लखनऊ के किसान राजकुमार ने छोटी सी जमीन में खोजा आमदनी पांच गुना करने का तरीका, जानिए कैसे कर रहे सब्जियों की खेती

लखनऊ के किसान राजकुमार ने छोटी सी जमीन में खोजा आमदनी पांच गुना करने का तरीका, जानिए कैसे कर रहे सब्जियों की खेती

Lucknow Farmer Story: मौर्य ने आगे कहा कि मौसमी सब्जियों के लिए गोबर की खाद, डीएपी और पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय प्रयोग करना चाहिए. वहीं फूल आने के बाद किसी भी प्रकार के उर्वरक का उपयोग नहीं करना चाहिए.

सब्जियों की खेती में मचान विधि का उपयोग काफी लाभकारी साबित हो रहा है.सब्जियों की खेती में मचान विधि का उपयोग काफी लाभकारी साबित हो रहा है.
नवीन लाल सूरी
  • LUCKNOW,
  • Jan 29, 2025,
  • Updated Jan 29, 2025, 11:53 AM IST

लखनऊ जिले के छोटे किसान आजकल परंपरागत खेती से किनारा कर सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इनमें ज्यादातर वे किसान हैं जिनके पास दो चार बीघा खेत है सब्जियों की खेती कर खूब मुनाफा कमा रहे हैं. आज हम आपको बताएंगे लखनऊ के एक ऐसे सफल किसान की कहानी जिसके पास बहुत कम खेत हैं. जो एक विशेष तकनीक के जरिए एक साथ कई सब्जियों की खेती करके पांच गुनी कमाई का फंडा तैयार किया हैं और हर मौसमी सब्जियों की पैदावार करके मोटी कमाई कर रहे हैं.

एक साथ कई फसलों की बुवाई

दरअसल, उप्र कृषि विभाग के अपर निदेशक प्रसार आरके सिंह ने मलिहाबाद ब्लॉक के ग्राम गौदा पहुंचकर किसान राजकुमार मौर्य खेत को देख कर दंग रह गए. इन मौके पर आरके सिंह ने बताया कि राजकुमार मौर्य ने अपने खेत में एक साथ कई सब्जियों की बुवाई की है. जनवरी के महीने में एक बांस को खेत में गाड़कर परवल लगाया है, तो दूसरी तरफ फूलगोभी, लहसुन, भिंडी, लाल आलू, मटर टमाटर, पालक आदि की पैदावार जमकर कर रहे है. उन्होंने बताया कि खेत के ऊपर लोहे के तार के जरिए एक मचान बनाया गया है. जिससे एक साथ कम जमीन पर ज्यादा से ज्यादा फसलों की बुवाई कर सकें. 

मेड़ में धनिया, पालक ओर मूली की फसल

किसान राजकुमार मौर्य ने बताया कि इन सब्जियों की बुवाई के लिए ज्यादा जगह की जरूरत नहीं है. इसे आप खेत के मेड़ों पर लगा सकते हैं. मेड़ के एक तरफ आप धनिया, पालक ओर मूली की फसल लगा सकते हैं. वहीं, मेड़ की दूसरी तरफ आप टमाटर और मिर्च की खेती कर रोजाना अच्छी कमाई कर सकते हैं. जबकि मचान तकनीक से एक साथ कई सब्जियों का उन्पादन कर सकते हैं. ये सब्जियां मार्केट में हमेशा अच्छे कीमत पर बिकती हैं. उन्होंने बताया कि खेत में फूलगोभी लगी हुई है, जिसकी अच्छी पैदावार इस साल हुई हैं.

मचान में पूरी तरह फैस जाएगा परवल

वहीं परवल लगा दिया है, जो कुछ दिनों में मचान में पूरी तरह से फैल जाएगा. मौर्य बताते हैं कि मचान के कई फायदे हैं, गर्मी के मौसम में फसलों को कम तापमान मिलता है, जिससे उत्पादन अच्छा होता हैं. जैसे भी फूल गोभी खत्म होगी हम इस पर धनिया की बुवाई कर देंगे. ये सभी सब्जियां बाजार में अच्छे दामों में बिकती रहती हैं. जबकि जनवरी में मौसमी सब्जियों जैसे- लौकी, खीरा, तुरई, करेला, खरबूजा और तरबूज की अगेती बुवाई कर अच्छा उत्पादन करेंगे. 

गोबर की खाद का ज्यादा इस्तेमाल

मौर्य ने आगे कहा कि मौसमी सब्जियों के लिए गोबर की खाद, डीएपी और पोटाश की पूरी मात्रा बुवाई के समय प्रयोग करना चाहिए. वहीं फूल आने के बाद किसी भी प्रकार के उर्वरक का उपयोग नहीं करना चाहिए. मलिहाबाद ब्लॉक के ग्राम गौदा के प्रगतिशील किसान रामकुमार ने दावा करते हुए बताया कि अगर आप धनिया, पालक, मिर्च की फसल करेंगे और बेचेंगे तो ये भी काफी शानदार मुनाफा आपको देकर जाएंगी. आपको बता दें कि सब्जियों की खेती में मचान विधि का उपयोग काफी लाभकारी साबित हो रहा है. इस विधि से खेती करने वाले किसान अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इससे होने वाले फायदे भी कई गुना बढ़ जाते हैं.

क्या है मचान विधि? 

मचान विधि में सब्जियों की बेलों को जमीन पर फैलाने के बजाय लकड़ी या बांस के मचानों पर चढ़ाया जाता है. इस विधि से सब्जियां जमीन से ऊंचाई पर रहती हैं, जिससे उन्हें पर्याप्त धूप और हवा मिलती है. इसके अलावा, इस विधि से फसलों को कीड़ों और बीमारियों से भी कम नुकसान होता है.

मचान विधि से कौन-कौन सी सब्जियां उगाई जा सकती हैं?

मचान विधि से उगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियों में लौकी, करेला, तोरई, खीरा, कद्दू और तुरई शामिल हैं. इन सब्जियों की बेलें लंबी होती हैं और मचानों पर आसानी से चढ़ाई जा सकती हैं.

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