Arunika mango: आम की यह क़िस्म है ख़ास, इसमें मौजूद है कैंसर बीमारी से लड़ने के गुण

Arunika mango: आम की यह क़िस्म है ख़ास, इसमें मौजूद है कैंसर बीमारी से लड़ने के गुण

लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा आम की 2 संकर किस्में तैयार की गई है जो पूरी तरह से रंगीन है. अंबिका और अरूणिका आम की ऐसी किस्में है जो सुनहरे लाल कलर की होती हैं. यह अपनी सुंदरता के चलते आम के चाहने वालों को खूब आकर्षित करती है

आम की रंगीन क़िस्म अरुणिका आम की रंगीन क़िस्म अरुणिका
धर्मेंद्र सिंह
  • lucknow ,
  • Jun 22, 2023,
  • Updated Jun 22, 2023, 10:59 AM IST

भारत पूरे विश्व में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करने वाला देश है. वही देश के भीतर उत्तर प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है जहां पर आम की सबसे ज्यादा पैदावार और सबसे ज्यादा किसमें भी मौजूद हैं. लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिकों के द्वारा आम की 2 संकर  किस्में तैयार की गई है जो पूरी तरह से रंगीन है. अंबिका और अरूणिका(Arunika mango) आम की ऐसी किस्में है जो सुनहरे लाल कलर की होती हैं. यह अपनी सुंदरता के चलते आम के चाहने वालों को खूब आकर्षित करती है. इसके अलावा यह आम स्वाद के साथ-साथ सेहत को भी कई बीमारियों से बचाने का काम करती है. इस आम में कैंसर रोधी गुण मौजूद हैं. वहीं विटामिन ए भी पाया जाता है जिसके चलते बाजार में यह आम किलो के भाव में नहीं बल्कि प्रति पीस के भाव में बिकता है.

आम में मौजूद है कैंसर रोधी गुण 

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के वैज्ञानिक के द्वारा अंबिका और अरूणिका (Arunika mango)नाम के आम की संकर किस्मों को विकसित किया गया. संस्थान के तत्कालिक निदेशक शैलेंद्र राजन की देखरेख में ये दोनों किस्में विकसित हुई. खाने में यह आम जितना स्वादिष्ट है उतना ही पौष्टिकता से भरपूर भी है.  अरूणिका आम काफी मीठा है. वही इस आम में  कैंसर रोधी तत्व मंगीफेरिं पाया जाता है. यह फल काफी टिकाऊ है. यह दोनों किस्में फिलहाल देश के सभी हिस्सों में पहुंच चुकी है. 

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गमले में भी उगा सकते हैं यह आम

आम की अरूणिका (Arunika mango)  किस्में को गमले में भी उगाया कर आम का स्वाद चखा जा सकता है. इस किस्म में हर साल फल आते हैं. वही अरूणिका का फल काफी टिकाऊ होता है. सेब की तरह आम के पौधे को भी बौना बनाने का प्रयास काफी समय पहले शुरू हो गए थे. आम्रपाली किस्मअपने छोटे आकार के लिए प्रचलित हुई. वहीं अब अरूणिका को बौनी किस्म में शामिल किया गया है. आम्रपाली पेड़ की तुलना में यह किस्म करीब 40% छोटी होती है. लाल रंग के आकर्षक फलों के कारण दूर से ही यह फल लोगों को आकर्षित करता है. सघन वृक्षारोपण में कम स्थान में अधिक संख्या में पौधे लगने के चलते कम खर्च में अधिक उत्पादन होता है. वही फलों को तोड़ना भी काफी आसान होता है . अरूणिका आम की किस्म की खेती करने वाले लखनऊ के किसान महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि यह किस्म स्वाद काफी मीठी होती है. वही यह आम दूसरे आमों के मुकाबले काफी महंगा बिकता है. यह आम किलो में नहीं बल्कि प्रति पीस के भाव में बिकता है. बाजार में इन दिनों अरूणिका आम 70 से ₹80 प्रति पीस के भाव में बिक रहा है.

 

 

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