आलू बुवाई ट्रैक्टर से बंपर होगी पैदावार, जानिए UP के पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा से खासियत

आलू बुवाई ट्रैक्टर से बंपर होगी पैदावार, जानिए UP के पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा से खासियत

Agriculture News: बाराबंकी के दौलतपुर गांव निवासी पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा ने आगे बताया कि पहले हम लोग हाथ से आलू की बुवाई करते थे जिससे समय और मजदूरी दोनों ज्यादा लगती थी. लेकिन अब आलू रोपण ट्रैक्टर की मदद से खेत में आसानी से बुवाई कर रहे है.

बाराबंकी के दौलतपुर गांव निवासी पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा (Image- Kisan Tak)बाराबंकी के दौलतपुर गांव निवासी पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा (Image- Kisan Tak)
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Nov 05, 2025,
  • Updated Nov 05, 2025, 11:44 AM IST

उत्तर प्रदेश का कृषि क्षेत्र तेजी से मजबूती की तरफ बढ़ रहा है.खेती-किसानी में रोजाना नए-नए तकनीक का इस्तेमाल किए जा रहे हैं. पहले जहां किसान पारंपरिक तरीकों से आलू की बुवाई करते थे, वहीं अब वे आधुनिक ट्रैक्टर की मदद से आलू की खेती कर रहे हैं. मशीन से की गई आलू की बुवाई न केवल उत्पादन बढ़ा रही है बल्कि समय और मेहनत दोनों की बचत भी कर रही है. इसी क्रम में राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जनपद के प्रगतिशील किसान पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा आलू की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. इंडिया टुडे के किसान तक से बातचीत में रामशरण वर्मा ने बताया कि आलू बुवाई के लिए बीते दिनों तीन ट्रैक्टर खरीदा हैं, जिससे कम समय में अच्छी बुवाई आलू की हो जाती है. 

56 इंच चौड़ी बेड पर आलू की बुवाई

उन्होंने बताया कि 56 इंच चौड़ी बेड पर दो लाइन की बुवाई हम आलू की खेती के लिए करते हैं. ये हमारी नई बुआई विधि है. इस विधि से 200 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार मिलती है. वर्मा बताते हैं कि पिछले 30 सालों से आलू की खेती कर रहे हैं. इस वर्ष हमने 150 एकड़ आलू की बुवाई की है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि 3 से 4 प्रजातियों की आलू की बुआई करें.

प्राकृति आपदा से होगी बचत

इससे प्राकृति आपदा से बचत होगी. इस ट्रैक्टर की कीमत के सावल पर उन्होंने बताया कि एक ट्रैक्टर 5.30 लाख रुपये से ऊपर की हैं. कुल मिलाकर इस ट्रैक्टर को आलू की बुवाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. बाराबंकी के दौलतपुर गांव निवासी पद्मश्री किसान रामशरण वर्मा ने आगे बताया कि पहले हम लोग हाथ से आलू की बुवाई करते थे जिससे समय और मजदूरी दोनों ज्यादा लगती थी. लेकिन अब आलू रोपण ट्रैक्टर की मदद से खेत में आसानी से बुवाई कर रहे है.

ट्रैक्टर के जरिए एक दिन में 7-8 एकड़ तक आलू की बुवाई

यह ट्रैक्टर बीज आलू को तय दूरी और गहराई पर मिट्टी में डाल देती है. इस ट्रैक्टर में बीज रखने का टैंक होता है और यह हर कतार में एकसमान दूरी पर बीज गिराती है. इससे पौधों की बढ़वार समान रूप से होती है और उत्पादन बढ़ जाता है. क्योंकि एक ट्रैक्टर दिनभर में लगभग 7 से 8 एकड़ तक बुवाई कर सकती है.

इस छोटे से ट्रैक्टर की लंबाई 48 इंच

उन्होंने बताया कि दरअसल, आलू की बुवाई अक्टूबर से नवंबर माह के बीच की जाती है. इस समय मौसम ठंडा और हल्की नमी वाला होता है जो आलू के अंकुरण के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. वर्मा ने बताया कि आलू की खेती में ज्यादा पानी डालने से उसकी पैदावार गिरती है. इस छोटे से ट्रैक्टर की लंबाई 48 इंच हैं. लेकिन हम खेत की खुदाई बड़ी गाड़ी से करते है.

100 एकड़ में 20-22 हजार क्विंटल आलू की पैदावार

खेती-किसानी में प्रदेश और देशमें परचंम लहराने वाले किसान रामशरण वर्मा ने हमारा आलू कभी खराब नहीं होगा, जितनी भी बारिश हो, क्योंकि इस ट्रैक्टर के जरिए हम गहराई तक आलू की बुवाई करते है. उन्होंने बताया 100 एकड़ में 20-22 हजार क्विंटल आलू की पैदावार हम एक सीजन में करते है. उनका कहना है कि खेती में मेहनत बहुत जरूरी है, क्योंकि तभी किसी भी फसल की बंपर पैदावार होगी. 

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