों की पैदावार में 12 फीसदी की वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही जल संरक्षण के लिए 8500 लघु खेत तालाब (फार्म पॉन्ड) बनाए जाएंगे.
खरीफ 2024 के अंतर्गत प्रदेश में खाद्यान्न और तिलहनी फसलों का कुल उत्पादन 260 लाख मीट्रिक टन हुआ है. अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 293 लाख मीट्रिक टन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह लक्ष्य 33 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त उत्पादन के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा. उत्पादन के लिहाज से मक्का और क्षेत्रफल के हिसाब से धान की पैदावार बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाएगा.
प्रदेश सरकार ने खरीफ अभियान के तहत फसलों की बुवाई, देखरेख और सिंचाई के लिए रणनीति में परिवर्तन किया है. मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे किसानों को उन्नत बीज, समय पर खाद और सिंचाई की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करें. इसके अलावा कृषि अधिकारियों की निगरानी में किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा.
जल संकट से निपटने और सिंचाई के लिए वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खेत तालाब योजना को प्रदेशभर में लागू किया जा रहा है. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में बुंदेलखंड सहित समस्त जिलों (गौतमबुद्ध नगर को छोड़कर) में 31 मार्च 2025 तक 2033 खेत तालाबों का निर्माण कराया गया है.
वर्ष 2025-26 में योजना को त्वरित गति से बढ़ाया जाएगा. इस दौरान 8499 लघु खेत तालाबों (फार्म पॉन्ड) के निर्माण का कार्य प्रस्तावित है. लाभार्थी किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण के माध्यम से योजना से जोड़ा जाएगा, ताकि उन्हें अधिक पारदर्शिता के साथ योजना का लाभ मिल सके.
लघु खेत तालाब या फार्म पॉन्ड एक छोटा जलाशय होता है जो वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए बनाया जाता है. इसका उपयोग न केवल फसलों की सिंचाई में होता है, बल्कि पशुधन को पानी देने और मछली पालन के लिए भी किया जाता है. यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए लाभकारी है, जहां वर्षा कम या अनियमित होती है. फार्म पॉन्ड से सिंचाई की सुविधा बढ़ती है, जिससे फसल उत्पादन में भी बढ़ोतरी होती है.
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